बातचीत की गुहार लगाने वाले शहबाज भाव नहीं मिलने पर बौखलाए, भारत के खिलाफ उगला जहर, अमेरिका ने अच्छे से समझा दिया

Shehbaz
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अभिनय आकाश । Aug 3 2023 5:26PM

शहबाज शरीफ ने तुर्की से युद्धपोत मिलने के बाद एक कार्यक्रम में भारत पर हमला बोला और कहा कि कुछ तत्व इस क्षेत्र में अपना आधिपत्य स्थापित करने की रेस में हैं।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की तरफ से सभी गंभीर और लंबित मुद्दों के समाधान के लिए भारत के साथ बातचीत करने की पेशकश की थी। लेकिन भारत की तरफ से भाव नहीं मिलने पर एक बार फिर से पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने भारत के खिलाफ जहर उगलना शुरू कर दिया है। शहबाज शरीफ ने तुर्की से युद्धपोत मिलने के बाद एक कार्यक्रम में भारत पर हमला बोला और कहा कि कुछ तत्व इस क्षेत्र में अपना आधिपत्य स्थापित करने की रेस में हैं। भारत को बातची का ऑफर करने के बाद अब शहबाज शरीफ ने कहा कि क्षेत्र में कुछ तत्व अपना आधिपत्य स्थापित करने का प्रयास कर रहे हैं और प्रभाव का क्षेत्र बनाना चाहते हैं। 

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भारत पाकिस्तान पर क्या बोला अमेरिका 

अमेरिकी सरकार के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि उनका देश भारत और पाकिस्तान के बीच सीधे संवाद का समर्थन करता है। भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पार आतंकवाद तथा कश्मीर मुद्दे समेत विभिन्न मसलों के कारण संबंध तनावपूर्ण हैं। भारत लगातार यह कहता रहा है कि वह पाकिस्तान से सामान्य पड़ोसी की तरह संबंध रखना चाहता है लेकिन इसकी जिम्मेदारी इस्लामाबाद पर है कि वह आतंकवाद और शत्रुता से मुक्त माहौल बनाएं। विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने अपने नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जैसा कि हम लंबे समय से कहते आ रहे हैं, हम भारत और पाकिस्तान के बीच चिंताजनक मुद्दों पर सीधे संवाद का समर्थन करते हैं। हमारा लंबे समय से यही रुख रहा है। 

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भारत से बातचीत की गुहार

दो दिन पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सभी गंभीर और लंबित मुद्दों को हल करने के लिए भारत के साथ वार्ता करने की पेशकश की। शरीफ ने यहां पाकिस्तान खनिज शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। ‘डस्ट टू डेवलपमेंट’ के नारे के तहत आयोजित इस बैठक का उद्देश्य नकदी संकट से जूझ रहे देश में विदेशी निवेश लाना है। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट तौर पर भारत के संदर्भ में कहा कि हम हर किसी के साथ बात करने के लिए तैयार हैं, यहां तक कि अपने पड़ोसी के साथ भी बशर्ते कि पड़ोसी गंभीर मुद्दों पर बात करने के लिए गंभीर हो, क्योंकि युद्ध अब कोई विकल्प नहीं है।

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