अधिकार और अपने हक पर ये महिला करती थी ट्वीट, सऊदी अरब ने सुना दी 34 साल की कठोर सजा
सलमा साल 2021 में अपनी छुट्टी पर सऊदी अरब आई थी और तभी उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। जून के महीने में उनको 6 साल की सजा सुनाई गई थी और उनके यात्रा पर भी प्रतिबंध लगा दी गई। अब इस सजा को और सख्त करते हुए सलमा को दोबारा से 9 अगस्त को सजा सुनाई गई है।
सऊदी अरब की एक महिला को ट्वीटर चलाने पर भारी जुर्माना उठाना पड़ा है। वहां की एक अदालत ने एक महिला को ट्वीटर चलाने पर 34 साल की सजा सुनाई है। महिला का नाम सलमा अल-शहाब और वह ब्रिटेन की लीड्स यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करती है। सलमा 2 बच्चों की मां है और उन पर देश में सार्वजनिक अशांति पैदा करने के लिए एक्टिविस्टों की मदद करने का आरोप लगा हैं।
क्या है पूरा मामला?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सलमा के ट्वीटर पर 2 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं। सलमा ज्यादातर सुन्नी देश की मुस्लिम महिलाओं के अधिकारों के बारे में ट्वीट करती रहती थीं। वह अपने ट्वीट से मुस्लिम देशों की कट्टरपंंथी सोच का जवाब देती थीं। वे कई एक्टिविस्ट को फॉलो करती थीं और हमेशा महिलाओं के अधिकारों से जुड़े मुद्दों को लेकर रीट्वीट करती थीं। इन्हीं सब कारणों से सलमा अपने देश की गुनहगार बन गई और उन्हें अपराधी घोषित कर दिया गया।
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सलमा को मिली है 34 साल की सजा
सलमा साल 2021 में अपनी छुट्टी पर सऊदी अरब आई थी और तभी उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। जून के महीने में उनको 6 साल की सजा सुनाई गई थी और उनके यात्रा पर भी प्रतिबंध लगा दी गई। अब इस सजा को और सख्त करते हुए सलमा को दोबोरा से 9 अगस्त को सजा सुनाई गई जिसके तहत उन्हें 34 साल की सजा दी गई है। इस सजा के मुताबिक, सलमा के 34 साल तक विदेश यात्रा जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। सलमा की इस सजा पर एक अधिकार समूह ALQST ने निंदा की है और कहा कि किसी भी कार्यकर्ता को पहली बार इतनी लंबी सजा सुनाई गई है। साथ ही कहा कि, ऐसी सजा महिलाओं और कानूनी व्यवस्था के सुधार में सऊदी अधिकारियों का मजाक बनाता है।
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