Prabhasakshi Exclusive: मदद दे देकर थक चुके हैं Zelensky के मददगार देश, क्या अब Putin को मिलने वाली है निर्णायक बढ़त

Volodymyr Zelensky
ANI

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि हालांकि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने व्हाइट हाउस में यूक्रेन के अपने समकक्ष वोलोदिमीर जेलेंस्की की मेजबानी करते हुए युद्धग्रस्त देश को नयी सैन्य सहायता के रूप में 32.5 करोड़ डॉलर देने की घोषणा की।

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम शौर्य पथ में इस सप्ताह हमने ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) से जानना चाहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध इस समय किस स्थिति में है, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि युद्ध स्थिर अवस्था में ही है क्योंकि सैन्य और आर्थिक मदद मांगने के लिए यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की विभिन्न देशों के दौरे पर हैं तो दूसरी ओर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन उत्तर कोरिया, चीन और अन्य देशों से हथियार जुटाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह युद्ध ऐसी स्थिति में पहुँच गया है जहां दोनों देशों को दूसरे देशों के आगे हाथ फैलाने की मजबूरी आ गयी है लेकिन फिर भी दोनों नहीं मान रहे हैं। उन्होंने कहा कि वैसे भी यह युद्ध अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव होने तक थमने के आसार नहीं हैं क्योंकि बाइडन रूस के खिलाफ माहौल को चुनावों में भुनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन अब अमेरिकी कांग्रेस सदस्यों ने सवाल उठाना शुरू कर दिया है कि हम क्यों यूक्रेन को सहायता जारी रखे हुए हैं जबकि हमें अपने रक्षा बजट में कटौती करनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि पोलैंड ने तो अब यूक्रेन को और मदद देने से साफ इंकार ही कर दिया है। माना जा रहा है कि आगामी दिनों में और भी यूरोपीय देश यूक्रेन को आगे मदद देने से इंकार करेंगे क्योंकि सबका खर्च बढ़ गया है।

ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि हालांकि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने व्हाइट हाउस में यूक्रेन के अपने समकक्ष वोलोदिमीर जेलेंस्की की मेजबानी करते हुए युद्धग्रस्त देश को नयी सैन्य सहायता के रूप में 32.5 करोड़ डॉलर देने की घोषणा की तथा रूसी आक्रमण से उसकी रक्षा करने का संकल्प जताया है, लेकिन आगे उनके लिए भी यूक्रेन को और मदद देना मुश्किल होने वाला है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी रक्षा विभाग में इस बात को लेकर भी चिंता जताई जाने लगी है कि यूक्रेन की सेना को प्रशिक्षण दिये जाने के बावजूद वह रूस के खिलाफ खुल कर आक्रामक नहीं हो पा रही है। पेंटागन के अधिकारी इस बात को लेकर भी चिंतित हैं कि जिस तरह नाटो के हथियारों को रूस विफल कर दे रहा है उससे अंतरराष्ट्रीय हथियार बाजार में अच्छा संदेश नहीं जा रहा है क्योंकि जब अन्य देश देखेंगे कि इनके हथियारों की काट मौजूद है तो उनसे कौन अस्त्र-शस्त्र खरीदेगा। उन्होंने कहा कि इसके अलावा जिस तरह रूस उत्तर कोरिया और ईरान से हथियार लेकर उनके हथियार बाजार को खड़ा कर रहा है वह आने वाले वक्त में बड़ी चुनौती बन सकता है।

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ब्रिगेडियर श्री डीएस त्रिपाठी जी (सेवानिवृत्त) ने कहा कि वैसे इसमें कोई दो राय नहीं कि बाइडन ने जेलेंस्की को काफी समर्थन दिया है। यह इसी बात से प्रदर्शित होता है कि उन्होंने इस साल व्हाइट हाउस में यूक्रेनी राष्ट्रपति का तीसरी बार स्वागत किया। उन्होंने बताया कि बाइडन ने यूक्रेन को 32.5 करोड़ डॉलर की और अमेरिकी सुरक्षा सहायता देने की घोषणा की जिसमें और तोपें, गोला बारुद और टैंक रोधी हथियार शामिल हैं। इसके अलावा अगले सप्ताह अमेरिका के पहले अब्राम्स टैंक यूक्रेन को दिए जाएंगे। इसके अलावा अमेरिका और यूक्रेन ने रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के लिए एक नया समझौता भी किया जिसके तहत वाशिंगटन अपने लोगों की रक्षा करने के लिए सर्दियों के दौरान कीव को उसकी वायु रक्षा (एयर डिफेन्स) में सुधार करने में मदद करेगा। उन्होंने बताया कि यह समझौता ऐसे समय पर हुआ है जब रूस ने यूक्रेन में पांच शहरों के खिलाफ हवाई हमलों का एक बड़ा अभियान शुरू किया है। इन हमलों से यूक्रेन के अहम असैन्य ढांचों को काफी नुकसान पहुंचा है और देश के कई हिस्सों में बिजली गुल हो गयी है जिससे जनता प्रभावित हुई है।

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