यूक्रेन पर Nuclear Attack के लिए पूरी तरह से तैयार है रूस! बाइडन ने चेताया दुनिया पर आने वाली है कयामत की रात | #Armageddon

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Prabhasakshi
रेनू तिवारी । Oct 8 2022 12:25PM

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक भविष्वाणी की है कि दुनिया तीसरे विश्व युद्ध की चपेट में आ सकती हैं और यह पूरी दुनिया के लिए कयामत साबित होगा। जो बाइडन के इस बयान के पीछे रूस के द्वारा दी जा रही यूक्रेन पर परमाणु बम गिराने की धमकी हैं।

Nuclear Attack on Ukraine | अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने एक भविष्वाणी की है कि दुनिया तीसरे विश्व युद्ध की चपेट में आ सकती हैं और यह पूरी दुनिया के लिए कयामत साबित होगा। जो बाइडन के इस बयान के पीछे रूस के द्वारा दी जा रही यूक्रेन पर परमाणु बम गिराने की धमकी हैं। दरअसल पिछले संबे समय से रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है जिसमें रूस की सेना ने जिस तरह से प्रदर्शन किया है उसे काफी कमजोर माना जा रहा है ऐसे में रूस के राष्‍ट्रपति पुत‍िन की तरफ से अपने देश के हित में यूक्रेन पर परमाणु बम का प्रयोग करने की धमकी भी दी गयी हैं। पुतिन के इस बयान के बाद बाइडन की टेंशन बढ़ गयी हैं। उन्होंने कहा है कि मैं पुतिन को अच्छी तरह से जानता हू कि अगर वह कह रहे हैं कि वह यूक्रेन पर परमाणु बम का प्रयोग कर सकते हैं तो उसका मतलब यही है कि वह ऐसा कर सकते हैं। 

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को लेकर अमेरिकी राष्‍ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि यह स्थिति 1962 के क्यूबा संकट जैसी स्थिति बन गयी हैं। 1962 के बाद कभी भी दुनिया में इस तरह की स्थिति नहीं बनी थी लेकिन रूस की परमाणु बम का प्रयोग करने की धमकी के बाद यह स्थिति फिर से उतपन्न हो गयी हैं।

बाइडन को सता रहा है तीसरे विश्व युद्ध का डर

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि 1962 के क्यूबा मिसाइल संकट के बाद से परमाणु ‘‘संघर्ष’’ का जोखिम उच्चतम स्तर पर है, क्योंकि रूसी अधिकारी यूक्रेन में आठ महीने से जारी हमलों के दौरान बड़े पैमाने पर झटकों का सामना करने के बाद परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने की संभावना की बात करते हैं। बाइडन ने डेमोक्रेटिक पार्टी के सीनेट प्रचार अभियान समिति के लिए चंदा एकत्रित करने के उद्देश्य से आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ‘‘जब परमाणु हथियारों या जैविक या रासायनिक हथियारों के उपयोग के बारे में बात करते हैं तब वह मजाक नहीं करते हैं।’’ बाइडन ने कहा, ‘हमने कैनेडी और क्यूबा मिसाइल संकट के बाद से संघर्ष की आशंका का सामना नहीं किया है।’ बाइडन ने रूसी परमाणु सिद्धांत को भी चुनौती दी और चेताया कि कम क्षमता वाले सामरिक हथियार का उपयोग जल्द ही नियंत्रण से बाहर होकर वैश्विक विनाश का कारण बन सकता है। कई महीनों से अमेरिकी अधिकारी इस आशंका को लेकर चेतावनी दे रहे हैं कि रूस यूक्रेन में सामूहिक विनाश के हथियारों का उपयोग कर सकता है क्योंकि उसे हाल में युद्ध में कई रणनीतिक असफलताओं का सामना करना पड़ा है।

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क्या राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन परमाणु हथियार का इस्तेमाल करेंगे? 

क्रेमलिन (रूसी राष्ट्रपति कार्यालय) पर नजर रखने वाले यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या रूसी नेता की परमाणु धमकी सिर्फ झांसा है, इससे अहम और कठिन सवाल नहीं हो सकता। फिलहाल के लिये, विश्लेषक सतर्कतापूर्वक यह सुझाते हैं कि इस बात का जोखिम कम लगता है कि पुतिन दुनिया के सबसे बड़े परमाणु हथियार के जखीरे का इस्तेमाल करेंगे। सीआईए ने कहा है कि उसे आसन्न रूसी परमाणु हमले के संकेत नहीं दिखते हैं। फिर भी, यूक्रेन में युद्ध छेड़ने के दौरान रूस की रक्षा के लिए “उपलब्ध सभी साधनों” का उपयोग करने के उनके संकल्प को बहुत गंभीरता से लिया जा रहा है। और शुक्रवार को उनके द्वारा किए गए इस दावे ने परमाणु हथियारों के दांव को लेकर आशंकाएं और बढ़ा दी हैं कि अमेरिका ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान परमाणु बम का इस्तेमाल कर “एक मिसाल कायम की है। ’’ 

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दुनिया में बढ़ा परमाणु संकट

व्हाइट हाउस (अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय) ने चेतावनी दी कि पुतिन परमाणु हमले का रुख करते हैं तो इसके “रूस के लिए विनाशकारी परिणाम” होंगे। सवाल यह है कि क्या इससे पुतिन के हाथ रुकेंगे ? इसका अंदाजा किसी को नहीं है। क्रेमलिन पर नजर रखने वाले बेचैनी के साथ स्वीकार करते हैं कि वे पुख्ता तौर पर नहीं कह सकते कि वह क्या सोच रहे हैं या फिर वह तर्कसंगत और परिणामों से अच्छी तरह अवगत हैं? रूसी खुफिया संस्था केजीबी के पूर्व एजेंट ने जोखिम और अस्थिरता का सामना करने का माद्दा दर्शाया है। जासूसी उपग्रहों से सुसज्जित पश्चिमी खुफिया एजेंसियों के लिए भी यह बताना मुश्किल है कि क्या पुतिन झांसा दे रहे हैं या वास्तव में परमाणु हथियारों के इस्तेमाल से उन्हें गुरेज नहीं होगा। सीआईए के निदेशक विलियम बर्न्स ने ‘सीबीएस न्यूज’ को बताया, “हमें आज अमेरिकी खुफिया समुदाय में कोई व्यावहारिक सबूत नहीं दिख रहा है कि वह वास्तविक उपयोग के करीब जा रहा है, या फिर सामरिक परमाणु हथियारों के उपयोग करने का एक आसन्न खतरा है।” 

रूस के इस कदम पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट

सीआईए के निदेशक विलियम बर्न्स  ने कहा, “हमें इसे गंभीरता से लेने और वास्तविक तैयारियों के संकेत को देखने की जरूरत है।” क्रेमलिन पर नजर रखने वाले आंशिक रूप से इस बात को लेकर भी माथापच्ची कर रहे हैं कि आखिर कैसे परमाणु ताकत यूक्रेन में रूस के सैन्य नुकसान की भरपाई में मदद कर सकती है। यूक्रेनी सैनिक अपनी जमीन पर फिर से कब्जा करने के लिए बड़ी संख्या में टैंकों का उपयोग नहीं कर रहे हैं, और कभी-कभी गांवों के रूप में छोटे स्थानों के लिए लड़ाई होती है। ऐसे में रूसी परमाणु ताकतें विजयी प्रभाव के साथ क्या लक्ष्य तय कर सकती हैं? परमाणु जोखिम में माहिर संयुक्त राष्ट्र के निरस्त्रीकरण अनुसंधान संस्थान के एक वरिष्ठ शोधकर्ता एंड्री बकलिट्स्की ने कहा, “परमाणु हथियार जादू की छड़ी नहीं हैं”। उन्होंने कहा, “वे कुछ ऐसा नहीं है कि आप उनका उपयोग करेंगे और आपकी सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा।” 

रूस ने दी यूक्रेन पर परमाणु बद गिराने की धमकी

विश्लेषकों को उम्मीद है कि परमाणु हथियारों को घेरने वाली वर्जना एक निरोधक है। अमेरिका द्वारा छह अगस्त और नौ अगस्त, 1945 को परमाणु बमों से जापानी शहरों को नष्ट करने के बाद हिरोशिमा और नागासाकी में मानवीय पीड़ा का भयावह पैमाना, ऐसे हथियारों के दोहराव के खिलाफ एक शक्तिशाली तर्क था। इन हमलों में करीब 2,10,000 लोगों की जान गई थी। विकिरण के दुष्प्रभाव दुनिया ने बरसों बरस देखे। इसके बाद किसी भी देश ने परमाणु हथियार का उपयोग नहीं किया। विश्लेषकों का अनुमान है कि पुतिन के लिये भी यह आसान नहीं होगा कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति हैरी ट्रूमैन के बाद परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करने वाले पहले नेता बनें। आरएएनडी कॉर्पोरेशन के एक वरिष्ठ नीति शोधकर्ता और अमेरिकी रक्षा विभाग में रूसी सैन्य क्षमताओं के एक पूर्व विश्लेषक, दारा मैसिकोट ने कहा, “रूस में अब भी उस सीमा को पार करना एक वर्जित कदम है।” बकलिट्स्की ने कहा, “धरती के इतिहास में सबसे कठिन फैसलों में से एक।” इससे होने वाली प्रतिक्रिया पुतिन को एक वैश्विक तिरस्कृत नेता में बदल सकती है।

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