PM मोदी के साथ राजस्थान की पायल भी हुई ''चेंजमेकर'' पुरस्कार से सम्मानित
पायल (17) ने कहा कि मैं ऐसी लड़की हूं जिसे समाज ने हमेशा ही परिवार में पुरूषों की सहायक की भूमिका निभाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि हर युवा ‘चेंजमेकर’(बदलाव लाने वाला) है, मैं उन सारे लोगों में से महज एक हूं। हमें बाल विवाह की बुराई से लड़ने के लिए एकजुट होना होगा।
नयी दिल्ली। अमेरिका में ‘चेंजमेकर’के रूप में ‘गोलकीपर्स एवार्ड’ से सम्मानित की गई राजस्थान की किशोरी पायल जांगीड़ का मानना है कि ‘बाल विवाह’ ने समाज की जीवन-शक्ति को पूरी तरह से पंगु कर दिया है, इसलिए सदियों पुरानी इस प्रथा का फौरन उन्मूलन करने की जरूरत है ताकि उसके जैसे बच्चे शिक्षा पर ध्यान केंद्रित कर सकें। पायल को अलवर जिला स्थित अपने गांव हिंसला और आसपास के गांवों में बाल विवाह उन्मूलन के लिये किये गये कार्यों के लिए बिल ऐंड मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन ने बुधवार को न्यूयार्क में ‘गोलकीपर्स ग्लोबल गोल्स अवार्ड्स’ से नवाजा। इस पुरस्कार समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी सम्मानित किया गया।
Payal Jangid received the Changemaker Award at tonight’s Goalkeepers Global Goals Awards. This award recognizes her campaign to end child labor and child marriage. pic.twitter.com/OV3U16ERmF
— Gates Foundation (@gatesfoundation) September 25, 2019
पायल (17) ने कहा कि मैं ऐसी लड़की हूं जिसे समाज ने हमेशा ही परिवार में पुरूषों की सहायक की भूमिका निभाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि हर युवा ‘चेंजमेकर’(बदलाव लाने वाला) है, मैं उन सारे लोगों में से महज एक हूं। हमें बाल विवाह की बुराई से लड़ने के लिए एकजुट होना होगा। उन्होंने कहा कि व्यापक परिप्रेक्ष्य में, मुझे लगता है कि भारत में सभी सामाजिक समस्याओं की जड़ लोगों में उचित शिक्षा का अभाव है। इसलिए, यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि हर बच्चे को न सिर्फ ‘बेसिक’ शिक्षा मिले बल्कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी मिले। वैश्विक स्तर पर ‘चेंजमेकर’ के रूप में मान्यता पाने वाली किशोरी ने कहा कि पुरस्कार जीतने के साथ ही दुनिया भर में, खासतौर पर उप-सहारा अफ्रीका और कई एशियाई देशों में हो रहे बाल विवाह के खिलाफ लड़ाई में एक लंबा सफर तय करना है।
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पायल ने कहा कि उन्होंने बाल विवाह के चंगुल से खुद के बचने के बाद इसका उन्मूलन करने के लिये काम करने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि बाल विवाह ने समाज की जीवन-शक्ति को पूरी तरह से पंगु कर दिया है, इसलिए सदियों पुरानी इस प्रथा का फौरन उन्मूलन करने की जरूरत है ताकि उसके जैसे बच्चे शिक्षा पर ध्यान केंद्रित कर सकें। उन्होंने कहा कि मैंने इलाके को इस बुराई से और अपराध से मुक्त करने का संकल्प लिया तथा अपने गांव एवं आसपास के इलाकों में अपना अभियान शुरू किया। अपने गांव के बाल पंचायत की प्रमुख पायल ने कहा कि उन्होंने अपने गांव और आस पड़ोस के गांवों की महिलाओं तथा बच्चों को सशक्त करने के लिए क्षेत्र में घूम कर कई सारी गतिविधियां की।
पायल ने कहा कि उन्होंने और हिंसला के अन्य बच्चों ने प्रदर्शन कर बाल विवाह जैसी सदियों पुरानी परंपरा का उन्मूलन करने की मांग की। उन्होंने कहा कि साल भर के अंदर ही चीजें बदलने लगी। महिलाओं और बच्चों ने अपनी चिंताएं और राय खुल कर प्रकट करना शुरू कर दिया। मेरा गांव हिंसला बाल विवाह मुक्त गांव बन गया। मुझे लगता है कि यह मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि है। जलवायु परिवर्तन और बाल श्रम जैसे मुद्दों पर भी मुखर रहने वाली युवा कार्यकर्ता ने कहा कि इस तरह के सारे मुद्दे युवा उठा रहे हैं और इनके पास दुनिया को बेहतर बनाने की ताकत है। न्यूयार्क के कार्यक्रम में उनके साथ नोबेल पुरस्कार से सम्मानित कैलाश सत्यार्थी भी थे। पायल ने कहा कि सत्यार्थी और सुमेधा कैलाश (सत्यार्थी की पत्नी) के दिशानिर्देश के तहत...मैंने अपने राज्य में बाल विवाह के खिलाफ अभियान चलाया, जहां आज भी ऐसी कई घटनाएं हो रही हैं।
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