भारत को सिखा रहा था पाकिस्तान, पुराने रिकॉर्ड खोल कर एक झटके में बैठाया चुप

भारत ने कहा कि पाकिस्तान को देखना चाहहिए कि उसके देश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की कितनी रक्षा होती है। उनके खिलाफ हो रहे अत्याचार के रिकार्ड को भी देख लेना चाहिए।
कानून भारत में आता है और परेशानी पाकिस्तान को होती है। भारत ने वक्फ संशोधन अधिनियम को लाकर पाकिस्तान में मानो भूचाल ला दिया है। पाकिस्तान बार बार भारत के इस कानून को लेकर तरह तरह की टिप्पणियां कर रहा था। अब पाकिस्तान की टिप्पणियों को भारत ने सिरे से खारिज करते हुए पाकिस्तान को ऐसा जोरदार जवाब दिया है कि पाकिस्तान चुपकर बैठ चुका है। भारत ने पाकिस्तान को स्पष्ट तौर पर रियलिटी चेक देते हुए कहा कि पाकिस्तान पहले अपने गिरेबान में झांके। भारत ने पाकिस्तान को पहले अपने गिरेबान में झांकने की नसीहत दे दी है। भारत ने कहा कि हमारे आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने का पाकिस्तान को कोई अधिकार नहीं है। विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट तौर पर कहा कि पाकिस्तान को दूसरों को उपदेश देने की बजाए खुद के यहां अल्पसंख्यकों की स्थिति को लेकर काम करना चाहिए।
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भारत ने कहा कि पाकिस्तान को देखना चाहहिए कि उसके देश में अल्पसंख्यकों के अधिकारों की कितनी रक्षा होती है। उनके खिलाफ हो रहे अत्याचार के रिकार्ड को भी देख लेना चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि हम भारत की संसद से पारित वक्फ (संशोधन) अधिनियम पर पाकिस्तान द्वारा किसी मकसद से प्रेरित और निराधार टिप्पणियों को सिरे से खारिज करते हैं। भारत के आंतरिक मामले पर टिप्पणी करने का पाकिस्तान को कोई अधिकार नहीं है।’’ जायसवाल ने कहा, ‘‘जब अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा की बात आती है तो पाकिस्तान को दूसरों को उपदेश देने के बजाय अपने खुद के बेहद खराब रिकॉर्ड पर गौर करना चाहिए।
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गौरतलब है कि पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने कथित तौर पर वक्फ अधिनियम को मुसलमानों को मस्जिदों और दरगाहों सहित उनकी संपत्तियों से बेदखल करने का प्रयास बताया था। अधिकारी ने बृहस्पतिवार को कथित तौर पर आरोप लगाया, हमारा दृढ़ विश्वास है कि यह भारतीय मुसलमानों के धार्मिक और आर्थिक अधिकारों का उल्लंघन है। पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ने कहा कि इस बात की गंभीर आशंका है कि यह (कानून) भारतीय मुसलमानों को और अधिक हाशिए पर धकेल देगा।
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