अमेरिका-भारत के साथ आने पर घूम गया पाकिस्तान का दिमाग, Trump को देने लगा धमकी

Pakistan
ANI
अभिनय आकाश । Apr 25 2025 4:17PM

ख्वाजा आसिफ का ये बयान सीधे तौर पर अमेरिका को कटघरे में लाकर खड़ा कर देता है कि पिछले तीन दशक से जो कुछ भी पाकिस्तान में हो रहा है। जो कुछ भी समर्थन इस्लामाबाद की तरफ से आतंकियों को दिया जा रहा है उसके पीछे पाकिस्तान नहीं बल्कि अमेरिका है। हालांकि देखा जाए तो इस वक्त पाकिस्तान किसी भी सूरत में खुद को बचाने में लगा है। इसीलिए अब वो इस मामले में अमेरिका को भी घसीट रहा है।

पाकिस्तान में डर का माहौल है। भारत की डर से वो दूसरे देशों से मदद की आस लगाए बैठा है। पाकिस्तान किसी भी तरह इस स्थिति से खुद को बाहर निकालने की जी-तोड़ कोशिश कर रहा है। इसके लिए वो अमेरिका तक को ब्लैकमेल करने लग गया है। दरअसल, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ से एक इंटरव्यू में ये बात पूछी गई कि क्या पाकिस्तान का इन आतंकवादी संगठन को समर्थन, वित्त पोषण और प्रशिक्षण देने का लंबा इतिहास रहा है। इसके जवाब में आसिफ ने कहा कि हम तीन दशकों से अमेरिका के लिए ये गंदा काम कर रहे हैं। ख्वाजा आसिफ का ये बयान सीधे तौर पर अमेरिका को कटघरे में लाकर खड़ा कर देता है कि पिछले तीन दशक से जो कुछ भी पाकिस्तान में हो रहा है। जो कुछ भी समर्थन इस्लामाबाद की तरफ से आतंकियों को दिया जा रहा है उसके पीछे पाकिस्तान नहीं बल्कि अमेरिका है। हालांकि देखा जाए तो इस वक्त पाकिस्तान किसी भी सूरत में खुद को बचाने में लगा है। इसीलिए अब वो इस मामले में अमेरिका को भी घसीट रहा है। 

इसे भी पढ़ें: 30 साल से हम ये गंदा खेल खेल रहे हैं...आतंक की फैक्ट्री बनने पर क्यों मजबूर हुआ पाकिस्तान? कैमरे पर रक्षा मंत्री ने कर दिया खुलासा

अमेरिका को ब्लैकमेल करने में लगा पाकिस्तान

वो  उम्मीद लगाए बैठा है कि अमेरिका इसमें हस्तक्षेप करेगा। ब्रिटेन के स्काई न्यूज के साथ बातचीत में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री से जब ये पूछा गया कि क्या अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को इस संकटको सुलझाने के लिए मदद में शामिल होना चाहिए तो आसिफ ने कहा कि निश्चति रूप से वो विश्व शक्ति का नेतृत्व कर रहे हैं। एकमात्र विश्व शक्ति हैं। वो दुनियाभर में अलग अलग फ्लैश प्वाइंट पर अलग अलग पार्टियों से बात कर रहे हैं। ये भी एक प्लैश प्वाइंट है, जिसमें दो परमाणु शक्तियां एक दूसरे के साथ जुड़ी हुई हैं। मुझे लगता है कि स्थिति पर ध्यान दिया जाना चाहिए और विश्व शक्ति हस्तक्षेप कर सकती है तो इस स्थिति में किसी तरह की समझदारी लाई जा सकती है तो ये अच्छा होगा। 

अमेरिका ने खड़ा किया मुजाहिदीन

पाकिस्तान 70-80 के दशक का जिक्र कर अमेरिका पर निशाना साध रहा था। दरअसल, ये 1970 की बात है कम्युनिस्ट सरकार को बचाने के लिए सोवियत संघ रूस ने अफगानिस्तान पर हमला किया। शीत युद्ध की वजह से अमेरिका की दुश्मनी रूस के साथ अपने चरम पर थी। फिर अफ़ग़ानिस्तान का भाग्य लिखने के लिए पाकिस्तान, सऊदी अरब और अमेरिका ने नया गठजोड़ बनाया। तीनों देशों को देवबंद और उसके पाकिस्तानी राजनीतिक पार्टी जमात-ए-उलेमा-ए-इस्लाम में उम्मीद नज़र आयी। पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा के एक देवबंदी हक्कानी मदरसे और फिर देवबंद के कराची मदरसे में पढ़ने वाले मुहम्मद उमर को ज़िम्मेदारी देकर मुल्ला मुहम्मद उमर बनाया गया। किसी को खबर हीं नहीं लगी कि कब मुल्ला उम्र ने पहले पचास और 15 हज़ार छात्रों के मदरसे खोल लिए। इसके लिए पाकिस्तान, अमेरिका और सउदी अरब ने खूब पैसे खर्चने शुरू किए। अमेरिका ने 1980 में यूनाइटेड स्टेट एजेंसी फ़ॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट बनाया जिसके जरिए देवबंद के नफ़रती विचारों वाली शिक्षण सामग्री को छपवाकर देवबंदी मदरसों में बांटा जाने लगा।  सोवियत से लड़ने के लिए अफ़गानिस्तान में मुजाहिदीनों की एक फ़ौज खड़ी हो गई। 1989 में सोवियत की वापसी के साथ इस युद्ध का एक पन्ना ख़त्म हो गया। सोवियत जा चुका था। मगर उससे लड़ने के लिए खड़े हुए मुजाहिदीन लड़ाकों ने हथियार नहीं रखे थे। वो अब अफ़गानिस्तान के अलग-अलग हिस्सों में वर्चस्व बनाने के लिए लड़ रहे थे। मार्च 1985 में राष्ट्रपति रीगन की राष्ट्रीय सुरक्षा टीम ने औपचारिक रूप से पाकिस्तान की मदद से मुजाहिदीन को हथियार उपलब्ध कराने का फैसला किया, जो इसके वितरण की देखभाल भी करता था। 

इसे भी पढ़ें: India-Pakistan War Update: भारत के लिए पाकिस्तान पर टूट पड़े 20 देश, कांपने लगे शहबाज के पैर!

भारत के साथ मजबूती के साथ खड़ा अमेरिका

आपको बता दें कि अमेरिका ने भारत में हुए इस आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निंदा की है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता टेमी ब्रूस ने कहा है कि जैसा कि राष्ट्रपति ट्रंप और विदेश मंत्री रूबियो पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि अमेरिका भारत के साथ है और आतंकवाद के हर कृत्य की निंदा करता है। उन्होंने कहा कि हम इस हमले में जान गंवाने वालों के लिए प्रार्थना करते हैं। घायलों के जल्द से जल्द स्वस्थ्य होने की कामना करते हैं। हम ये चाहते हैं कि दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए। 

भारत को जवाब देने की धमकी

हालांकि अपने इंटरव्यू में ख्वाजा आसिफ ने ये बात भी कही कि अगर भारत द्वारा कोई पहल की जाती है तो हम उसी तरह से जवाब देंगे। हमारे पास कोई विकल्प नहीं होगा। अब देखते वाली बात ये है कि दूसरे देशों की मदद की आस लगाए पाकिस्तान के रक्षा मंत्री भारत को खोखली धमकी देने से भी पीछे नहीं हटे। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि भारत द्वारा की जाने वाली किसी भी पहल पर हम अपनी प्रतिक्रिया को नापें तौलेंगे और नाप तौल कर ही जवाब देंगे। आपको बता दें कि पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद पूरे भारत में आक्रोश है। प्रधानमंत्री मोदी ने खुले तौर पर ये चेतावनी दी है कि भारत हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को पृथ्वी के अंदर से खोजकर लाएगा और उन्हें दंड देगा।   

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़