Vishwakhabram: Modi-Zelensky चर्चा कर रहे थे, तभी अचानक Putin ने Ceasefire का प्रस्ताव क्यों पेश कर दिया?

Modi Zelensky
Prabhasakshi

जहां तक पुतिन के प्रस्ताव की बात है तो आपको बता दें कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में तत्काल 'युद्धविराम' और बातचीत शुरू करने का प्रस्ताव दिया है लेकिन उनकी शर्त है कि इसके लिए कीव को कब्जे वाले क्षेत्रों से अपने सैनिकों को वापस बुलाना होगा।

रूस और यूक्रेन के बीच सवा दो साल से ज्यादा समय से चल रहे युद्ध के बीच आज तब नया मोड़ आ गया जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में संघर्षविराम का प्रस्ताव दे दिया। हम आपको बता दें कि पुतिन का यह प्रस्ताव ऐसे समय आया है जब इटली में हो रहे जी-7 शिखर सम्मेलन से इतर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदमीर जेलेंस्की से मुलाकात की। मोदी पहले भी कह चुके हैं कि यह युद्ध का समय नहीं है। हम आपको यह भी बता दें कि जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान पश्चिमी और यूरोपीय देशों के नेताओं ने यूक्रेन को समर्थन बढ़ाने का ऐलान भी किया है।

जहां तक पुतिन के प्रस्ताव की बात है तो आपको बता दें कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन में तत्काल 'युद्धविराम' और बातचीत शुरू करने का प्रस्ताव दिया है लेकिन उनकी शर्त है कि इसके लिए कीव को कब्जे वाले क्षेत्रों से अपने सैनिकों को वापस बुलाना होगा और नाटो में शामिल होने की योजना त्यागनी होगी। पुतिन ने मॉस्को में रूसी विदेश मंत्रालय में दिये गये अपने संबोधन में कहा कि अगर यूक्रेन हमारा प्रस्ताव मानता है तो हम अपने वादे पर तुरंत अमल करेंगे। हम आपको बता दें कि 71 वर्षीय रूसी राष्ट्रपति पुतिन स्विट्जरलैंड में उस शिखर सम्मेलन की पूर्व संध्या पर बोल रहे थे, जहां 90 से अधिक देश और संगठन यूक्रेन में शांति की दिशा तलाशने के लिए चर्चा करने के लिए एकत्र हुए हैं। इस बैठक में रूस को आमंत्रित नहीं किया गया है और रूस ने भी इस आयोजन को 'समय की बर्बादी' बताकर खारिज कर दिया है।

इसे भी पढ़ें: सबको गले लगाना अपने कल्चर की है आदत, Putin के सबसे बड़े दुश्मन से कुछ इस अंदाज में मिले PM मोदी

हम आपको बता दें कि वर्तमान में, युद्ध का तीसरा वर्ष चल रहा है और इस समय रूस यूक्रेनी क्षेत्र के लगभग पांचवें हिस्से को नियंत्रित करता है। देखना होगा कि रूस के प्रस्ताव पर यूक्रेन की क्या प्रतिक्रिया रहती है लेकिन इससे पहले कीव ने हमेशा कहा है कि शांति केवल रूसी सेना की पूर्ण वापसी और हमारे देश की क्षेत्रीय अखंडता की बहाली पर आधारित हो सकती है। हम आपको यह भी बता दें कि इससे पहले पुतिन ने कहा था कि दो साल पहले कीव की ओर रूसी सैनिकों के बढ़ने का उद्देश्य यूक्रेन को शांति समझौते के लिए सहमत होने के लिए मजबूर करना था और राजधानी पर हमले का हमारा कोई इरादा नहीं था। हम आपको यह भी बता दें कि यूक्रेन और पश्चिम ने दावा किया है कि रूस कीव पर कब्ज़ा करना चाहता था लेकिन भयंकर प्रतिरोध के कारण वह अपना उद्देश्य हासिल नहीं कर सका।

जहां तक मोदी और जेलेंस्की मुलाकात की बात है तो आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को इटली के अपुलिया क्षेत्र में जी-7 शिखर सम्मेलन से इतर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से बातचीत की। ऐसा समझा जाता है कि जेलेंस्की ने मोदी को रूस-यूक्रेन संघर्ष के विभिन्न पहलुओं के बारे में जानकारी दी। मोदी ने पिछले साल मई में भी हिरोशिमा में आयोजित जी-7 शिखर सम्मेलन से इतर जेलेंस्की से मुलाकात की थी। भारत यह कहता रहा है कि यूक्रेन में जारी संघर्ष को बातचीत और कूटनीति के जरिये सुलझाया जाना चाहिए। मुलाकात के बाद मोदी ने कहा कि भारत, यूक्रेन के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए उत्सुक है। राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ वार्ता के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 'बहुत उपयोगी' बैठक हुई। उन्होंने दोहराया कि भारत मानव-केंद्रित दृष्टिकोण में विश्वास करता है और मानता है कि शांति का रास्ता बातचीत और कूटनीति से होकर जाता है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़