चीन के साथ LAC विवाद ने भारत को दूसरों के साथ सहयोगात्मक प्रयास की जरूरत का कराया एहसास

LAC dispute with China made India

चीन के साथ एलएसी पर विवाद ने भारत को दूसरों के साथ सहयोगात्मक प्रयास की जरूरत का एहसास कराया है।डेविडसन ने कहा कि मुझे लगता है कि चार देशों के गठबंधन (क्वाड) के साथ भारत अपने संबंध गहरा करेगा और मुझे लगता है कि यह हमारे, ऑस्ट्रेलिया और जापान के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक अवसर है।

वाशिंगटन। पेंटागन के एक शीर्ष कमांडर ने मंगलवार को सांसदों से कहा कि चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हाल की गतिविधियों ने भारत को यह एहसास दिलाया है कि उनकी अपनी रक्षा संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए दूसरों के साथ सहयोगात्मक प्रयास के क्या मायने हो सकते हैं। ‘यूएस इंडो-पैसिफिक’ कमान के कमांडर एडमिरल फिल डेविडसन ने ‘सीनेट फॉरेन रिलेशन कमेटी’ के सदस्यों से कहा, ‘‘ आप जानते हैं कि भारत ने लंबे समय से रणनीतिक स्वायत्तता का रुख अपनाया हुआ था, गुटनिरपेक्षता का रुख लेकिन मुझे लगता है कि चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर हाल की गतिविधियों ने उसे एहसास करा दिया है कि उनकी अपनी रक्षा संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए दूसरों के साथ सहयोगात्मक प्रयास के क्या मायने हो सकते हैं।’’

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एडमिरल ने सीनेटर एंगस किंग के सवाल का जवाब देते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा, ‘‘ भारत को संकट के समय हमने कुछ सूचनाएं भी दी थीं। इनके अलावा कुछ उपकरण आदि भी दिए थे और पिछले कई वर्षों में, हम अपने समुद्री सहयोग को भी प्रगाढ़ कर रहे हैं।’’ डेविडसन ने कहा कि मुझे लगता है कि चार देशों के गठबंधन (क्वाड) के साथ भारत अपने संबंध गहरा करेगा और मुझे लगता है कि यह हमारे, ऑस्ट्रेलिया और जापान के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीतिक अवसर है। भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के शीर्ष नेताओं का सम्मेलन 12 मार्च को ऑनलाइन आयोजित होगा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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