शराब के सेवन से युवाओं में बढ़ जाता है स्वास्थ्य का जोखिम, लांसेट का अध्ययन

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युवाओं को ज्यादा उम्र वालों की तुलना में शराब के सेवन से अधिक स्वास्थ्य जोखिम का सामना करना पड़ता है। शोध पत्रिका ‘लांसेट’ में शुक्रवार को प्रकाशित एक वैश्विक अध्ययन में यह बात कही गई है। भौगोलिक क्षेत्र, आयु, लिंग और वर्ष के आधार पर शराब से जुड़े जोखिम के बारे में यह पहला अध्ययन है।

वाशिंगटन। युवाओं को ज्यादा उम्र वालों की तुलना में शराब के सेवन से अधिक स्वास्थ्य जोखिम का सामना करना पड़ता है। शोध पत्रिका ‘लांसेट’ में शुक्रवार को प्रकाशित एक वैश्विक अध्ययन में यह बात कही गई है। भौगोलिक क्षेत्र, आयु, लिंग और वर्ष के आधार पर शराब से जुड़े जोखिम के बारे में यह पहला अध्ययन है। इसमें कहा गया है कि दुनिया भर में शराब की खपत की सिफारिशें उम्र और स्थान पर आधारित होनी चाहिए, जिसमें सबसे सख्त दिशानिर्देश 15-39 साल के आयु वर्ग के पुरुषों के लिए लक्षित हों। अध्ययन में कहा गया है कि इस उम्र समूह में शराब के सेवन से स्वास्थ्य का जोखिम बढ़ जाता है।

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अध्ययन से यह भी पता चलता है कि अगर कोई गंभीर बीमारी ना हो तो 40 वर्ष और उससे अधिक उम्र के वयस्कों को कम मात्रा में शराब के सेवन से कुछ लाभ मिल सकते हैं। ऐसे में इस समूह को हृदय रोग, हृदयाघात और मधुमेह का जोखिम कम होता है। शोधकर्ताओं ने 204 देशों में शराब के सेवन के अनुमानों के आधार पर गणना की कि 2020 में 1.34 अरब लोगों ने हानिकारक मात्रा में इसका सेवन किया। शोधकर्ताओं ने कहा कि हर क्षेत्र में, असुरक्षित मात्रा में शराब पीने वाली आबादी का सबसे बड़ा वर्ग 15-39 साल के आयु वर्ग के पुरुष थे और इस आयु वर्ग के लोगों को शराब पीने से कोई स्वास्थ्य लाभ नहीं होता बल्कि कई स्वास्थ्य जोखिम होते हैं।

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उन्होंने कहा कि इस आयु वर्ग के लोगों में लगभग 60 प्रतिशत चोटें शराब से जुड़ी घटनाओं के कारण होती हैं, जिनमें मोटर वाहन दुर्घटनाएं, आत्महत्या और हत्या शामिल हैं। अमेरिका के वाशिंगटन विश्वविद्यालय में इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैल्यूशन (आईएचएमई) के प्रोफेसर और अध्ययन की लेखिका इमैनुएला गाकिडौ ने कहा, ‘‘हमारा संदेश बिल्कुल स्पष्ट है: युवाओं को शराब का सेवन नहीं करना चाहिए लेकिन उम्रदराज लोगों को कम मात्रा में इसके सेवन से कुछ फायदे हो सकते हैं।’’ गाकिडौ ने कहा, ‘‘यह सोचना यथार्थवादी नहीं हो सकता है कि युवा शराब पीने से परहेज करेंगे, लेकिन हमें लगता है कि नवीनतम प्रमाणों को प्रसारित करना महत्वपूर्ण है ताकि हर कोई अपने स्वास्थ्य के बारे में अच्छा निर्णय ले सके।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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