भारत के साथ तनावपूर्ण संबंध के लिए कनाडा के लोगों ने ट्रूडो को बताया जिम्मेदार, 39% ने कहा- वर्तमान सरकार के तहत नहीं सुधरेंगे रिश्तें

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ANI
अभिनय आकाश । Dec 5 2024 6:21PM

सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि 39% कनाडाई लोगों का मानना ​​था कि ट्रूडो के प्रधानमंत्री बने रहने तक संबंधों में सुधार नहीं होगा। एंगस रीड इंस्टीट्यूट (एआरआई) और कनाडा के एशिया पैसिफिक फाउंडेशन के सर्वेक्षण में इस बात पर आम सहमति की कमी सामने आई कि भारत-कनाडाई संबंधों के खराब होने के लिए कौन जिम्मेदार है।

भारत और कनाडा के बीच के रिश्ते अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहे हैं। खालिस्तानी आलगाववादी निज्जर हत्याकांड के बाद जस्टिन ट्रूडो की सरकार के आरोपों और भारत की जवाबी प्रतिक्रिया नेइसे निचले स्तर पर पहुंचा दिया है। ऐसे में ताजा  सर्वेक्षण में पाया गया कि 39% कनाडाई लोगों का मानना ​​था कि ट्रूडो प्रशासन संबंधों को अच्छी तरह से प्रबंधित नहीं कर रहा था। सिर्फ इतना ही नहीं, सर्वेक्षण में यह भी पाया गया कि 39% कनाडाई लोगों का मानना ​​था कि ट्रूडो के प्रधानमंत्री बने रहने तक संबंधों में सुधार नहीं होगा। एंगस रीड इंस्टीट्यूट (एआरआई) और कनाडा के एशिया पैसिफिक फाउंडेशन के सर्वेक्षण में इस बात पर आम सहमति की कमी सामने आई कि भारत-कनाडाई संबंधों के खराब होने के लिए कौन जिम्मेदार है। हालाँकि, अधिक लोगों ने इसका दोष कनाडा सरकार पर मढ़ा। सर्वेक्षण के अनुसार, 39% कनाडाई मानते हैं कि कनाडा संबंधों को अच्छी तरह से प्रबंधित नहीं कर रहा है, जबकि 32% का विपरीत विचार था, और 29% उत्तरदाताओं ने कहा कि वे निश्चित नहीं थे। 

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संबंधों में जल्द ही सुधार होने वाला है?

सर्वेक्षण में शामिल लोगों में से 39% का मानना ​​था कि ट्रूडो के पद पर बने रहने तक संबंधों में सुधार नहीं होगा, जबकि 34% ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में भी ऐसा ही सोचा। कनाडा में 2025 में संसदीय चुनाव होने जा रहा है और विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी चुनाव जीतने की प्रबल दावेदार है। यदि कंजर्वेटिव जीतते हैं, तो पियरे पोइलिवरे कनाडा के प्रधान मंत्री होंगे, जिससे द्विपक्षीय संबंधों को फिर से स्थापित करने का मौका मिलेगा।

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