ब्रिटेन की विपक्षी पार्टी अल्पसंख्यकों पर कोरोना के प्रभाव की करेगी समीक्षा
ब्रिटेन की विपक्षी पार्टी अल्पसंख्यकों पर कोविड-19 के प्रभाव की समीक्षा करेगी।सिख फेडरेशन यूके ने कहा कि इसके प्रतिनिधियों ने निदेशक (अंतिम संस्कार) से प्राप्त ताजा आंकड़े सौंपे हैं जो यह प्रदर्शित करते हैं कि पिछले तीन हफ्तों में सिख समुदाय के जितने लोगों की मौतें हुई हैं उनमें 60 प्रतिशत से अधिक की मौत कोविड-19 से हुई है।
लंदन। ब्रिटेन की विपक्षी लेबर पार्टी ने कोरोना वायरस महामारी के देश में भारतीय मूल के लोगों सहितअन्य अल्पसंख्यक आबादी पर आनुपातिक रूप से अधिक प्रभाव पड़ने की समीक्षा करने की शुक्रवार को घोषणा की। लेबर पार्टी के नेता केर स्टार्मर ने अपने ‘शैडो’ कैबिनेट मंत्रियों और ब्रिटेन के अल्पसंख्यक समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ एक डिजिटल बैठक की। इसका उद्देश्य अश्वेत, एशियाई और अल्पसंख्यक जातीय (बीएएमई) समूहों को कोविड-19 के चलते अस्पताल की गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती किये जाने और उनकी मौत होने की संभावना अधिक होने का विश्लेषण करने की प्रक्रिया शुरू करना है।
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शैडो मंत्री विपक्षी दल में संबद्ध विभाग के मामलों पर नजर रखते हैं। स्टार्मर ने कहा, ‘‘हमें अवश्य ही इस समस्या का समाधान करना होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रीय आपातकाल की इस स्थिति में लेबर पार्टी सरकार के साथ रचनात्मक कार्य करना जारी रखेगी। इसमें उन मुद्दों पर प्रकाश डालना शामिल है जहां उसे कहीं अधिक विस्तृत समझ की जरूरत है। ’’ कुल मृत्यु दर में बीएएमई समूह की हिस्सेदारी 16.2 प्रतिशत है जो आबादी में उनकी 14 प्रतिशत हिस्सेदारी से अधिक है।
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सिख फेडरेशन यूके ने कहा कि इसके प्रतिनिधियों ने निदेशक (अंतिम संस्कार) से प्राप्त ताजा आंकड़े सौंपे हैं जो यह प्रदर्शित करते हैं कि पिछले तीन हफ्तों में सिख समुदाय के जितने लोगों की मौतें हुई हैं उनमें 60 प्रतिशत से अधिक की मौत कोविड-19 से हुई है।
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