ब्रिटेन ने पहली बार किया कुछ ऐसा, UNSC में चीन नहीं लगा सकेगा अड़ंगा!
ब्रिटेन सरकार का मानना है कि हिंद-प्रशांत अब केवल झुकाव नहीं बल्कि ब्रिटेन की विदेश नीति का एक स्थायी स्तंभ है। ब्रिटेन भारत के साथ एक मुक्त व्यापार समझौते की दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है।
दुनिया में भारत का दबदबा धीरे-धीरे बढ़ता ही जा रहा है। कोई भी ऐसा देश नहीं है जो मौजूदा दौर में भारत के साथ टकराव चाहता है। ये आर्थिक दौर है और भारत की आबादी दूसरे देशों को यहां व्यापार करने का एक बड़ा अवसर प्रदान करती है। इसलिए समय-समय पर सभी देश भारत का समर्थन करते रहते हैं। हाल ही में ब्रिटेन भारत के लिए स्थायी सदस्यता का समर्थन किया है। ब्रिटेन सरकार ने अपनी संसद में पेश की गई रक्षा एवं विदेश नीति संबंधित ताजा समीक्षा के तहत यूएनएससी में सुधारों में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करने को लेकर पहली बार प्रतिबद्धता जताई है।
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ब्रिटेन सरकार का मानना है कि हिंद-प्रशांत अब केवल झुकाव नहीं बल्कि ब्रिटेन की विदेश नीति का एक स्थायी स्तंभ है। ब्रिटेन भारत के साथ एक मुक्त व्यापार समझौते की दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। ब्रिटेन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार का समर्थन करेगा और स्थायी सदस्यों के रूप में ब्राजील, भारत, जापान, जर्मनी का स्वागत करेगा। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के विदेश मामलों के प्रवक्ता ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में हमने पहली बार यूके पॉलिसी डॉक्यूमेंट को शामिल किया है और इससे संसद के समक्ष पेश किया है। हम यूएनएससी सुधारों का समर्थन करना जारी रखेंगे। हम यूएनएससी में अफ्रीका की स्थायी सदस्यता का भी समर्थन करते हैं।
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