भुजंगासन करने से सेहत को मिलते हैं कई जबरदस्त फायदे, जानें करने का तरीका और सावधानियाँ

bhujangasana
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भुजंगासनसंस्कृत के शब्द भुजंग से बना है, जिसका अर्थ है सर्प। भुजंगासन को सर्पआसन या कोबरा पोज भी कहते हैं क्योंकि इस आसन में सांप जैसी मुद्रा बनाई जाती है। इस आसान के नियमित अभ्यास से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं में लाभ होता है।

हमारी व्यस्त जीवनशैली में हम अक्सर अपने स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही कर जाते हैं। स्वस्थ्य रहने के लिए शारीरिक गतिविधि बहुत जरूरी होती है। इसके लिए योग एक अच्छा विकल्प है। योग के कई आसन हैं जिनके नियमित अभ्यास से हमें स्वस्थ रहने में मदद मिलती है। ऐसा ही एक आसान है भुजंगासन। यह संस्कृत के शब्द भुजंग से बना है, जिसका अर्थ है सर्प। भुजंगासन को सर्पआसन या कोबरा पोज भी कहते हैं क्योंकि इस आसन में सांप जैसी मुद्रा बनाई जाती है। इस आसान के नियमित अभ्यास से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं में लाभ होता है। भुजंगासन करने से कंधे, कोहनी, पीठ, गर्दन और लीवर को मजबूती मिलती है।

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भुजंगासन करने का सही समय

भुजंगासन हमेशा खाली पेट करना चाहिए। यदि आपने खाना खाया है तो उसके तकरीबन 3 से 4 घंटे बाद ही इस आसन को करें। इससे खाने को पचने का पर्याप्त समय मिलता है और आसन करने में आसानी होती है।

भुजंगासन करने की विधि

इस आसान को करने के लिए ज़मीन पर पेट के बल लेट जाएँ। 

अपनी कोहनियों को कमर से सटा के रखें और हथेलियां ऊपर की ओर रखें। 

अब धीरे-धीरे सांस भरते हुए अपनी छाती को ऊपर की ओर उठाएं। उसके बाद अपने पेट के भाग को धीरे धीरे ऊपर उठा लें। 

इस स्थिति में 30 सेकंड तक रहें। 

अब बाद सांस  छोड़ते हुए, अपने पेट, छाती और फिर सिर को धीरे-धीरे जमीन की ओर नीचे लाएं।

भुजंगासन से जुड़ी सावधानियां

हर्निया से पीड़ित लोगों को इस आसन का अभ्यास करने से बचना चाहिए। 

पेट दर्द होने पर यह आसन ना करें।

गर्भवती महिलाएं इस आसन को बिल्कुल ना करें।

हाथ, पीठ और गर्दन में दर्द या चोट है तो इस आसन को ना करें। 

इस आसन करते समय अपने सर को पीछे की ओर ज्यादा ना झुकाएं वरना मांसपेशियों में खिंचाव आ सकता है।

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भुजंगासन करने के फायदे

इस आसान को करने से पीठ के दर्द से राहत मिलती है।

इस आसान को करने से गले से संबंधित रोगों में फायदा मिलता है।

इस आसन को करने से कमर से संबंधित परेशानियां जैसे दर्द या झुकाव दूर होता है।

यह आसन रीढ़ की हड्डी को सक्रिय बनाता है।

इस आसन से पैंक्रियाज सक्रिय होते हैं जिसके कारण हमारे शरीर में अच्छी मात्रा में इंसुलिन बनना शुरू हो जाता है। इसलिए डायबिटीज से जुड़े व्यक्तियों को भुजंगासन जरूर करना चाहिए।

इस आसन को करने से पेट और कमर दर्द से छुटकारा मिलता है।

मोटापा कम करने में भी यह आसन लाभदायक है।

इस आसन को करने से तनाव से जुड़ी परेशानियों से मुक्ति मिलती है।

- प्रिया मिश्रा 

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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