Health Tips: सीने में भारीपन महसूस होने पर हो सकता है हार्ट अटैक का खतरा, न करें इग्नोर

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इंटरकोस्टल मांसपेशियों के तनाव के कारण सीने और आसपास के हिस्से में दर्द या भारीपन महसूस होने लगता है। सीने में भारीपन महसूस होने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। यह कई गंभीर बीमारियों की ओर संकेत करता है।

सीने में भारीपन या जकड़न का एहसास होना सामान्य स्थिति नहीं होती है। ऐसे लक्षण गंभीर बीमारी की ओर संकेत करते हैं। कुछ लोगों को तनाव लेने के कारण सीने में भारीपन महसूस होता है। वहीं पैनिक अटैक से यह स्थिति ज्यादा देखने को मिल सकती है। मांसपेश‍ियों में ख‍िंचाव होना भी सीने में भारीपन का एक कारण होता है। इंटरकोस्टल मांसपेशियों के तनाव के कारण सीने और आसपास के हिस्से में दर्द या भारीपन महसूस होने लगता है।

बता दें कि सीने में भारीपन महसूस होने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। यह कई गंभीर बीमारियों की ओर संकेत करता है। आज इस आर्टिकल में हम आपको सीने में भारीपन या दर्द महसूस होने के कारणों के बारे में बताने जा रहे हैं। सीने में भारीपन या दर्द होने पर इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए।

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कोरोनरी आर्टरी डिजीज

हार्ट तक ब्‍लड सप्‍लाई करने वाली ब्‍लड वैसल्‍स कोरोनरी आर्टरी डिजीज होने पर डैमेज हो जाती हैं। ब्‍लड वैसल्‍स के डैमेज होने से आर्टरी में प्लॉक जमा होने लगता है। जिसकी वजह से सीने में भारीपन या जलन आदि महसूस होती है। इसके अलावा कोरोनरी आर्टरी डिजीज की समस्या होने पर सांस लेने में तकलीफ होना और सीने में दर्द की समस्या भी देखने को मिलती है। इस आर्टरी के पूरी तरह से ब्लॉक होने पर हार्ट अटैक भी आने की संभावना होती है। ऐसे में फौरन इलाज जरूरी होता है। 

गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज

गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज होने से व्यक्ति के चेस्ट में भारीपन महसूस होने लगता है। आमतौर पर यह समस्या तब होती है, जब पेट का एसिड इसोफेगस तक आ जाता है। ऐसी स्थिति में सीने में भारीपन के अलावा सीने में जलन होना, सीने में दर्द होना और खाना खाने में तकलीफ होना शामिल है। अपनी लाइफस्टाइल व डाइट में बदलाव करने के साथ ही अगर आप दवाओं का समय से सेवन करते हैं तो इस समस्या का इलाज संभव है।  

न‍िमोन‍िया

फेफड़ों में होने वाले इंफेक्शन को निमोनिया कहते हैं। निमोनिया होने पर एयर सैक में पस या फ्लूड भर जाता है। जिसके कारण सीने में भारीपन महसूस होने लगता है। इस स्थिति में व्यक्ति को ज्यादा पसीना आना, खांसी, सीने में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, थकान और जी मिचलाना आदि की समस्याएं हो सकती हैं। बता दें कि निमोनिया के लक्षण सामान्य से गंभीर भी हो सकते हैं। घरेलू उपचार से निमोनिया को ठीक करने की कोशिश न करें। निमोनिया के लक्षण सामने आते ही डॉक्टर से संपर्क करें।

अस्‍थमा

जब व्यक्ति को अस्थमा की बीमारी होती है तो उसके फेफड़ों में एक्स्ट्रा म्यूकस जमा हो जाता है। जिसके कारण सांस लेने में परेशानी होने लगती हैं। इस स्थिति में सांस लेने में तकलीफ, सीने में भारीपन, खांसी आदि के लक्षण सामने आते हैं। अस्थमा के मरीज जब ज्यादा एक्सरसाइज करते हैं, या ज्यादा हार्ड वर्क करते हैं तो उन्हें सीने में भारीपन महसूस हो सकता है। वहीं सामान्य लक्षण होने पर मरीज को फौरन डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

पल्मोनरी हाइपरटेंशन

इस स्थिति में व्यक्ति की धमनियां, हार्ट का दाई तरफ का हिस्सा और फेफड़े प्रभावित होते हैं। जिसके कारण आपको सीने में भारीपन भी महसूस हो सकता है। पल्मोनरी हाइपटेंशन में व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ, हाथ-पैर में सूजन और थकान आदि के लक्षण देखने को मिल सकते हैं। इसे पूरी तरह से सही नहीं किया जा सकता है। हालांकि दवा और सर्जरी के जरिए आप इसके लक्षणों को काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं।

डिस्क्लेमर: इस लेख के सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन सुझावों और जानकारी को किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर न लें। किसी भी बीमारी के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
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