कब है नाग पंचमी? जानें शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और मंत्र
हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन मास की शुक्ल पंचमी तिथि को नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव के साथ-साथ नाग देवता की पूजा की जाती है। इस साल नाग पंचमी 02 अगस्त (मंगलवार) को मनाई जाएगी।
सावन मास में कई प्रमुख व्रत-त्योहार पड़ते हैं। नाग पंचंमी भी सावन में पड़ने वाला एक खास त्योहार है। हिंदू पंचांग के अनुसार, सावन मास की शुक्ल पंचमी तिथि को नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव के साथ-साथ नाग देवता की पूजा की जाती है। इस साल नाग पंचमी 02 अगस्त (मंगलवार) को मनाई जाएगी। यह त्योहार देशभर में बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। उत्तर प्रदेश और बिहार में नाग पंचमी पर मेलों का आयोजन किया जाता है। माना जाता है कि भगवान शिव को नाग अतिप्रिय है इसलिए श्रावण मास में भगवान शिव के साथ-साथ नाग देवता की पूजा करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। नाग देवता की पूजा करने से सभी पाप नष्ट होते हैं और धन लाभ होता है। आइए जानते हैं नाग पंचमी का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि -
नाग पंचमी शुभ मुहूर्त
नाग पंचमी - 02 अगस्त, 2022 (मंगलवार)
नाग पंचमी पूजा मूहूर्त -सुबह 06 बजकर 05 से 08 बजकर 41 मिनट
पंचमी तिथि प्रारम्भ - 02 अगस्त, 2022 को सुबह 05 बजकर 13 मिनट से शुरू
पंचमी तिथि समाप्त - 03 अगस्त, 2022 को सुबह 05 बजकर 41 मिनट पर खत्म
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नाग पंचमी की पूजन विधि
नाग पंचमी के दिन सुबह स्नान करके घर के दरवाजे पर मिट्टी या गोबर से नाग देवता का चित्र बनाएं।
शिव जी और नाग देवता की प्रतिमा पर दूध चढ़ाएं।
इसके बाद शिव जी के साथ-साथ नाग देवता को दूर्वा, कुशा, फूल, अछत, जल और दूध चढ़ाएं।
नाग देवता को सेवईं या खीर का भोग लगाएं। सांप की बांबी के पास दूध या खीर रख देना चाहिए।
इस दिन अष्टनागों के इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
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नाग पंचमी पूजा मन्त्र
सर्वे नागाः प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले।
ये च हेलिमरीचिस्था येऽन्तरे दिवि संस्थिताः॥
ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिनः।
ये च वापीतडगेषु तेषु सर्वेषु वै नमः॥
अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम्।
शङ्ख पालं धृतराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा॥
एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम्।
सायङ्काले पठेन्नित्यं प्रातःले विशेषतः।
तस्य विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत्॥
- प्रिया मिश्रा
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