Saraswati Puja 2024: नवरात्रि के 7वें दिन से लेकर दशहरे तक चलता है सरस्वती पूजा का उत्सव, जानिए महत्व
शारदीय नवरात्रि के मौके पर सरस्वती पूजा का भी उत्सव मनाया जाता है। सरस्वती पूजा के पहले दिन मां सरस्वती का आह्वान किया जाता है और दूसरे दिन सरस्वती पूजा की जाती है। यह अनुष्ठान नवरात्रि के सातवें दिन से लेकर दशहरा के दिन तक चलता है।
शारदीय नवरात्रि के मौके पर सरस्वती पूजा का भी उत्सव मनाया जाता है। बता दें कि यह अनुष्ठान नवरात्रि के सातवें दिन से लेकर दशहरा के दिन तक चलता है। सरस्वती पूजा के पहले दिन मां सरस्वती का आह्वान किया जाता है और दूसरे दिन सरस्वती पूजा की जाती है। इस बार आज यानी की 10 अक्तूबर को सरस्वती पूजा का उत्सव मनाया जाता है।
सरस्वती की पूजा के आखिरी दिन विधि विधान से सरस्वती जी की प्रतिमा का विसर्जन कर दिया जाता है। बता दें कि मुख्य रूप से यह उत्सव दक्षिण भारतीय राज्यों में अधिक लोकप्रिय है। तो आइए जानते हैं सरस्वती पूजा की तारीख, मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में...
सरस्वती पूजा 2024
सरस्वती पूजा का पहला दिन - 9 अक्टूबर 2024, सरस्वती आवाहन
सरस्वती पूजा का दूसरा दिन - 10 अक्टूबर 2024, सरस्वती पूजा, आयुध पूजा
सरस्वती पूजा का तीसरा दिन - 11 अक्टूबर 2024, सरस्वती बलिदान
सरस्वती पूजा का चौथा दिन - 12 अक्टूबर 2024, सरस्वती विसर्जन
पूजा सामग्री
सरस्वती जी की तस्वीर या मूर्ति
पूजा की थाली
फूल
अक्षत
चंदन
कुमकुम
धूप
दीप
पूजन विधि
नवरात्रि में सरस्वती पूजा के दौरान वेदी स्थापित की जाती है। मां सरस्वती की वेदी को फूलों से सजाया जाता है और मां को फल और अन्य प्रसाद चढ़ाए जाते हैं। वहीं पेशेवर लोग और छात्र पूजा के दौरान अपनी किताबें और उपकरण मां के चरणों में अर्पित करते हैं और अपनी सफलता के लिए प्रार्थना करते हैं। विधि-विधान से पूजा-अर्चना कर मां सरस्वती के मंत्रों का जाप करें और पूजा के अंत में आरती करें।
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