Lalita Saptami 2023: ललिता सप्तमी का व्रत करने से दूर होंगे सारे दुख, भगवान कृष्ण की प्राप्त होगी कृपा

Lalita Saptami 2023
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हिंदू धर्म में हर साल ऐसे कई पर्व होते हैं, जो काफी ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं। बता दें कि हर साल भाद्रपद मास की सप्तमी तिथि को ललिता सप्तमी का व्रत किया जाता है। इस साल आज यानी की 22 सितंबर को ललिता सप्तमी का व्रत किया जा रहा है।

हिंदू धर्म में हर साल ऐसे कई पर्व होते हैं, जो काफी ज्यादा महत्वपूर्ण होते हैं। बता दें कि हर साल भाद्रपद मास की सप्तमी तिथि को ललिता सप्तमी का व्रत किया जाता है। पूरे ब्रज मंडल में यह दिन काफी धूमधाम से मनाया जाता है। ललिता सप्तमी को संतान सप्तमी भी कहा जाता है। इस दिन लोग ललिता देवी की कृपा पाने के लिए उनकी विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं। मान्यता के अनुसार, ललिता देवी की पूजा करने से भगवान श्रीकृष्ण की कृपा भी प्राप्त होती है। यह दिन भगवान श्रीकृष्ण के लिए भी काफी खास है। 

आज मनाई जा रही ललिता सप्तमी

बता दें कि हर साल की तरह इस साल 22 सितंबर को ललिता सप्तमी का पर्व मनाया जा रहा है। इस साल ललिता सप्तमी तिथि की शुरूआत 21 सितंबर 2023 को दोपहर 02:14 मिनट से हो रही है। वहीं 22 सितंबर 2023 को दोपहर 01:35 मिनट पर यह तिथि खत्म होगी। हालांकि उदयातिथि के मुताबिक ललिता सप्तमी का व्रत 22 सितंबर को किया जा रहा है।

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शुभ मुहूर्त

ललिता सप्तमी का शुभ मुहूर्त सुबह 04:35 मिनट से शुरू होगा और सुबह 05:22 मिनट पर समाप्त होगा। आज सुबह 11:49 मिनट पर अभिजीत मुहूर्त शुरू होगा और दोपहर 12:38 मिनट पर खत्म होगा। इसके अलावा गोधूलि मुहूर्त शाम को 06:18 मिनट पर शुरू होकर शाम को 06:42 मिनट पर खत्म होगा। अमृत काल सुबह 06:47 मिनट पर शुरू होकर सुबह 08:23 मिनट पर समाप्त होगा


पूजा के नियम

ललिता सप्तमी के दिन सुबह जल्दी स्नान आदि कर स्वच्छ वस्त्र पहनें।

फिर पूजा स्थान की साफ-सफाई कर भगवान श्री गणेश का ध्यान करें।

अब भगवान श्री गणेश, भगवान श्री कृष्ण, देवी ललिता, माता पार्वती, शालिग्राम भगवान की पूजा अर्चना करें।

पूजा के दौरान उन्हें हल्दी, चंदन का पेस्ट, गुलाल, नारियल, चावल, फूल और दूध को प्रसाद के रूप में चढ़ाएं।

इसके बाद तांबे के बर्तन से जल अर्पित करें।

पूजा में मौली या लाल धागा चढ़ाएं और फिर उसे अपने दाहिने हाथ में बांधें।

इस दिन सुबह सूर्योदय से लेकर अगले दिन सूर्योदय तक व्रत किया जाता है।

पौराणिक कथा

पौराणिक कथा के मुताबिक भगवान श्री कृष्ण की 8 प्रिय सखियां थीं। जिनमें श्रीराधा रानी, श्री ललिता सखी, श्री चित्रा, श्री इंदुलेखा, श्री विशाखा, श्री चंपकलता, श्री सुदेवी, श्रीचंपकलता और श्री तुंगविद्या थीं। भगवान श्री कृष्ण इन सारी सखियों में सबसे अधिक प्रेम श्री राधा और श्री ललिता सखी को करते थे। श्री कृष्ण की प्रिय सखी ललिता जी ललिता सप्तमी का व्रत समर्पित है। मान्यता के अनुसार, ललिता सप्तमी के दिन जो भी व्यक्ति भगवान श्री कृष्ण और राधा रानी के साथ श्री ललिता देवी की पूजा-अर्चना करता है। वह भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय हो जाता है। ललिता सप्तमी का व्रत करने से संतान प्राप्ति की इच्छा पूरी होती है।

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