2011 के वर्ल्ड कप में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट बने थे युवराज, ऐसा था परफॉर्मेंस
आईसीसी ने युवराज सिंह को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना था और इसी समय उन्हें कैंसर जैसी बीमारी से भी जूझना पड़ा था।
साल 1983 में कपिल देव की कप्तानी में भारत का कद विश्व में सबसे ऊंचा हो गया था और उसके बाद भारतीय टीम को 28 साल लगे अपना करिश्मा दोहराने में। इस बार टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी थे जिनकी कप्तानी में भारत ने एक बार फिर से विश्व कप अपने नाम किया था लेकिन इस बार मैच के असल हीरे साबित हुए युवराज सिंह। आईसीसी ने उन्हें प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट चुना था और इसी समय उन्हें कैंसर जैसी बीमारी से भी जूझना पड़ा था।
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साल 2000 में केन्या के खिलाफ एकदिवसीय मैच में डेब्यू करने वाले युवराज सिंह ने 2011 के वर्ल्ड कप में 8 पारियां में 361 रन बनाए। इसके साथ ही युवी ने 9 मैच में 15 विकेट भी चटकाए थे। इस दौरान युवराज ने कप्तान को हर मोर्चे पर खुश किया। युवी जब बल्ला उठाते तो लंबे-लंबे छक्के देखने को मिलते और जब हाथों पर गेंद थामते तो मुश्किल परिस्थितों में भी टीम को 1-2 विकेट निकाल कर देते।
युवराज सिंह ने अब तक कुल 304 वनडे मैचों में 8701 रन बनाए थे। इन पारियों में युवी ने कुल 14 शतक और 52 अर्धशतक जड़े थे। वहीं उन्होंने 111 विकेट भी चटकाए। एक समय था जब टीम इंडिया की फील्डिंग काफी कमजोर थी उस वक्त युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ ने टीम में नई जान भरी और भारतीय टीम की इस कमजोरी को भी दूर कर दिया। फिर क्या था फिल्डर्स के तौर पर टीम में फिर रवींद्र जडेजा, सुरेश रैना, अजिंक्य रहाणे, हार्दिक पांड्या जैसे लोग शामिल होने लगे।
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हाल ही में पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने युवराज सिंह और मोहम्मद कैफ की तारीफ करते हुए कहा था कि इस तरह के खिलाड़ी जीतने के लिए पैदा होते हैं। चाहे परिस्थितियां कुछ भी हो उनसे पार पाना इन खिलाड़ियों को बखूबी आता है। मैदान के भीतर युवराज का बल्ला चलते तो सभी ने देखा है लेकिन मैदान के बाहर भी वो किसी फाइटर से कम नहीं थे। भारत और श्रीलंका के बीच फाइनल मुकाबले के दौरान खून की उल्टियां करने वाले युवराज सिंह ने कैंसर का इलाज वर्ल्ड कप मुकाबला खेलने के बाद कराया।
The man who starred in India's 2007 World T20 and 2011 World Cup victories, @YUVSTRONG12 announces his retirement from International cricket.
— BCCI (@BCCI) June 10, 2019
What's your favourite #YuvrajSingh moment in international cricket? pic.twitter.com/7Bw5LnwOFG
कैंसर से जूझते हुए युवी ने अपने बल्ले का दम दिखाया और बाद में लंदन में अपना इलाज कराया और कैंसर की जंग जीतकर दोबारा टीम इंडिया में शामिल हुए। गौरतलब है कि युवराज सिंह ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया है, जिसके साथ ही उनके उतार चढ़ाव वाले करियर का भी अंत हो गया। संन्यास का ऐलान करते हुए युवराज ने कहा कि मैंने 25 साल के बाद अब क्रिकेट से आगे बढ़ने का फैसला किया है। क्रिकेट ने मुझे सब कुछ दिया और यही वजह है कि मैं आज यहां पर हूं। इसी के साथ उन्होंने कहा कि मैं बहुत भाग्यशाली रहा कि मैंने भारत की तरफ से 400 मैच खेले। जब मैंने खेलना शुरू किया था तब मैं इस बारे में सोच भी नहीं सकता था।
- अनुराग गुप्ता
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