साक्षात्कारः अजय देवगन ने माना- साउथ सिनेमा ने बॉलीवुड पर अच्छी बढ़त बनाई हुई है

ajay devgn
ANI

अजय देवगन ने कहा कि बदलाव प्रकृति का नियम है। चीजें बदलती हैं और बदलते रहना चाहिए। लेकिन इस बदलाव में हमें अपनी जमीन को नहीं नकारना चाहिए, सिनेमा बदलते समाज का दर्पण माना जाता है। फिर भी मैं यही कहूंगा कि बदलाव के नाम पर संस्कृति के साथ छेड़छाड़ नहीं होना चाहिए।

बेहतरीन अदाकारी के लिए अभिनेता अजय देवगन तीसरी बार नेशनल पुरस्कार से नवाजे गए। पिछले सप्ताह दिल्ली के विज्ञान भवन में 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों का वितरण राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों हुआ जिसमें कई कलाकारों को पुरस्कार दिया गया। अजय देवगन को उनकी फिल्म ‘तान्हाजी’ के लिए बेस्ट एक्टर अवॉर्ड मिला। इसके अलावा अन्य दो श्रेणियों में भी उनकी फिल्म को पुरस्कार मिला। पुरस्कार को उन्होंने दर्शकों को समर्पित करते हुए कहा ये उनका प्यार और स्नेह है। पुरस्कार वितरण के बाद अजय देवगन से डॉ. रमेश ठाकुर ने उनके फिल्मी सफर पर विस्तार से बातचीत की। पेश हैं बातचीत के मुख्य अंश-

प्रश्नः तीसरी दफे आपको राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया है?

उत्तर- दर्शकों का प्यार है। शुक्रिया अदा करना चाहूंगा, जिन्होंने मेरे काम को सराहा, पसंद किया। जब आपके काम की सराहना होती है तो आपको और ऊर्जा मिलती है अच्छा काम करने की भीतर ललक पैदा होती है। पहली बार जब राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला था तो अहसास हुआ था कि मेरे काम को नोटिस किया जा रहा है। उसके बाद दूसरे राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार ने हिम्मत और संबल दिया और अब तीसरा सम्मान मिला है। कोशिश रहेगी, भविष्य में और अच्छा कर सकूं।

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प्रश्नः राष्ट्रीय पुरस्कारों में इस बार साउथ सिनेमा का भी खूब बोलबाला रहा?

उत्तर- हक बनता है उनका। बीते कुछ वर्षों से उन्होंने अच्छी लीड ली हुई है। खाटी की अदाकारी और कड़ी मेहनत करने में साउथ के आर्टिस्ट पीछे नहीं रहते। काम को अपना शत-प्रतिशत देते हैं। यही, वजह है साउथ और हिंदी इंडस्ट्री अब आपस में मिलकर कई बड़े प्रोजेक्ट कर रही हैं। मेरे साथ इस बार साउथ सिनेमा के सुपरस्टार सूर्या को भी फिल्म ‘सोरारई पोटरु’ के लिए बेस्ट एक्टर का अवार्ड दिया गया है जिसके वह असल हकदार हैं।

प्रश्नः पिछले दो राष्ट्रीय पुरस्कार आपको किन फिल्मों के लिए दिए गए थे?

उत्तर- पहला, राष्ट्रीय पुरस्कार मुझे सन 1998 में फिल्म ‘जख्म’ के लिए मिला था और दूसरी बार ‘द लीजेंड ऑफ भगत सिंह’ फिल्म के लिए मिला था। ईश्वर के आशीर्वाद और चाहने वालों के प्यार से ये सिलसिला जारी है। इस कड़ी में अब तीसरा अवार्ड भी जुड़ा है। उम्मीद है ऐसा आगे भी होता रहेगा। खुशी की बात ये है इस बार ‘तान्हाजी’ को दो श्रेणियों में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार के सम्मान से नवाजा गया है। फिल्म के सभी कलाकारों ने बेहतरीन अदाकारी पेश की थी। ये अवार्ड उन सभी का है।

प्रश्नः इतने अवार्डों के बाद अक्सर अभिनेता अपनी फीस बढ़ा देते हैं?

उत्तर- फीस का तो नहीं पता? लेकिन इससे मैं खुद की जिम्मेदारियां बढ़ी हुई जरूर महसूस करता हूं। पैसा ही सब कुछ नहीं होता, इंसान का सम्मान और उसकी समाज में स्वीकार्यता मायने रखती है। कलाकारों के अभिनय से उनके चरित्र का चित्रण दर्शक करते हैं। दर्शकों की नजरों में अपना चरित्र साफ-सुथरा रहे, इसी को मैं असल पूंजी मानता हूं। पैसों के पीछे ना कल भागा था, ना भविष्य में भागूंगा।

प्रश्नः आपको लीक से हटकर अभिनय करने के लिए लोग जानते है। पर, बदलते सिनेमा में खुद को कैसे फिट बैठा पाते हैं?

उत्तर- देखिए, बदलाव प्रकृति का नियम है। चीजें बदलती हैं और बदलते रहना चाहिए। लेकिन इस बदलाव में हमें अपनी जमीन को नहीं नकारना चाहिए, सिनेमा बदलते समाज का दर्पण माना जाता है। फिर भी मैं यही कहूंगा कि बदलाव के नाम पर संस्कृति और सभ्यता के साथ छेड़छाड़ नहीं होना चाहिए। मेरी शुरू से मांग रही है कि सब्जेक्टों पर फिल्मों का निर्माण हो जिसमें ज्यादा सस्पेंस ना डाला जाए तो बेहतर होगा।

प्रश्नः अगले कुछ महीनों में बड़े प्रोजेक्ट की फिल्में भी आपकी आने वाली हैं?

उत्तर- जी हां। इसी माह 24 अक्टूबर को फिल्म ’थैंक गॉड’ सिनेमाघरों में रिलीज होगी, उम्मीद है दर्शक इसे पसंद करेंगे। इसके अलावा ’दृश्यम 2’ का रिकॉस टीजर भी रिलीज हो चुका है, वो भी अगले महीने 18 नवंबर को रिलीज होगी। अपकमिंग फिल्में भोला और सिंघम-3 भी लाइन में हैं। ये दोनों भी जल्द पर्दे पर दिखेंगी। बाकी कई अनाम प्रोजेक्ट रन में हैं जिस पर ज्यादा डिस्कस नहीं करूंगा।

-बातचीत में जैसा डॉ. रमेश ठाकुर से अभिनेता अजय देवगन ने कहा।

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