'ड्रैगन' पर लगाम लगाने के लिए क्वाड के 2 बड़े देशों ने मिलाया हाथ, चीन पर सामानों की निर्भरता कम करेंगे भारत और ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया अपने सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार चीन पर अपनी निर्भरता कम करना चाहता है, क्योंकि राजनयिक विवाद के कारण बीजिंग ने कुछ ऑस्ट्रेलियाई उत्पादों पर बैन लगा दिया। पीएम स्कॉट मॉरिसन के कुछ दिनों के भीतर आम चुनाव में जाने की उम्मीद है और चुनाव प्रचार शुरू होने से पहले व्यापार सौदे को सुरक्षित करने के लिए उत्सुक हैं।
चीन की विस्तारवादी नीति तमाम दुनिया के तमाम मुल्कों के बीच चिंता का सबब बनी हुई है। क्वाड समेत दक्षिण पूर्व एशिया के तमाम देश इसको लेकर उपाय तलाशने में लगे हैं। तमाम कवायदों के बीच क्वाड के दो बड़े देशों ने चीन की मैन्युफैक्चरिंग किंग वाले फॉर्मूले के सहारे दुनिया को माल बेचकर मुनाफा कमाने और अपने खजाने को भरने के प्लान को डिकोड कर लिया है। इसके साथ ही अब चीन की उसी कमजोर नस पर प्रहार करने का फूलप्रूफ प्लान भी बन चुका है। ऑस्ट्रेलिया अपने सबसे बड़े व्यापारिक साझेदार चीन पर अपनी निर्भरता कम करना चाहता है, क्योंकि राजनयिक विवाद के कारण बीजिंग ने कुछ ऑस्ट्रेलियाई उत्पादों पर बैन लगा दिया। पीएम स्कॉट मॉरिसन के कुछ दिनों के भीतर आम चुनाव में जाने की उम्मीद है और चुनाव प्रचार शुरू होने से पहले व्यापार सौदे को सुरक्षित करने के लिए उत्सुक हैं।
पैसों के बल पर सेना को मजबूत करने में लगा चीन
चीन लगातार अपने रक्षा बजट में इजाफा कर रहा है। उसने अपने रक्षा बजट को 7.1 फीसदी तक बढ़ाने का फैसला लिया है। इससे पहले बीते साल चीन ने अपने रक्षा बजट में 6.8 फीसदी की बढोतरी की थी। राष्ट्रपति शी चिनफिंग के 2012 में सत्ता में आने के बाद से बीते वर्षों में रक्षा खर्च बढ़ा है। अमेरिका के बाद चीन रक्षा बजट पर खर्च करने के मामले में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। पैसों के सहारे चीन बेहतर और उन्नत हथियारों को बनाने और सेना को मजबूत करने के काम में जुटा है। जिसके मद्देनजर करीब एक दशक की वार्ता के बाद भारत और ऑस्ट्रेलिया ने चीन के फॉर्मूले की काट ढूंढ ली है।
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खत्म होगी चीन के प्रति निर्भरता
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर हुए। इस समझौते के तहत ऑस्टेलिया टेक्सटाइल, चमड़ा, आभूषण और खेल उत्पादों समेत 95 फीसदी से अधिक भारतीय वस्तुओं के लिए अपने बाजार में ड्यूटी फ्री एक्सेस देगा। इस समझौते से द्विपक्षीय व्यापार पांच सालों में बढ़कर 45 से 50 अरब अमेरिकी डॉलर के करीब पहुंचने की संभावना है, जो इस वक्त 27 अरब अमेरिकी डॉलर है। ऑस्ट्रेलिया ने औपचारिक रूप से भारत के साथ एक व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करते हुए दोनों देशों के बीच घनिष्ठ व्यापार संबंध बनाने के इरादे का संकेत दिया। ऑस्ट्रेलिया-भारत आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते पर व्यापार मंत्री डैन तेहान और भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री, पीयूष गोयल द्वारा ऑनलाइन समारोह में हस्ताक्षर किए गए। ऑस्ट्रेलिया के प्रधान मंत्री स्कॉट मॉरिसन और भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी इस समारोह के साक्षी बने।
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