चीनी उत्पादन 14 प्रतिशत बढ़ा, वर्ष 2021-22 में 3.55 करोड़ टन पहुंचने का अनुमान: एनएफसीएसएफ
चीनी विपणन वर्ष अक्टूबर से सितंबर तक चलता है। नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज (एनएफसीएसएफ) ने कहा, ‘‘भारत ने पहली बार अप्रैल 2022 तक 3.42 करोड़ टन से अधिक चीनी का रिकॉर्ड उत्पादन किया है।’’
नयी दिल्ली| भारत में चीनी उत्पादन चालू विपणन वर्ष 2021-22 में अब तक 14 प्रतिशत बढ़कर 3.42 करोड़ टन हो गया है। सहकारी निकाय एनएफसीएसएफ ने बृहस्पतिवार को कहा कि चीनी उत्पादन इस साल 3.55 करोड़ टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच सकता है। देश का चीनी उत्पादन वर्ष 2020-21 में 3.11 करोड़ टन, वर्ष 2019-20 में 2.59 करोड़ टन, वर्ष 2018-19 में 3.22 करोड़ टन तथा विपणन वर्ष 2017-18 में 3.12 करोड़ टन था।
चीनी विपणन वर्ष अक्टूबर से सितंबर तक चलता है। नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज (एनएफसीएसएफ) ने कहा, ‘‘भारत ने पहली बार अप्रैल 2022 तक 3.42 करोड़ टन से अधिक चीनी का रिकॉर्ड उत्पादन किया है।’’अब तक का उत्पादन एक साल पहले की अवधि में हासिल किए गए तीन करोड़ टन से 14 प्रतिशत अधिक है। साथ ही जो 520 चीनी मिलें चालू हैं, उनमें से 219 मिलें अभी भी पेराई कर रही हैं, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में 106 चीनी मिलों में पेराई चल रही थी।
एनएफसीएसएफ ने कहा, ‘‘इस गति से, अखिल भारतीय स्तर पर कुल चीनी उत्पादन (एथनॉल के लिए 35 लाख टन चीनी को शामिल करने के बाद) 3.55 करोड़ टन से अधिक होने की संभावना है।’’ इसने कहा है कि विशेष रूप से महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और गुजरात में पेराई का काम मई के अंत तक जारी रह सकता है, जो भारतीय चीनी क्षेत्र के इतिहास में एक और नया रिकॉर्ड होगा।
ब्राजील के बाद भारत चीनी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। भारत के कुल चीनी उत्पादन में शीर्ष तीन राज्यों (महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक) का 85 प्रतिशत योगदान है।
कुल मिलाकर, इन तीन राज्यों ने इस साल 30 अप्रैल तक 2.91 करोड़ टन चीनी का उत्पादन किया है, जबकि एक साल पहले की अवधि में 2.54 करोड़ टन चीनी का उत्पादन हुआ था। जबकि अन्य सभी राज्यों ने आलोच्य अवधि के दौरान 46 लाख टन के मुकाबले 51 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। प्रमुख चीनी निर्यात गंतव्य देश इंडोनेशिया (15 प्रतिशत), बांग्लादेश (10 प्रतिशत) और अफगानिस्तान, सोमालिया, जिबूती और मलेशिया (3-3) प्रतिशत हैं।
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