चालू वित्त वर्ष में महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था के 12.1 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान: समीक्षा
आर्थिक समीक्षा कहती है कि राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 2.1 प्रतिशत रहने का अनुमान इस वित्त वर्ष के बजट में जताया गया है। वहीं राष्ट्रीय जीडीपी में महाराष्ट्र की औसत हिस्सेदारी 14.2 प्रतिशत के सर्वोच्च स्तर तक पहुंच गई है।
मुंबई| महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था के वित्त वर्ष 2021-22 में 12.1 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है। इस दौरान कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों की वृद्धि दर 4.4 प्रतिशत, उद्योग क्षेत्र की वृद्धि दर 11.9 प्रतिशत और सेवा क्षेत्र की वृद्धि दर 13.5 प्रतिशत रह सकती है। महाराष्ट्र विधानसभा में बृहस्पतिवार को पेश वित्त वर्ष 2021-22 की राज्य आर्थिक समीक्षा रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष में फसल उपज में तीन प्रतिशत, पशुधन में 6.9 प्रतिशत, वानिकी में 7.2 प्रतिशत और मत्स्यपालन में 1.6 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है।
समीक्षा कहती है कि वित्त वर्ष 2021-22 में सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) 31,97,782 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है जबकि प्रति व्यक्ति आय 1,93,121 करोड़ रुपये रह सकती है। वर्ष 2019-20 में प्रति व्यक्ति आय 1,96,100 करोड़ रुपये रही थी।
बजट अनुमानों के मुताबिक, वर्ष 2021-22 में राजस्व प्राप्तियां 3,68,987 करोड़ रुपये रहेंगी। वित्त वर्ष 2020-21 में यह 2,89,498 करोड़ रुपये रही थीं। आर्थिक समीक्षा के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में केंद्रीय अनुदान समेत राज्य का कर एवं गैर-कर राजस्व क्रमश: 2,85,534 करोड़ रुपये एवं 83,453 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है। बजट अनुमानों के मुताबिक इस वित्त वर्ष में राजस्व खर्च 3,79,213 करोड़ रुपये रहेगा जबकि वर्ष 2020-21 के संशोधित अनुमानों के मुताबिक यह 3,35,675 करोड़ रुपये रहा था।
आर्थिक समीक्षा कहती है कि राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 2.1 प्रतिशत रहने का अनुमान इस वित्त वर्ष के बजट में जताया गया है। वहीं राष्ट्रीय जीडीपी में महाराष्ट्र की औसत हिस्सेदारी 14.2 प्रतिशत के सर्वोच्च स्तर तक पहुंच गई है।
अद्यतन अनुमानों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021-22 में प्रति व्यक्ति राज्य आय 2,25,073 रुपये रहने का अनुमान है। खरीफ सत्र 2021-22 में 155.15 लाख हेक्टेयर में बुवाई की गई। चालू वित्त वर्ष में अनाज, दाल, तिलहन, कपास एवं गन्ने की पैदावार एक साल पहले की तुलना में क्रमश: 11 प्रतिशत, 27 प्रतिशत, 13 प्रतिशत, 30 प्रतिशत एवं 0.4 प्रतिशत कम रहने का अनुमान है। वहीं रबी सत्र में जनवरी के अंत तक 52.47 लाख हेक्टेयर इलाके में बुवाई की गई थी।
दालों की पैदावार में 14 प्रतिशत तेजी का अनुमान है जबकि अनाज एवं तिलहन की उपज में क्रमश: 21 प्रतिशत एवं सात प्रतिशत की गिरावट आ सकती है।
आर्थिक समीक्षा के मुताबिक, महाराष्ट्र में अक्टूबर, 2021 के अंत तक 10,785 स्टार्टअप सक्रिय थे। जून, 2020 से लेकर दिसंबर, 2021 के दौरान राज्य में 1.88 लाख करोड़ रुपये निवेश के प्रस्ताव भी मिले जिनसे 3.34 लाख लोगों को रोजगार मिलने का अनुमान है।
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