बचत योजनाओं पर पुरानी ब्याज दर और आरबीआई बॉंड योजना बहाल करे सरकार: कांग्रेस

Congress

सरकार ने 7.75 प्रतिशत बचत (कर योग्य) बॉंड योजना को वापस लेने का फैसला किया है। सरकार ने यह निर्णय घटती ब्याज दरों को देखते हुए किया है। सरकार के इन बॉंड को सामान्य तौर पर आरबीआई बॉंड अथवा भारत सरकार के बॉंड के नाम से जाना जाता है।

नयी दिल्ली। कांग्रेस ने 7.75 प्रतिशत बचत (कर योग्य) बॉंड योजना को वापस लेने के सरकार के फैसले को कोरोना वायरस महामारी के समय देश के आम लोगों के लिए बड़ा झटका करार देते हुए शु्क्रवार को कहा कि इस योजना तथा उन दूसरी सभी लघु बचत योजनाओं पर पुरानी ब्याज दर को बहाल किया जाए जिनमें हाल में कटौती की गई है। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने एक बयान में कहा, ‘‘इस सरकार ने पिछले ढाई महीनों में पीपीएफ और कई अन्य बचत योजनाओं पर ब्याज दर में कटौती की जिससे करोड़ों लोगों को सालाना 44,670 करोड़ रुपये का वार्षिक नुकसान हो रहा है।’’ सुरजेवाला ने कहा, ‘‘ कोरोना वायरस महामारी के समय चारों तरफ से खबरें आ रही हैं कि लोगों की नौकरियां जा रही हैं, लोगों के पास आय के साधन नहीं है। इस दौर में भी आप ब्याज दर में कटौती कर रहे हैं। यह लोगों पर दोहरी मार है।’’ उनके मुताबिक, हर सरकार अपने नागरिकों को एक जोखिम मुक्त निवेश का अवसर देती है, लेकिन इस सरकार ने आज वह अवसर भी छीन लिया है। उन्होंने कहा कि सरकार को यह योजना तत्काल बहाल करनी चाहिए। 

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गौरतलब है कि सरकार ने 7.75 प्रतिशत बचत (कर योग्य) बॉंड योजना को वापस लेने का फैसला किया है। सरकार ने यह निर्णय घटती ब्याज दरों को देखते हुए किया है। सरकार के इन बॉंड को सामान्य तौर पर आरबीआई बॉंड अथवा भारत सरकार के बॉंड के नाम से जाना जाता है। खुदरा निवेशकों के बीच यह बॉंड काफी पसंद किया जाता है। इन बॉंड में निवेशकर्ता अपनी मूल राशि की सुरक्षा के साथ साथ नियमित आय को ध्यान में रखते हुये निवेश करते हैं। प्रवासी भारतीय इन बॉंड में निवेश के पात्र नहीं हैं।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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