Foreign Portfolio Investment ने फरवरी में अबतक बॉन्ड बाजार में 15,000 करोड़ रुपये डाले
इससे पहले जनवरी में उन्होंने शेयरों से 25,743 करोड़ रुपये की भारी निकासी की थी। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘शेयर और बॉन्ड में इस भिन्न प्रवृत्ति का मुख्य कारण भारतीय शेयर बाजार का ऊंचा मूल्यांकन मूल्यांकन और अमेरिका मेंबॉन्ड पर बढ़ता प्रतिफल है।’’
नयी दिल्ली। जेपी मॉर्गन इंडेक्स में भारत सरकार के बॉन्ड को शामिल किए जाने और व्यापक रूप से अर्थव्यवस्था के स्थिर परिदृश्य के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने इस महीने अबतक देश के ऋण या बॉन्ड बाजार में शुद्ध रूप से 15,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है। इससे पहले एफपीआई ने जनवरी में बॉन्ड बाजार में 19,836 करोड़ रुपये डाले थे, जो छह साल से अधिक समय का सबसे ऊंचा मासिक आंकड़ा है। इससे पहले जून, 2017 में एफपीआई ने बॉन्ड बाजार में 25,685 करोड़ रुपये का निवेश किया था।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन अवधि में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने शेयरों से 3,000 करोड़ रुपये से अधिक निकाले हैं। इससे पहले जनवरी में उन्होंने शेयरों से 25,743 करोड़ रुपये की भारी निकासी की थी। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘शेयर और बॉन्ड में इस भिन्न प्रवृत्ति का मुख्य कारण भारतीय शेयर बाजार का ऊंचा मूल्यांकन मूल्यांकन और अमेरिका मेंबॉन्ड पर बढ़ता प्रतिफल है।’’ मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट निदेशक - प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि शेयरों से निकासी की मुख्य वजह घरेलू के साथ-साथ वैश्विक बाजारों में ब्याज दर परिदृश्य को लेकर अनिश्चितता है।
आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने इस महीने (नौ फरवरी तक) बॉन्ड बाजार में शुद्ध रूप से 15,093 करोड़ रुपये का निवेश किया है। इसके साथ ही 2024 में एफपीआई का कुल निवेश 34,930 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। विदेशी निवेशक पिछले कुछ माह से बॉन्ड बाजार में लगातार पैसा लगा रहे हैं। दिसंबर, 2023 में उन्होंने बॉन्ड बाजार में 18,302 करोड़ रुपये, नवंबर में 14,860 करोड़ रुपये और अक्टूबर में 6,381 करोड़ रुपये का निवेश किया था।
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