E-Commerce ऑपरेटरों की बढ़ेगी परेशानी, ऑपरेटरों को गोदाम की निगरानी बढ़ाने के FSSAI ने दिए निर्देश
एफएसएसएआई ने अपनी 45वीं केंद्रीय सलाहकार समिति की बैठक में निर्देश दिए हैं कि राज्यों को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के गोदाम और सुविधाओं की निगरानी बढ़ाए जाएं। वहीं समाचार एजेंसी पीटीआई की मानें तो एफएसएसएआई ने राज्यों को सुविधाओं और डिलीवरी कर्मियों के लिए भी नई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाने को कहा है।
कुछ समय पहले ही जोमैटो के गोदाम में मशरूम के पैकेट पर डेट की हेराफेरी देखने को मिली थी। इसपर जोमैटो द्वारा सफाई भी सामने आ चुकी है। वही अब इस मामले में भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने बड़ा फैसला लिया है।
एफएसएसएआई ने अपनी 45वीं केंद्रीय सलाहकार समिति की बैठक में निर्देश दिए हैं कि राज्यों को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के गोदाम और सुविधाओं की निगरानी बढ़ाए जाएं। वहीं समाचार एजेंसी पीटीआई की मानें तो एफएसएसएआई ने राज्यों को सुविधाओं और डिलीवरी कर्मियों के लिए भी नई मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) बनाने को कहा है।
इस रिपोर्ट की मानें तो राज्यों को “निगरानी नमूने” संग्रह की संख्या बढ़ाने और इन सुविधाओं की बेहतर निगरानी के लिए फूड सेफ्टी ऑन व्हील्स मोबाइल वैन तैनात करने के लिए भी कहा गया है। यह सब ऐसे समय में हुआ है जब ई-कॉमर्स और क्विक-कॉमर्स से जुड़ी सुविधाओं द्वारा खाद्य सुरक्षा मानकों के उल्लंघन के बारे में चिंता जताई जा रही है। यह इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि नवंबर से मार्च तक पर्यटकों का चरम मौसम रहेगा।
रिपोर्ट के अनुसार, खाद्य सुरक्षा नियामक इस मुद्दे पर आगे चर्चा करने के लिए अगले सप्ताह त्वरित-वाणिज्य प्लेटफार्मों के साथ बैठक भी करेगा। एफएसएसएआई ने राज्यों से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में खाद्य व्यवसाय संचालकों (एफबीओ) के लिए प्रशिक्षण प्रक्रिया को बढ़ाने के लिए भी कहा। रिपोर्ट में नियामक के बयान का हवाला देते हुए कहा गया है, "राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से मार्च 2026 तक 25 लाख खाद्य संचालकों को प्रशिक्षित करने का आग्रह किया गया है, जिनमें विश्वविद्यालय, कॉलेज और छात्रावास कैंटीन के संचालक भी शामिल हैं।"
एफएसएसएआई अधिकारियों ने एक “एकीकृत खाद्य सुरक्षा दृष्टिकोण” को भी प्रोत्साहित किया, साथ ही सभी संबंधित मंत्रालयों, हितधारकों से सहयोग करने का आग्रह किया, और विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से इस मामले के संबंध में नियमित रूप से सलाहकार समिति की बैठकें आयोजित करने को कहा है।
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