डिजी यात्रा नीति में यात्री जानकारी हटाने के सभी नियम स्पष्ट हों: NITI Aayog Study
नीति आयोग के एक अध्ययन में कहा गया है कि हवाई यात्रियों को सत्यापित करने वाले डिजिटल मंच डिजी यात्रा के लिए यात्रा पूरी होने के बाद डेटाबेस से यात्री की जानकारी हटाने से संबंधित सभी नियम स्पष्ट होने चाहिए। डिजी यात्रा बायोमेट्रिक आंकड़ों का उपयोग करके यात्रियों को सत्यापित करता है।
नयी दिल्ली । हवाई यात्रियों को सत्यापित करने वाले डिजिटल मंच डिजी यात्रा के लिए यात्रा पूरी होने के बाद डेटाबेस से यात्री की जानकारी हटाने से संबंधित सभी नियम स्पष्ट होने चाहिए। नीति आयोग के एक अध्ययन में यह बात कही गई। डिजी यात्रा बायोमेट्रिक आंकड़ों का उपयोग करके यात्रियों को सत्यापित करता है। डिजी यात्रा का उपयोग करने वाले आंकड़ों के बारे में गोपनीयता संबंधी चिंताएं जताते रहे हैं। चेहरे की पहचान तकनीक (एफआरटी) पर आधारित डिजी यात्रा हवाई अड्डों की विभिन्न जांच चौकियों पर यात्रियों को संपर्क रहित और निर्बाध आवाजाही की सुविधा देता है।
डिजी यात्रा की नीति के अनुसार यात्री की उड़ान के प्रस्थान के 24 घंटे बाद स्थानीय हवाई अड्डे के डेटाबेस से चेहरे के बायोमेट्रिक्स हटा दिए जाते हैं। अध्ययन में कहा गया है, यात्रियों से जमा की गई अन्य सूचनाओं को हटाने से संबंधित नियम स्पष्ट रूप से निर्धारित किये जाने चाहिए। अध्ययन में कहा गया, डिजी यात्रा नीति में कहा गया है कि यह पूरी तरह से स्वैच्छिक है, लेकिन अगर डिजी यात्रा का उपयोग किसी भी तरह से अनिवार्य किया जाता है तो उसे नीति की वैधता, आवश्यकता और आनुपातिकता से संबंधित के एस पुट्टस्वामी बनाम भारत संघ (मामला) में तय सिद्धांतों का पालन करना होगा।
यह फैसला निजता के संवैधानिक अधिकार से संबंधित है। अध्ययन ने सिफारिश की है कि डिजी यात्रा मंच की लगातार साइबर सुरक्षा ऑडिट होना चाहिए। साइबर सुरक्षा ऑडिट के अलावा, समय-समय पर प्रणाली की तैनाती से पहले स्वतंत्र और मान्यता प्राप्त लेखा परीक्षकों द्वारा ‘एल्गोरिदमिक ऑडिट’ करने के लिए एक तंत्र स्थापित करना जरूरी है। अध्ययन के मुताबिक व्यक्तिगत और संवेदनशील व्यक्तिगत आंकड़ों को संभालने के लिए आंतरिक मानक संचालन प्रक्रिया तय होना चाहिए।
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