ऋचा चड्ढा की अबतक की सबसे बोल्ड फिल्म शकीला का पोस्टर रिलीज, संघर्ष की कहानी को किया बयां
शर्मसार, गलत नाम से पुकारा, मज़ाक बनाया और फिर भी जीता, देखिये ऋचा चड्ढा की शकीला की एक झलक है और नए पोस्टर में छुपा हुआ संदेश
प्रेस विज्ञप्ति। 90 के दशक में एक लोकप्रिय मान्यता थी कि एक सितारा जो दर्शकों को सिनेमाघरों में वापस ला सकता था, वह शकीला थी, जो प्रसिद्ध सॉफ्ट-कोर अभिनेत्री थी, जिसने उस दशक में बड़े हिस्से पर दक्षिण फिल्म उद्योग में राज किया था। क्रिसमस रिलीज के लिए तैयार, शकीला जिसकी लीड कलाकार ऋचा चड्ढा द्वारा एक दिलचस्प पोस्टर रिलीज किया। इसकी पहली नज़र में, यह 90 के दशक की शकीला की फ़िल्मों की तरह प्रतीत होता है, लेकिन पोस्टर ही उसकी जीत का प्रमाण है। पोस्टर के बगल की दीवारों पे लिखे हुए टिप्पणी जो अक्सर शकीला पर उछाले जाते है और उनकी सफलता की कहानी जिसने कई युवा अभिनेत्रियों को फिल्म उद्योग के विष भरे स्टार संरचना से मुक्त होने का मौका देने के लिए प्रेरित किया।
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शकीला मलयालम अभिनेत्री पे आधिकारिक बायोपिक है जिसने अपने दिनों के गौरव के समय में शासन किया। इंद्रजीत लंकेश निर्देशित फिल्म में पंकज त्रिपाठी भी हैं। फिल्म एक महिला की कहानी है जो रंक से राजा की एक क्लासिक गाथा है, जिसने सभी बाधाओं के खिलाफ जीत हासिल की। उसे मोटी कह कर शर्मसार किया, बद्तमीज़ औरत कह कर शर्मिंदा किया, उसे कहा कि वह बहुत काली है लेकिन जब हर बार बॉक्स ऑफिस पर गिरहवाट रही, उसने फिर से कैश रजिस्टर की गतिविदी शुरू किया। एक इंसानी नज़रिये से स्टारडम की कमजोरियों को देखते हुए, इंदरजीत लंकेश और ऋचा चड्ढा एक साथ मिलकर अपनी प्रेरणा के लिए लड़ाई की भावना का जश्न मनाया।
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इंद्रजीत का कहना है, "वे चाहते थे कि उनकी फिल्में या तो प्रतिबंधित या सेंसर की जाए और फिर भी उनकी फिल्में स्क्रीन पर 100 दिन चल रही थीं। यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि वह फिल्म उद्योग में बड़े पैमाने पर हावी हो रही थीं, जिससे कई बड़े सुपरस्टार को खतरा था। ऋचा अपने रोल में शानदार हैं। उसने किरदार के साथ पूरा न्याय किया है। बहुत से लोग ऐसे नहीं हैं जो सारांश को इतनी अच्छी तरह से बाहर निकालते हैं, लेकिन इस फिल्म में वह एक महिला के हिस्से में जीवन जीते हैं जिसने सब कुछ देखा है।"