ओखला और शाहीन बाग में अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर चलायेगा दक्षिणी दिल्ली नगर निगम
दक्षिण दिल्ली नगर निगम के महापौर मुकेश सूर्यन के अनुसार जिन क्षेत्रों में अभियान चलेगा उनमें ओखला, तिलक नगर और शाहीन बाग शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि शाहीन बाग वही इलाका है जहां सीएए विरोधी आंदोलन कई महीनों तक चला था।
दिल्ली में बुलडोजर वाली पॉलिटिक्स तेज हो गयी है और खबर है कि ओखला और शाहीन बाग में भी नगर निगम बुलडोजर चलाने की तैयारी में है। इस बीच गांवों के पुराने नामों को बदले जाने को लेकर भी राजनीति तेज हो गयी है। दिल्ली नगर निगम में सत्तारुढ़ भाजपा ने दक्षिण दिल्ली के मुहम्मदपुर गांव का नाम बदलकर माधवपुरम कर दिया है। बुधवार को इस अवसर पर भाजपा की ओर से एक समारोह आयोजित किया गया। इस दौरान भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि स्थानीय लोग खुद को गुलामी के प्रतीक से जोड़े रखना नहीं चाहते। आदेश गुप्ता ने कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों के साथ एक नए सिरे से चित्रित बोर्ड के सामने तस्वीर खिंचवाईं, जिस पर माधवपुरम में आगंतुकों का स्वागत लिखा था।
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हम आपको बता दें कि यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है जब सत्तारुढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने कहा है कि दिल्ली में ऐसे सभी मामलों के लिए एक राज्य नामकरण प्राधिकरण है, और अगर उसे ऐसा कोई प्रस्ताव मिलता है, तो वह उचित प्रक्रिया का पालन करते हुए उनकी समीक्षा करेगा और फैसला लेगा। हालांकि आदेश गुप्ता ने कहा कि नगर निगम द्वारा एक प्रस्ताव पारित होने के बाद आज माधवपुरम के नामकरण की प्रक्रिया पूरी हुई। अब इस गांव को मुहम्मदपुर के बजाय माधवपुरम के नाम से जाना जाएगा। कोई भी दिल्लीवासी आजादी के 75 साल गुजरने के बावजूद गुलामी के किसी प्रतीक से जुड़ा नहीं रहना चाहता।
हम आपको बता दें कि दिल्ली भाजपा ने पिछले हफ्ते यह भी कहा था कि पार्टी केजरीवाल सरकार को एक प्रस्ताव भेजकर मांग करेगी कि शहर के 40 गांवों के नाम बदले जाएं क्योंकि वे गुलामी के दौर के प्रतीक हैं। आदेश गुप्ता के अनुसार, इन 40 गांवों में हुमायूंपुर, यूसुफ सराय, मसूदपुर, जमरूदपुर, बेगमपुर, सैदुल अजब, फतेहपुर बेरी, हौज खास और शेख सराय शामिल हैं। बहरहाल, आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि भाजपा नहीं चाहती कि सरकार नियत प्रक्रिया के अनुसार काम करे और वह गुंडागर्दी के अवसर तलाश रही है।
इसके अलावा नगर निगम की ही बात करें तो भाजपा शासित दक्षिणी दिल्ली नगर निगम अपने अधिकार क्षेत्र के तहत कई स्थानों पर एक महीने का अतिक्रमण विरोधी अभियान शुरू कर रहा है। दक्षिण दिल्ली नगर निगम के महापौर मुकेश सूर्यन के अनुसार जिन क्षेत्रों में अभियान चलेगा उनमें ओखला, तिलक नगर और शाहीन बाग शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि शाहीन बाग वही इलाका है जहां सीएए विरोधी आंदोलन कई महीनों तक चला था।
दरअसल दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने यह कवायद तब शुरू की है जब भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने 20 अप्रैल को दक्षिण और पूर्वी निगमों के महापौरों को पत्र लिखकर अपने क्षेत्रों में “रोहिंग्याओं, बांग्लादेशियों और असामाजिक तत्वों द्वारा” किए गए अतिक्रमण को हटाने की मांग की थी। महापौर मुकेश सूर्यन ने कहा कि जिन क्षेत्रों में भारी अतिक्रमण है, वहां यातायात जाम और अन्य मुद्दों पर “लक्षित” करने के लिए नियमित बैठकें की जा रही हैं।
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महापौर ने कहा कि एक बैठक में सड़कों, फुटपाथों और सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने के लिए एक माह की योजना तैयार की गई है। ओखला, मदनपुर खादर, तिलक नगर और शाहीन बाग जैसे कई क्षेत्रों में अतिक्रमण देखा जा सकता है। स्थलों की अभी पहचान की जा रही है और जल्द ही एक अंतिम सूची तैयार की जाएगी। महापौर के मुताबिक शाहीन बाग में सरकारी जगहों पर अतिक्रमण है। सरिता विहार, कालिंदी कुंज में लोगों ने कॉलोनी काट कर अवैध कब्जा किया हुआ है। एसडीएमसी ने इन अतिक्रमणों पर एक सर्वे किया है और उसी के आधार पर ये बुलडोजर अभियान चलाया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह, जहांगीरपुरी इलाके में उत्तरी दिल्ली नगर निगम द्वारा चलाए गए एक अतिक्रमण विरोधी अभियान की व्यापक आलोचना हुई थी। ये वही इलाका था जहां 16 अप्रैल को दो समुदायों के बीच हिंसा देखी गई। वहां कार्रवाई रोकने के लिए उच्चतम न्यायालय को हस्तक्षेप करना पड़ा। महापौर मुकेश सूर्यन ने कहा कि सड़कों और सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाना किसी भी निकाय का “अनिवार्य कार्य” है और एसडीएमसी द्वारा भी यही तरीका अपनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, “अतिक्रमणकारियों को छोड़ा नहीं जाएगा”। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण विरोधी अभियान शुरू होने से पहले, सार्वजनिक भूमि, सड़कों और फुटपाथों पर अतिक्रमण करने वालों को नोटिस भेजे जाएंगे।
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