Table Tennis स्टार खिलाड़ी Sharath Kamal ने किया पहलवानों के प्रदर्शन का समर्थन, कहा- सभी एनएसएफ में एथलीट आयोग की जरूरत
आयोग की बैठक में विभिन्न विषयों पर एथलीटों के लिए एक मंच बनाने, कार्यशालाओं और गतिविधियों का आयोजन करने जैसी कई चीजों पर चर्चा हुई। इसका एक अन्य महत्वपूर्ण विषय सभी एनएसएफ में एथलीट आयोग के गठन को लेकर आईओए से बात करना था ताकि हम एथलीटों की आवाज को मजबूत कर सकें।
नयी दिल्ली। महान टेबल टेनिस खिलाड़ी और भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के एथलीट आयोग (एसी) के उपाध्यक्ष अचंता शरथ कमल का मानना है कि भारतीय पहलवानों के जारी विरोध ने सभी राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) में एथलीट आयोग की आवश्यकता के मुद्दे को और बल दिया है। बजरंग पूनिया, विनेश फोगट और साक्षी मलिक सहित अन्य पहलवान 23 अप्रैल से राष्ट्रीय राजधानी में धरने पर बैठे हैं यह खिलाड़ी एक नाबालिग सहित सात पहलवानों के कथित यौन उत्पीड़न के आरोप में डब्ल्यूएफआई (भारतीय कुश्ती महासंघ) प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे है।
आईओए के एथलीट आयोग का गठन पिछले साल किया गया था। इस आयोग ने शनिवार को पहलवानों के विरोध पर चर्चा करने के लिए ऑनलाइन बैठक की थी। शरथ को पिछले साल टेबल टेनिस में शानदार प्रदर्शन के लिए खेल रत्न से सम्मानित किया गया था। उन्होंने जोर देकर कहा कि आयोग और खिलाड़ियों के बीच विश्वास कायम करने की जरूरत है जिससे खिलाड़ी मदद मांगने में हिचके नहीं। पहलवानें ने आईओए से संपर्क किये बिना विरोध के लिए सड़कों पर उतरने का फैसला किया।
आईओए अध्यक्ष ने उस समय पहलवानों की इस हरकत की आलोचना की थी। एथलीट आयोग की अध्यक्ष मेरीकॉम की गैरमौजूदगी में इस बैठक का नेतृत्व करने वाले शरथ ने कहा, ‘‘ आयोग की बैठक में विभिन्न विषयों पर एथलीटों के लिए एक मंच बनाने, कार्यशालाओं और गतिविधियों का आयोजन करने जैसी कई चीजों पर चर्चा हुई। इसका एक अन्य महत्वपूर्ण विषय सभी एनएसएफ में एथलीट आयोग के गठन को लेकर आईओए से बात करना था ताकि हम एथलीटों की आवाज को मजबूत कर सकें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ एथलीट सिर्फ यौन उत्पीड़न ही नहीं बल्कि किसी भी मुद्दे पर आयोग से संपर्क करने में सक्षम होना चाहिये।’’ इस दिग्गज खिलाड़ी ने कहा, ‘‘ हमने पहलवानों के साथ वर्तमान मुद्दे पर चर्चा की और हम पहले एथलीटों के प्रति एकजुटता दिखाने में एकमत थे क्योंकि वे न्याय के लिए सड़कों पर लड़ रहे हैं। अब यह मुद्दा न्यायपालिका के पास है ऐसे में इसका समाधान आईओए और एथलीट आयोग की पहुंच से बाहर है।’’ बुधवार को आईओए अध्यक्ष पीटी उषा ने धरना स्थल पर पहलवानों से मुलाकात की और पहलवानों को अपना समर्थन देने का आश्वासन देते हुए कहा कि वह पहले एक एथलीट हैं और फिर एक प्रशासक।
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