फ्रेंचाइजी क्रिकेट खेलने वाली टीमों को टी20 विश्व कप में कितना होगा फायदा?
भारतीय महिला टीम के मुख्य कोच डब्ल्यूवी रमन नहीं मानते कि उन देशों को टी20 विश्व कप में कोई फायदा मिलेगा जिनकी खिलाड़ी फ्रेंचाइजी लीग में खेलती हैं क्योंकि देश के लिये खेलना बिलकुल अलग होता है। वे भले ही परिस्थितियों से वाकिफ हों लेकिन इसका मंच अलग होता है। दबाव भी अलग तरह का होता है।
मुंबई। भारतीय महिला टीम के मुख्य कोच डब्ल्यूवी रमन नहीं मानते कि उन देशों को टी20 विश्व कप में कोई फायदा मिलेगा जिनकी खिलाड़ी फ्रेंचाइजी लीग में खेलती हैं क्योंकि देश के लिये खेलना बिलकुल अलग होता है। हरमनप्रीत कौर, स्मृति मंधाना और जेमिमा रोड्रिग्स तीन भारतीय क्रिकेटर हैं जो महिलाओं की प्रतिस्पर्धी बिग बैश लीग (डब्ल्यूबीबीएल) में खेल चुकी हैं लेकिन अन्य टीमों में कई खिलाड़ी ऐसी हैं जो नियमित रूप से इस लोकप्रिय टी20 प्रतियोगिता में खेलती हैं। रमन ने त्रिकोणीय श्रृंखला के लिये रवना होने से पहले प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि फ्रेंचाइजी क्रिकेट खेलना एक चीज है और अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट खेलना दूसरी बात है जिसमें आपके देश की टीम खेलती है और यह बिलकुल ही अलग तरह का खेल होता है। वे भले ही परिस्थितियों से वाकिफ हों लेकिन इसका मंच अलग होता है। दबाव भी अलग तरह का होता है।
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इस त्रिकोणीय श्रृंखला में इंग्लैंड और मेजबान ऑस्ट्रेलियाई टीम भी शामिल है जो 31 जनवरी से शुरू हो रही है और इसके बाद अगले महीने टी20 विश्व कप खेला जायेगा। कोच ने कहा कि भारत की टीम संतुलित है जिसमें अच्छी गहराई हैं इसलिये इन सब चीजों को मिलाकर सब कुछ बराबरी का हो जायेगा भले ही उनके पास फ्रेंचाइजी के लिये खेलने का कितना भी अनुभव हो। उन्होंने कहा कि इससे (गहराई से) निश्चित रूप से हमें मनोवैज्ञानिक रूप से मदद मिलेगी। पिछले सत्र के शुरू होने के बाद हमने कुछ मैचों में अच्छा नहीं किया था। लेकिन इसके बाद टीम संतुलित हो गयी। हर खिलाड़ी ने अच्छा प्रदर्शन किया है और वे सभी अच्छी फार्म में हैं और उन्होंने अपने कौशल पर भी काम किया है जिसका मतलब है कि आप थोड़े से निश्चिंत हो और टूर्नामेंट में जाने से पहले इससे आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होती है।
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रमन ने कहा कि यह युवा टीम है जो शायद सर्वश्रेष्ठ में से एक है। खिलाड़ी उत्साहित हैं, सकारात्मक हैं और ध्यान लगाये हैं। यही सबसे अहम है। यह पूछने पर कि क्या वे आईसीसी ट्राफी जीतने के लिये बेताब हैं तो उन्होंने कहा कि मैं ऐसा नहीं कहूंगा कि हम बेताब हैं लेकिन हम अच्छा करने के लिये प्रतिबद्ध हैं और वो भी टी20 प्रारूप में इसलिये हम अपना सर्वश्रेष्ठ करने का प्रयास करेंगे। ’’टीम में शेफाली वर्मा (15 साल) और ऋचा घोष (16) जैसी खिलाड़ी भी हैं लेकिन रमन को लगता है कि उनके लिये उम्र नहीं बल्कि उनकी प्रतिभा मायने रखती है। उन्हें लगता है कि विश्व कप से पहले त्रिकोणीय श्रृंखला से मदद मिलेगी।
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