भारतीय महिला तीरंदाजों के सामने ओलंपिक में पूर्ण कोटा हासिल करने में मुश्किल चुनौती: दीपिका
भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी मुदित दानी के आनलाइन चैट शो ‘इन द स्पॉटलाइट’ पर दीपिका ने कहा कि देश की महिला तीरंदाजों ने कड़ी मेहनत की है और कोविड-19 लॉकडाउन से पहले उन्हें कोटा हासिल करने का भरोसा था।
नयी दिल्ली। राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता और दुनिया की पूर्व नंबर एक खिलाड़ी दीपिका कुमारी का मानना है कि कोविड-19 महामारी के कारण कई प्रस्तावित टूर्नामेंटों के रद्द होने के कारण अगले साल ओलंपिक में भारतीय महिला तीरंदाजों के लिए पूर्ण कोटा हासिल करना मुश्किल चुनौती होगी। भारतीयों के पास तोक्यो खेलों के लिए क्वालीफाई करने के लिए सिर्फ एक टूर्नामेंट बचा है और उसे दो स्थान हासिल करने हैं। भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी मुदित दानी के आनलाइन चैट शो ‘इन द स्पॉटलाइट’ पर दीपिका ने कहा कि देश की महिला तीरंदाजों ने कड़ी मेहनत की है और कोविड-19 लॉकडाउन से पहले उन्हें कोटा हासिल करने का भरोसा था। उन्होंने कहा, ‘‘जब लॉकडाउन हुआ तो एक महीने में क्वालीफायर होने वाले थे, हमारा अभ्यास काफी अच्छा चल रहा था लेकिन इसके बाद अचानक हमें पता ही नहीं चला कि क्या करना है।’’ दो बार की विश्व चैंपियन तीरंदाज ने कहा, ‘‘फिलहाल महिला वर्ग में हमें सिर्फ एक कोटा हासिल है और दो अन्य कोटा स्थान हासिल करने के लिए सिर्फ एक क्वालीफायर बचा है।
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आम तौर पर इस समय तक हम पूर्ण कोटा हासिल कर लेते थे लेकिन इस बाद स्थिति अलग है।’’ पिछले साल जून में विश्व चैंपियनशिप के लिए टीम कोटा हासिल करने में नाकाम रहने के बाद भारतीय महिला तीरंदाजी टीम भारत को पूर्ण कोटा हासिल करने के लिए पेरिस में अंतिम मौका मिलेगा। पिछले साल बैंकॉक में एशियाई महाद्वीपीय क्वालीफिकेशन टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीतकर दीपिका तोक्यो खेलों के लिए क्वालीफाई करने वाली एकमात्र भारतीय महिला तीरंदाज हैं। उन्होंने याद किया कि दो बार की ओलंपियन होने के बावजूद वह कभी ओलंपिक उद्घाटन समारोह का हिस्सा नहीं बनीं। उन्होंने कहा, ‘‘तीरंदाजी में हमारी रैंकिंग उद्घाटन समारोह के दिन ही शुरू होती है। इसलिए मुझे दुख है कि मैं कभी किसी उद्घाटन समारोह का हिस्सा नहीं बन पाई और इसे टीवी पर ही देखा।
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