अगले ओलंपिक को ध्यान में रखते हुए एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी की जीत महत्वपूर्ण : Rani Rampal
रानी रामपाल का मानना है कि भारतीय महिला हॉकी टीम के लिए एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब बेहद महत्वपूर्ण उपलब्धि है क्योंकि यह लॉस एंजिल्स में होने वाले अगले ओलंपिक खेलों के लिए उसकी तैयारी की शुरुआत है। महिला हॉकी टीम इस पूरे साल संघर्ष करती रही और वह पेरिस ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई करने में नाकाम रही।
रोहतक । पूर्व कप्तान रानी रामपाल का मानना है कि भारतीय महिला हॉकी टीम के लिए एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब बेहद महत्वपूर्ण उपलब्धि है क्योंकि यह लॉस एंजिल्स में होने वाले अगले ओलंपिक खेलों के लिए उसकी तैयारी की शुरुआत है। भारतीय महिला हॉकी टीम इस पूरे साल संघर्ष करती रही और वह पेरिस ओलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई करने में नाकाम रही। भारतीय टीम हालांकि हाल में अपना तीसरा एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी खिताब जीतने में सफल रही।
रानी ने पीटीआई से कहा, ‘‘एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी की जीत हमारी महिला हॉकी टीम के लिए तैयारी के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है। इससे उसने 2028 में लॉस एंजिल्स में होने वाले ओलंपिक खेलों के लिए अपनी तैयारी की शुरुआत कर दी है। यह अच्छी शुरुआत है। कोच हरेंद्र सिंह के नेतृत्व में टीम अच्छा प्रदर्शन करेगी।’’ इस 29 वर्षीय खिलाड़ी ने पिछले महीने हॉकी से संन्यास ले लिया था। इससे पहले उन्हें भारत की सब जूनियर महिला टीम का कोच नियुक्त किया गया था।
रानी ने कहा, ‘‘सब जूनियर खिलाड़ियों के साथ काम करने का मेरा अनुभव बहुत अच्छा रहा और मैंने इससे काफी कुछ सीखा। वे युवा लड़कियां थीं जो मेरे जैसी ही पृष्ठभूमि से आती हैं। उनके मुद्दों को समझना और उनका मार्गदर्शन करना आसान था।’’ उन्होंने कोच के तौर पर अपने अनुभव के बारे में कहा,‘‘मैंने उनसे कहा कि अगर मैं सफल हो सकती हूं तो आप भी सफलता हासिल कर सकती हो। उन्हें मार्गदर्शन की जरूरत है और मैंने उनके साथ अपने अनुभव साझा करके उन्हें वह मार्गदर्शन देने की कोशिश की।’’
यह पूर्व स्ट्राइकर आगामी हॉकी इंडिया लीग में सूरमा हॉकी क्लब के लिए मेंटर (मार्गदर्शक) के रूप में काम करेगी। इसमें पहली बार महिलाओं का टूर्नामेंट भी होगा। रानी ने 2008 में 14 साल की उम्र में ओलंपिक क्वालीफायर में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदार्पण किया था। उन्हें पता है कि एक युवा खिलाड़ी किस तरहके दबाव का अनुभव करता है। उन्होंने कहा,‘‘मैं सूरमा क्लब की मेंटर बनने जा रही हूं इसलिए मैं अपनी सर्वश्रेष्ठ क्षमता से उस भूमिका को निभाने की पूरी कोशिश करूंगी। युवा खिलाड़ियों पर मानसिक और भावनात्मक रूप से प्रदर्शन करने का बहुत दबाव होता है। में इसमें उनकी मदद करना चाहूंगी।
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