Chai Par Sameeksha: संजय सिंह दे पाएंगे AAP को संजीवनी, BJP के लिए क्या हैं चुनौतियां?

Sanjay Singh BJP
Prabhasakshi
अंकित सिंह । Apr 8 2024 5:06PM

नीरज दुबे ने कहा कि जयंत चौधरी के भाजपा के साथ आने के बाद जाहिर सी बात है कि आरएलडी के कार्यकर्ता बीजेपी के साथ दिखाई दे रहे हैं। लेकिन कहीं ना कहीं जमीन पर अभी भी ऐसी स्थिति है कि आरएलडी के जितने भी वोटर हैं, वह बीजेपी के साथ खड़े दिखाई नहीं दे रहे हैं।

प्रभासाक्षी के खास कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में हमने इस सप्ताह चुनावी माहौल पर विश्लेषण किया। हमेशा की तरह प्रभासाक्षी के संपादक नीरज कुमार दुबे इस कार्यक्रम में मौजूद रहे। हमने नीरज कुमार दुबे से पश्चिमी उत्तर प्रदेश और भाजपा की स्थिति को लेकर सवाल पूछा। नीरज कुमार दुबे ने कहा कि कहीं ना कहीं जमीनी हकीकत यही है कि भाजपा के लिए मुकाबला एकतरफा दिखाई नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ एक तबके ऐसे हैं जो सरकार से नाराज चल रहे हैं। हालांकि उन्हें मनाने की कोशिश हो रही है। इसके साथ ही नीरज दुबे ने बताया कि कहीं ना कहीं बसपा को कमजोर रखना बड़ी गलती होगी। मायावती ने भले ही अपनी सक्रियता उस तरीके से नहीं दिखाई, लेकिन उनका वोट बैंक पूरी तरीके से सुरक्षित नजर आ रहा है और इस चुनाव में भी उसका कमाल देखने को मिल सकता है।

नीरज दुबे ने कहा कि जयंत चौधरी के भाजपा के साथ आने के बाद जाहिर सी बात है कि आरएलडी के कार्यकर्ता बीजेपी के साथ दिखाई दे रहे हैं। लेकिन कहीं ना कहीं जमीन पर अभी भी ऐसी स्थिति है कि आरएलडी के जितने भी वोटर हैं, वह बीजेपी के साथ खड़े दिखाई नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव से जो मुस्लिम मतदाता नाराज है, वह बसपा के साथ जाते हुए दिखाई दे रहे हैं। अखिलेश यादव के सामने अभी बड़ा मौका था जब मुस्लिम को राज्यसभा भेज सकते थे, विधान परिषद भेज सकते थे। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया जिसकी वजह से मुस्लिम तबके में नाराजगी देखने को मिल रही है। मुसलमान को लग रहा है कि हम 2022 में एकमुस्त होकर अखिलेश यादव के साथ रहे। लेकिन कहीं ना कहीं हमें समाजवादी पार्टी से धोखा मिला है।

इसे भी पढ़ें: संजय सिंह के बाहर आने से बदलेगी आम आदमी पार्टी की राजनीति

नीरज दुबे ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की कार्य क्षमता पर सवाल उठ रहे हैं। कई ऐसी सीटें है जहां पर उनके उम्मीदवार लगातार बदले जा रहे हैं। ऐसे में यह लग रहा है कि समाजवादी पार्टी को कोई कंट्रोल कर रहा है। आधा दर्जन से अधिक सीटों पर उम्मीदवारों को बदले जा रहे हैं। इससे मतदाताओं में अच्छा संकेत नहीं जा रहा है। नीरज दुबे ने कहा कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश भाजपा के लिए 2014 में भी मुश्किल रही। 2019 में भी मुश्किल थी और 2024 में भी मुश्किल रहने वाली है। यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी पूरी ताकत लगाने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा यहां जातिगत समीकरणों को साधने की कोशिश कर रही है। एक बार फिर से पश्चिम उत्तर प्रदेश में कानूनी व्यवस्था को बड़ा मुद्दा बनाने की कोशिश भाजपा की ओर से की जा रही है। उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना का विपक्ष बार-बार मुद्दा उठता है। लेकिन जमीन पर इसका कोई प्रभाव अब तक देखने को नहीं मिला है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भी लोगों ने इस तरह की बातों को पूरी तरीके से खारिज किया है।

अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद आम आदमी पार्टी की रणनीति पर बात करते हुए नीरज दुबे ने कहा कि जिस तरीके से दिल्ली के मुख्यमंत्री की तस्वीर भगत सिंह और बी आर अंबेडकर के साथ लगाई गई वह पूरी तरीके से गलत है। हमारे महान विभूतियों के समक्ष कोई भी बराबरी नहीं कर सकता। भगत सिंह, बाबा साहब अंबेडकर हर व्यक्ति के दिल में बसते हैं। ऐसे में आम आदमी पार्टी की ओर से इस तरह की चीज नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हां, यह बात सही है कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद उनके लिए लोगों में थोड़ी बहुत सहानुभूति है। लेकिन वह वोट में कितना बदल पाएगा, यह तो 4 जून को ही पता लग पाएगा। दिल्ली वालों को पता है कि यह विधानसभा का चुनाव नहीं बल्कि लोकसभा का चुनाव है और ऐसे में जो मजबूत दल है, जहां मजबूत प्रधानमंत्री बनने की कवायत है, उसके पक्ष में मतदान करेंगे। उन्होंने कहा कि हां, संजय कुमार के जमानत के बाद पार्टी में एक नई जान आई है। संजय कुमार लगातार पार्टी में संजीवनी फूकने का काम कर रहे हैं। लेकिन देखना होगा कि वह कितने इसमें कामयाब हो पाते हैं। 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़