Chai Par Sameeksha: Israel-Hamas War को लेकर भारत में राजनीतिक दल आपस में क्यों भिड़ रहे हैं?

Israel Palestine war
Prabhasakshi
अंकित सिंह । Oct 16 2023 6:53PM

इसराइल और हमास के बीच जो जंग चल रहा है उसकी वजह से भारत के चुनावी मौसम में आतंकवाद भी एक बड़ा विषय बन गया है और कहीं ना कहीं आतंकवाद हर राजनीतिक दलों की ओर से एक बड़ा मुद्दा बनाया जाएगा।

प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क के खास कार्यक्रम चाय पर समीक्षा में इस सप्ताह इजराइल-हमास युद्ध को लेकर भारत में हो रही राजनीति तथा विधानसभा चुनाव 2023 से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गयी। इस दौरान प्रभासाक्षी संपादक ने कहा कि इजराइल और हमास के बीच चल रहे युद्ध का मुद्दा भारत में दो समुदायों के बीच वाकयुद्ध का रूप लेता जा रहा है। एक धर्म से जुड़े लोग हवन, अश्वमेघ यज्ञ और गंगा आरती आदि करते हुए जहां इजराइल की जीत की कामना कर रहे हैं वहीं दूसरा वर्ग अपने उपासना स्थलों में गाजा के लोगों के लिए विशेष प्रार्थनाएं कर रहा है और फिलिस्तीन के समर्थन में रैलियां निकाल रहा है। उन्होंने कहा कि इस समर्थन और विरोध को लेकर सामाजिक मीडिया पर जिस तरह की टिप्पणियां की जा रही हैं, उससे माहौल खराब नहीं हो इसके लिए एजेंसियों को नजर बनाये रखने चाहिए। 

प्रभासाक्षी संपादक ने कहा कि देखा जाये तो हरेक को आजादी है कि वह चाहे जिसका समर्थन करे लेकिन ऐसा करते समय ध्यान रखना चाहिए कि हमारे देश का आधिकारिक रुख क्या है? साथ ही यह भी ध्यान रखना चाहिए कि पहला हमला हमास की ओर से हुआ ना कि इजराइल की तरफ से। प्रभासाक्षी के संपादक नीरज दुबे ने साफ तौर पर कहा कि भारत पर की जो विदेश नीति इसराइल और फिलीस्तीन को लेकर है, उसमें कोई परिवर्तन नहीं आया है। भारत ने आतंकी हमले की निंदा की है। भारत आतंकवाद का सबसे बड़ा पीड़ित भी रहा है। उन्होंने कहा कि इसराइल पर आतंकी हमला हुआ। भारत का मित्र देश इजराइल है और इसलिए भारत उसके साथ खड़ा है। उन्होंने कहा कि यह लड़ाई मुस्लिम और यहूदियों के बीच है और भारत में इसे हिंदू-मुस्लिम की लड़ाई का रूप दिया जा रहा है। यह पूरी तरीके से गलत है। नीरज दुबे ने यह भी कहा कि वैश्विक मुद्दों की आड़ में देश में माहौल बिगड़ने की कोशिश हो सकती है। इसलिए हम सभी देशवासियों को सतर्क रहने की आवश्यकता है।

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नीरज दुबे ने कहा कि इसराइल और हमास के बीच जो जंग चल रहा है उसकी वजह से भारत के चुनावी मौसम में आतंकवाद भी एक बड़ा विषय बन गया है और कहीं ना कहीं आतंकवाद हर राजनीतिक दलों की ओर से एक बड़ा मुद्दा बनाया जाएगा। हालांकि, उन्होंने इस बात को भी स्वीकार किया कि इसको लेकर भाजपा ज्यादा आक्रामक रह सकती है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस आतंकवाद से देश में कौन निपट सकता है, यह भी बड़ा मुद्दा होगा और भाजपा कहीं ना कहीं सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक का जिक्र कर इसे भूनाने की कोशिश करेगी। उन्होंने कहा कि भारत के लोगों में अब यह भावना आ गई है कि अगर हमारा देश कहता है कि हम किसी को छेड़ेंगे नहीं और हमें जो छेड़ेंगा, उसे हम छोड़ेंगे नहीं यह हकीकत बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के सभी स्वरूपों की निंदा की जानी चाहिए और यह पूरी तरीके से मानवता के खिलाफ है। 

इसराइल हमास युद्ध को लेकर सीडब्ल्यूसी की ओर से जो बयान जारी किया गया। इस पर भी हमने नीरज दुबे से सवाल पूछा। उन्होंने कहा कि यह जल्दबाजी में जारी किया गया है, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। कांग्रेस को आतंक का दर्द पता है क्योंकि उसने अपने नेताओं को आतंकी हमले में खोया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का यह बयान कहीं ना कहीं तुष्टिकरण की राजनीति को हवा देने की कोशिश करता है। देश के कई राज्यों में चुनाव होने हैं। कांग्रेस एक खास समुदाय को अपनी ओर आकर्षित करना चाहती हैं और शायद यही कारण है कि उसकी ओर से इस तरीके का स्टेटमेंट दिया गया है। नीरज दुबे ने कहा कि अगर कांग्रेस सोचती है कि वह हमास की निंदा करती हैं तो एक वर्ग नाराज हो सकता है तो इसने हमारे देश का बहुत नुकसान किया है और अब वक्त है कि हम इस सोच से बाहर निकलना होगा। 

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