Interview: 'बुलडोजर नीति' में बढ़ा जनता का विश्वास: संजय गंगवार

Sanjay Gangwar
Source X: @SanjaySinghmla
डॉ. रमेश ठाकुर । Sep 16 2024 11:33AM

सारा देश इस बात को मानता है कि उत्तर प्रदेश में बुलडोजर मज़बूत कानून-व्यवस्था का पर्याय बन चुका है। यही कारण है कि इस ‘विनिंग फॉमूले’ को अब अन्य राज्य भी कॉपी करने लगे हैं। हम इस फॉर्मूले का अपना ’गुड गवर्नेंस’ मानते हैं, क्योंकि ये व्यवस्था सुधारक कदम है। इसका विरोध नहीं होना चाहिए।

सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में हुकूमत का अनोखा फॉर्मूला ‘बुलडोजर एक्शन’ विपक्ष के निशाने पर है। विशेषकर समाजवादी पार्टी के, जिनका आरोप है कि बाबा का बुलडोजर धर्म देखकर चल रहा है क्योंकि उसका पहिया ज्यादातर ‘एमवाई’ फैक्टर के इर्द गिर्द घूमता है। जबकि, सत्ता पक्ष उनके इस आरोप को पूरी तरह से नकारता है। सरकार द्वारा पिछले दिनों एक आंकड़ा प्रस्तुत किया गया जिसमें सभी धर्मं-पंत के वह लोग शामिल थे जो आपराधिक गतिविधियों से वास्ता रखते हैं। बुलडोजर नीति विवादों में होने के बावजूद सरकार उसे अपना सफल फॉमूला बताती है। इस मसले पर पत्रकार डॉ. रमेश ठाकुर ने पीलीभीत विधायक एवं प्रदेश के 'गन्ना व चीनी मिलें' मंत्री संजय सिंह गंगवार से की गुफ्तगू।  

प्रश्नः बुलडोजर पर छिड़ी सियासी बहस को आप कैसे देखते हैं?

उत्तरः प्रदेश में हमारी सरकार 37 वर्ष पहले थी। इस दरम्यान सपा-बसपा का ही एक छत्र राज रहा। सभी ने देखी कैसी परिस्थितियां रहती थी, पूरे प्रदेश में जंगलराज जैसी स्थिति थी। कानून-व्यवस्था को ये लोग अपनी जेब में रखकर चलते थे। थाने-कचहरी अपने हिसाब से संचालित करते थे। लेकिन 2017 में जब हम लौटे, तो उस 37 वर्ष के सूखे को खत्म किया। प्रदेश का सर्वसमाज अपने लोकप्रिय मुख्यमंत्री के कार्य करने के निराले अंदाज से बेहद खुश हैं। हां, इतना मैं जरूर मानता हूं कि बुलडोजर को लेकर विपक्षी लोग उन्हें घेरते जरूर हैं, लेकिन होना कुछ नहीं? हमारी नीतियों पर ये घड़ियाली आंसू बहाते हैं, विरोध करने जब जनता की अदालत में पहुंचते हैं, तो भगा दिए जाते हैं।

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प्रश्नः लोकसभा परिणाम के बाद विपक्षी दलों का विरोध कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है?

उत्तरः इनका विरोध सोशल मीडिया पर ही मात्र है। सड़कों से नदारद हैं। सार्वजनिक स्थानों पर भी नहीं दिखते। राजनीतिक कृत्य इनके इतने हैं जिससे ये लोग जनता के बीच जा ही नहीं सकते। मैं दावे के साथ कह सकता हूं, मुख्यमंत्री का विरोध ये लोग खुलेआम इसलिए नहीं कर सकते? क्योंकि अगर करेंगे तो जनता इन्हें लतिया देगी। सभी जानते हैं कि प्रदेश सरकार आधार कार्ड और जाति देखकर विकास कार्य और कार्रवाई नहीं करती। ये लोग बुलडोजर और एनकाउंटर पर सवाल उठाते हैं। जबकि, सच्चाई इन्हें भी पता है। विकास दुबे जैसे दुर्दांत अपराधी जो एक साथ 8 पुलिसकर्मियों को मार देता है, उस पर जब कार्यवाही होती है, तब भी बचाव करते हैं। पूर्वांचल क्षेत्र में जब छटे अपराधियों की अवैध सम्पतियां सरकार जप्त करती हैं, तब भी छाती पीटते हैं।

प्रश्नः अखिलेश यादव अपने मुकाबले आपकी सरकार के कामों को कमतर आंकते हैं?

उत्तरः रेलवे के नए ट्रैक बिछाना, हाइवे-सड़कों का आधुनिकीकरण होना, अंतिम व्यक्ति तक सरकारी सुविधाओं को लाभ पहुंचना, अप्रात्रों को खदेड़ना, सरकार के कामों को पूरी तरह पारदर्शी बनाना, ये काम आपने कभी इतनी तेजी से होते देखे थे। शायद हर कोई यही कहेगा ‘कभी नहीं’? अखिलेश यादव मुकाबले की बात करते हैं, मैं तो कहता हूं, वह मुकाबले में दूर-दूर तक नहीं हैं। उनके कार्यकाल में विकास नहीं, विनाश होता था। अपराधी बेलगाम थे, पूरे सरकारी तंत्र पर उनके लोगों का कब्जा था। उनके चुगल से हमने आजाद करवाया। उनके पनाहगार अपराधियों पर जब बुलडोजर चल रहा है, तो इन्हें अखर रहा है।

प्रश्नः शोरगुल भी खूब है और बुलडोजर नीति को गैर-भाजपा शासित सरकारें भी अपना रही हैं?

उत्तरः सारा देश इस बात को मानता है कि उत्तर प्रदेश में बुलडोजर मज़बूत कानून-व्यवस्था का पर्याय बन चुका है। यही कारण है कि इस ‘विनिंग फॉमूले’ को अब अन्य राज्य भी कॉपी करने लगे हैं। हम इस फॉर्मूले का अपना ’गुड गवर्नेंस’ मानते हैं, क्योंकि ये व्यवस्था सुधारक कदम है। इसका विरोध नहीं होना चाहिए। बुलडोजर प्रत्येक किस्म के अपराधों पर चलेगा, चाहे फिर अहमद हो या अंसारी, अजय हो या फिर जैकब? हनुमान जयंती की शोभा यात्रा के दौरान जब दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाक़े में हिंसा हूई है तो दिल्ली सरकार ने भी आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलवाया था। झारखंड की सरकार से लेकर तेलंगाना, आंध्र तक बुलडोजर की गूंज है।

प्रश्नः बुलडोजर के इस्तेमाल को ‘विनिंग फॉर्मूला’ कैसे कह सकते हैं?

उत्तरः पूर्ववर्ती सरकारों ने लोगों के भीतर से डर का भाव खत्म कर दिया था। तभी सीधे-साधे लोग भी बिना डरे किस्म-किस्म के अपराधों में शामिल होने लगे थे। अपराधी बेशक किसी अपराध को करने से न डरे, लेकिन उसे अपने परिवार से जरूर प्यार होता है। बुलडोजर नीति से इसलिए अपराधी अपराध करने से डरने लगे हैं कि उनका एक गलत कदम उनके परिवार को तहस-नहस कर देगा। उत्तर प्रदेश में हमने इसी हिट फॉर्मूला के चलते करीब 90 फीसदी अपराधों पर नियंत्रण पाया है। प्रदेश में अब कहीं कोई दंगा-फसाद नहीं होता, अपराधों पर तकरीबन कंट्रोल है। छिटपुट की घटनाओं को रोकने का भी भरसक प्रयास है। विपक्ष राजनीति करता है तो करे, अपने परवाह नहीं? जनता के हित में बुलडोजर कानून के दायरे में रहकर चलता रहेगा और अपराधियों में खौफ पैदा करता रहेगा।

-बातचीत में जैसा पीलीभीत विधायक एवं प्रदेश के 'गन्ना व चीनी मिलें' मंत्री संजय सिंह गंगवार ने डॉ. रमेश ठाकुर से कहा

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