प्रियंका यूपी में कांग्रेस का भला चाहती हैं तो सबसे पहले अपनी सलाहकार टीम को बदलें
प्रियंका गांधी वाड्रा ने पार्टी के घोषणापत्र को छह हिस्सों में बांटा है- स्वाभिमान, स्वावलंबन, शिक्षा, सम्मान, सुरक्षा और सेहत। उन्होंने कहा कि आज की महिला लड़ना चाहती है। हमने उसी भावना को ध्यान में रखते हुए इस घोषणा पत्र को बनाया है।
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने एक नया इतिहास लिख दिया है। कांग्रेस, प्रदेश में सरकार बना पाएगी इसकी उम्मीद किसी को नहीं है, यहां तक की काग्रेस के पुराने दिग्गज भी 'ऑफ द रिकॉर्ड' यह बात स्वीकार करते हैं कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कहीं भी 'फाइट' में नजर नहीं आ रही है। बल्कि कुछ लोग कांग्रेस को चौथे नंबर की पार्टी बता रहे हैं। लेकिन कांग्रेस और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका वाड्रा के हौसले पस्त नहीं पड़े हैं बल्कि उसे इससे वोटरों से वायदे करने के लिए नई ऊर्जा मिल रही है। इस बात का एहसास कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा द्वारा जारी महिला घोषणा पत्र से हो रहा है इसीलिए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने पार्टी का महिला घोषणा पत्र जारी किया तो लोग इसको सीरियस लेने की बजाय इस पर चुटकी लेने लगे। लोग कह रहे हैं कि जो वायदे कांग्रेस यूपी में कर रही है पहले वह वही वायदे राजस्थान और छत्तीसगढ़ में पूरे करें, जहां उसकी सरकारें हैं। इसी प्रकार महाराष्ट्र और झारखंड में जहां पर कांग्रेस गठबंधन सरकार का हिस्सा है, वहां भी वह ऐसे कोई वायदे पूरे नहीं कर रही है जो यूपी के वोटरों से उनके द्वारा किए जा रहे हैं।
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प्रियंका वाड्रा ने महिलाओं के लिए जो घोषणा पत्र तैयार किया है उसको उनके द्वारा 'शक्ति विधान' नाम दिया गया है। बहरहाल, प्रियंका ने घोषणा पत्र को लॉन्च करते हुए कहा कि देश के राजनीतिक इतिहास में पहली बार महिलाओं पर केंद्रित घोषणा पत्र जारी किया जा रहा है। लेकिन यह बात हकीकत से परे है, प्रियंका वाड्रा की दादी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी इसी तरह के वादे जनता से किया करती थीं। इंदिरा गांधी ने गरीबी हटाओ के नारे के बल पर कई लोकसभा और राज्यों के विधानसभा चुनाव जीते। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपने कार्यकाल में बीस सूत्रीय कार्यक्रम शुरू किए थे जिसमें गरीबी दूर करने पर विशेष जोर दिया गया था। इंदिरा गांधी ने 1975 में इस कार्यक्रम की शुरुआत की थी और 1982, 1986 और 2006 में इसका पुनर्गठन किया गया। जिसे बाद की कांग्रेसी सरकारों ने भी अपनाया लेकिन ना तो गरीबी दूर हुई ना ही लोगों की भूख प्यास मिटी। बीस सूत्री कार्यक्रम के तहत इंदिरा गांधी कि सरकार रोजगार सृजन, सात सूत्री चार्टर के तहत शहरी गरीब परिवारों की सहायता, फूड सिक्यॉरिटी, गरीब तबके के लोगों के लिए मकान, गांवों में विद्युतीकरण, सड़कों के निर्माण आदि स्कीमों के आधार पर हर राज्य की प्रगति का जायजा लिया करती थी और यह सिलसिला मनमोहन सरकार तक जारी रहा।
खैर, प्रियंका वाड्रा ने पार्टी के घोषणापत्र को छह हिस्सों में बांटा है- स्वाभिमान, स्वावलंबन, शिक्षा, सम्मान, सुरक्षा और सेहत। उन्होंने कहा कि आज की महिला लड़ना चाहती है। हमने उसी भावना को ध्यान में रखते हुए इस घोषणा पत्र को बनाया है। प्रियंका वाड्रा ने ऐलान किया कि यूपी में कांग्रेस की सरकार बनी तो सरकारी नौकरियों में 40 प्रतिशत महिलाओं को आरक्षण देंगे। इसके जवाब में विपक्षी कह रहे हैं पहले कांग्रेस अपने संगठन में तो 40% महिलाओं को आरक्षण दे दे फिर लोगों को विश्वास होगा कि सरकार बनने पर भी वह ऐसा कर सकती है। सब जानते हैं कि आज की तारीख में कांग्रेस संगठन में मुश्किल से 7-8 फ़ीसदी तक ही महिला पदाधिकारी हैं। इसके साथ ही प्रियंका वाड्रा द्वारा पुलिस विभाग में 25 प्रतिशत महिलाओं को भर्ती करने का वादा भी किया गया है। कांग्रेस शासित राज्यों में इस मामले में भी उसकी सरकारें कहीं नहीं टिकती हैं। राजस्थान और छत्तीसगढ़ की सरकारों ने अभी तक कुछ ऐसा नहीं किया जिससे पुलिस में 25 क्या 10 फीसदी महिलाओं की भी भागीदारी सुनिश्चित हो सके। महिलाओं के लिए कांग्रेस का घोषणा पत्र लॉन्च करते हुए प्रियंका ने कहा कि इससे दूसरे राजनीतिक दलों पर भी दबाव होगा कि महिलाओं की भागीदारी को गंभीरता से लिया जाए, यह बात प्रियंका सही कह रही हैं लेकिन उनको यह भी ध्यान रखना होगा कि कांग्रेस भी इस अपवाद से बच नहीं पाएगी। सवाल लोग उससे भी पूछेंगे।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि महिलाओं के लिए तैयार किए गए इस घोषणा पत्र को छह हिस्सों में बांटा गया है। पहला स्वाभिमान, दूसरा स्वावलंबन, तीसरा शिक्षा, चौथा सम्मान, पांचवां सुरक्षा और छठा सेहत। उन्होंने कहा कि 40 प्रतिशत महिलाओं को टिकट देने की हमने घोषणा की है। अब इसे 50 प्रतिशत तक पहुंचाया जाएगा। इससे हम राजनीति में महिलाओं की असमानता को ठीक करने की कोशिश करेंगे। यहां भी उनके विरोधी प्रियंका को आईना दिखाते हुए कह रहे हैं कि संसद और विधानसभाओं में कांग्रेसी महिलाओं का प्रतिनिधित्व अभी 10 प्रतिशत से अधिक नहीं है। कांग्रेस के लिए 40 या फिर 50 फीसदी महिलाओं को टिकट देना इसलिए भी आसान नहीं है क्योंकि कांग्रेस में महिला नेताओं की संख्या बहुत कम है। इस बात का एहसास तब और पुख्ता हो गया जब प्रियंका गांधी वाड्रा महिलाओं के लिए घोषणा पत्र जारी कर रही थीं तब उनके अगल-बगल पुरुष नेता ज्यादा मौजूद थे और कांग्रेस की नेत्रियों की संख्या उंगली पर गिने जाने लायक थी।
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प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि ग्रामीण और कुटीर उद्योगों में महिलाओं का सशक्तिकरण होना चाहिए। कांग्रेस यानी प्रियंका वाड्रा के और वायदों की बात की जाए तो वह कह रही हैं कि आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं को 10,000 रुपये मानदेय मिलेगा। सहायता समूहों को चार प्रतिशत की ब्याज दर पर ऋण और मनरेगा में महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके साथ ही मनरेगा के 40 प्रतिशत कार्यों में महिलाओं को आरक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य की 50 प्रतिशत राशन की दुकानों का संचालन महिलाओं द्वारा किया जाएगा। प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि महिलाओं के शैक्षणिक सशक्तिकरण के लिए काई और भी बड़े कदम उठाए जाएंगे। इंटर पास छात्राओं को स्मार्ट फोन दिए जाएंगे। इसी प्रकार स्नातक उत्तीर्ण युवतियों को स्कूटी दी जाएगी। राज्य में वीरांगनाओं के नाम पर 75 दक्षता विद्यालय बनाए जाएंगे। पूरे राज्य में महिलाओं द्वारा संचालित संध्या विद्यालय भी स्थापित किए जाएंगे। खास तौर पर इनका निर्माण शहरों में किया जाएगा। जहां महिलाएं शाम को पढ़ाई कर सकेंगी। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि महिलाओं का सशक्तिकरण सिर्फ विज्ञापन तक ही सीमित रह गया है। सरकार इन विज्ञापनों पर 40 प्रतिशत तक धन खर्च करती है।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायतों में महिला चौपाल का निर्माण किया जाएगा। प्रत्येक गरीब परिवारों को मुफ्त इंटरनेट दिया जाएगा। महिलाओं के लिए निजी क्षेत्र या अंतरराष्ट्रीय विद्यालयों के साथ साझेदारी में दस विश्वस्तरीय आवासीय खेल अकादमी का निर्माण कराया जाएगा। परिवार में पैदा होने वाली प्रत्येक बालिका के लिए एक निश्चित राशि का फिक्स डिपाजिट बनवाया जाएगा। जिन महिलाओं को घरेलू हिंसा का सामना करना पड़ता है उनकी मदद के लिए प्रशिक्षित सामाजिक कार्यकर्ता तैनात किए जाएंगे।
बहरहाल, जानकारों का कहना है कि कांग्रेस की महासचिव प्रियंका वाड्रा के वायदे जमीनी हकीकत से काफी दूर हैं। इस तरह के वायदे वही दल या नेता कर सकता है जिसको यह पक्का भरोसा है कि उसकी सरकार बननी ही नहीं है। प्रियंका वाड्रा ने जो महिलाओं से वादे किए हैं अगर उसको पूरा करना पड़ जाए तो उत्तर प्रदेश का बजट इतना कम पड़ जाएगा कि से उसे 5 गुना तक बढ़ाना पड़ेगा। कुछ इसी तरह के वादे आम आदमी पार्टी के नेता भी कर रहे हैं। कुछ लोग तो प्रियंका को सलाह दे रहे हैं कि वह अपनी टीम बदल दें या फिर यह इस तरह के वायदे करने से पहले किसी अर्थशास्त्री से बात कर लेती ताकि कांग्रेस पार्टी की फजीहत ना होती।
-अजय कुमार
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