शत्रुघ्न, हेमा, स्मृति का गया जमाना, अब चुनाव मैदान में उतरेंगे ये सितारे
ऐसा कहा जा रहा है कि 2019 में कई राजनीतिक दल बॉलीवुड सितारों पर दांव लगा सकते हैं। स्मृति ईरानी, शत्रुघ्न सिन्हा, परेश रावल, हेमा मालिनी, बाबुल सुप्रियो, किरण खेर, जया बच्चन, रूपा गांगुली जैसे कलाकार आज भी संसद के सदस्य हैं।
बॉलीवुड और राजनीति का संबंध बहुत ही पुराना है। हर चुनाव में बॉलीवुड के सितारे प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से किसी ना किसी सियासी पार्टी से जुड़े होते हैं। सुनील दत्त, जयललिता, स्मृति ईरानी, अमिताभ बच्चन, धर्मेंद्र, राज बब्बर, गोविंदा, विनोद खन्ना, शत्रुघ्न सिन्हा, राजेश खन्ना, परेश रावल, हेमा मालिनी, बाबुल सुप्रियो आदि ऐसे दिग्गज कलाकार हैं जिन्होंने राजनीति में भी खुद को स्थापित किया। यह बात और है कि कुछ कलाकारों ने राजनीति में आने के बाद इससे दूरी बना ली तो कुछ ने अपना परचम लहराया है। अब जैसे-जैसे 2019 का आम चुनाव पास आ रहा है वैसे-वैसे कयासों का बाजार गर्म हो रहा है। ऐसा कहा जा रहा है कि 2019 में कई राजनीतिक दल बॉलीवुड सितारों पर दांव लगा सकते हैं। स्मृति ईरानी, शत्रुघ्न सिन्हा, परेश रावल, हेमा मालिनी, बाबुल सुप्रियो, किरण खेर, जया बच्चन, रूपा गांगुली जैसे कलाकार आज भी संसद के सदस्य हैं। तो चलिए आपको बताते हैं कि देश की सबसे बड़ी पार्टी BJP किन कलाकारों पर दांव लगा सकती है।
अक्षय कुमार
अकसर हम अक्षय कुमार को प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री राजनाथ सिंह तथा अन्य BJP नेताओं से मिलते जुलते देखते रहते हैं। अक्षय को मोदी का करीबी भी माना जाता है। अक्षय राष्ट्रवादी विचारधारा को बढ़ावा देते रहते हैं। 'भारत के वीर' वेबसाइट और मोबाइल एप के जरिए अक्षय भारतीय सुरक्षा बलों की मदद भी कर रहे हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि खिलाड़ी कुमार की इस चुनाव में पॉलिटिकल एन्ट्री हो सकती है। BJP उन्हें प्रतिष्ठा की सीट बन चुकी अमृतसर से चुनाव लड़वाने के मूड में है। अमृतसर अरुण जेटली के हार जाने के बाद और नवजोत सिद्धू के कांग्रेस में शामिल हो जाने के बाद भाजपा और कांग्रेस, दोनों के लिए प्रतिष्ठा की सीट बन गई है।
सनी देओल
धर्मेंद्र के राजनीति से अलग हो जाने के बाद ऐसा कहा जा रहा था कि सनी देओल की राजनीति में एन्ट्री हो सकती है पर अब तक ऐसा नहीं हुआ है। 2014 में भी उनके चुनाव लड़ने की संभावनाएं जताई जा रही थी और BJP ने कोशिश भी की थी पर कामयाबी नहीं मिली। अब जबकि 2019 पास में है तो BJP उन्हें मनाने में जुट गई है। अगर इसमें BJP को कामयाबी मिलती है तो उन्हें गुरदासपुर से आजमाया जा सकता है। गुरदासपुर में BJP की पकड़ अच्छी है और वहां से BJP की टिकट पर विनोद खन्ना जीतते आए हैं। पर उनके निधन के बाद BJP इस सीट को गंवा बैठी है।
माधुरी दीक्षित
हाल में ही BJP अध्यक्ष अमित शाह ने संपर्क फॉर समर्थन के तहत माधुरी दीक्षित से मुलाकात की थी जिसके बाद कहा जा रहा था कि BJP माधुरी दीक्षित को राज्यसभा के लिए नामित कर सकती है पर ऐसा हुआ नहीं। इसके बाद अब कयासों का नया दौर शुरू हो गया है जिसमें कहा जा रहा है कि माधुरी दीक्षित को मुंबई में प्रिया दत्त खिलाफ उतार सकती है। बता दें कि माधुरी केंद्र की मोदी सरकार की कई योजनाओं की ब्रैंड ऐंबैसडर भी हैं जिसमें 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' प्रमुख है।
अजय देवगन
कम बोलने और मी़डिया से दूर रहने वालें अजय देवगन वैसे तो राजनीतिक गतिविधियों से खुद को दूर रखते हैं पर BJP की तरफ उनका झुकाव जगजाहिर है। बिहार विधान सभा चुनाव 2015 के दौरान अजय ने BJP के लिए खूब प्रचार भी किया था। BJP अजय देवगन को उत्तर प्रदेश या बिहार की किसी सीट से 2019 के आम चुनावों में उतार सकती है। बता दें कि अजय अपनी फिल्म गंगाजल के बाद बिहार और पूर्वांचल की राजनीति में फिट बैठते हैं।
काजोल
अजय देवगन के इनकार के बाद BJP काजोल को चुनाव लड़ने के लिए मना सकती है। BJP पश्चिम बंगाल को लेकर इस बार कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है। काजोल बंगाली परिवार से आती हैं। ऐसे में भाजपा काजोल को पश्चिम बंगाल के किसी शहरी सीट से चुनावी समर में उतार सकती है।
रवीना टंडन
मस्त-मस्त गर्ल रवीना टंडन की अप्रत्यक्ष रूप से BJP से नजदीकी काफी पहले से है। रवीना समय-समय पर राष्ट्रवादी संगठनों के पक्ष में बात रखती भी रहती हैं। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने उन्हें बाल फिल्म सोसाइटी का अध्यक्ष भी बनाया था। रवीना कई तरह के सामाजिक कार्यों से भी जुड़ी हुई हैं। ऐसा कहा जा रहा कि BJP उन्हें गुजरात या महाराष्ट्र की किसी सीट से उतार सकती है।
मधुर भंडारकर
राष्ट्रवादी विचारधारा से ओत-प्रोत मधुर भंडारकर सुप्रसिद्ध फिल्म निर्माता-निर्देशक हैं। मधुर भंडारकर को नरेंद्र मोदी और अमित शाह का काफी करीबी भी माना जाता है। RSS से भी भंडारकर के रिश्ते काफी मधुर हैं। हाल में ही मधुर भंडारकर ने आपातकाल पर 'Indu Sarkar' नामक फिल्म बनाई थी जिसका कांग्रेसियों ने खूब विरोध किया था पर BJP और राष्ट्रवादी संगठनों ने इसका समर्थन किया था। मधुर भंडारकर का नाम पहले सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष के लिए चल रहा था पर चयन प्रसून जोशी का हुआ। अब ऐसा माना जा रहा है कि 2019 आम चुनाव में BJP इन्हें भी चुनावी मैदान में उतार सकती है।
- अंकित सिंह
अन्य न्यूज़