Raj Kapoor Birth Anniversary: हिंदी फिल्मों के शौमैन थे अभिनेता राज कपूर, कभी पिता के स्टूडियो में लगाते थे झाड़ू
जब बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेताओं की बात हो और राज कपूर का जिक्र न हो। ऐसा तो हो ही नहीं सकता है। उन्हें भारतीय फिल्म इंडस्ट्री का शोमैन कहा जाता था। आज ही के दिन यानी की 14 दिसंबर को राज कपूर का जन्म हुआ था।
जब बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेताओं की बात हो और राज कपूर का जिक्र न हो। ऐसा तो हो ही नहीं सकता है। उन्हें भारतीय फिल्म इंडस्ट्री का शोमैन कहा जाता था। आज ही के दिन यानी की 14 दिसंबर को राज कपूर का जन्म हुआ था। भले ही आज राज कपूर हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन वह अपनी फिल्मों के जरिए आज भी अपने फैंस के दिलों में जिंदा है। न सिर्फ भारत बल्कि विदेशों में भी उन्होंने भारतीय फिल्मों का डंका बजाया। अभिनेता होने के साथ ही राज कपूर निर्माता, निर्देशन, पटकथा, संपादन, गीत, संगीत में भी अपना इंट्रेस्ट रखते थे। आइए जानते हैं उनके जन्मदिन के मौके पर राज कपूर के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
जन्म
पाकिस्तान के पेशावर में 14 दिसंबर 1924 को राज कपूर का जन्म हुआ था। राज कपूर के पिता पृथ्वीराज कपूर थियेटर में काम करने के चलते साल 1930 में मुंबई आ घए। उनके पिता भारतीय सिनेमा के सफल और मशहूर रंगकर्मी होने के साथ अभिनेता भी थे।
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फिल्मी दुनिया में एंट्री
बता दें कि साल 1935 में राज कपूर ने फिल्म 'इंकलाब' से अपने फिल्मी सफर की शुरूआत की थी। लेकिन इस फिल्म में उन्होंने बाल कलाकार का किरदार निभाया था। फिल्म 'नीलकमल' से बतौर हीरो राज कपूर की किस्मत खुली थी। जहां राज कपूर को फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखे सिर्फ एक साल हुआ था, वहीं साल 1948 में उन्होंने महज 24 साल की उम्र में अपना स्टू़डियो खोल दिया था। इस स्टूडियो का नाम उन्होंने आरके फिल्म्स रखा था।
राज कपूर की फिल्म्स
राज कपूर ने हिंदी सिनेमा को एक से बढ़कर एक फिल्में दी हैं। जिनमें 'तीसरी कसम', 'चोरी चोरी', 'अनाड़ी', 'छलिया', 'सत्यम शिवम सुंदरम', 'आवारा', 'श्री 420', 'मेरा नाम जोकर', 'बरसात' 'जागते रहो', 'राम तेरी गंगा मैली', 'प्रेम रोग' और 'बॉबी' फिल्में शामिल हैं। यह फिल्में आज भी दर्शकों को उतनी ही पसंद आती हैं, जितनी की उस दौर में पसंद आती थीं।
लेखन में भी थे पारंगत
राज कपूर ने न सिर्फ अभिनय बल्कि डायरेक्शन के साथ ही उन्होंने लेखन से भी लोगों को दीवाना बनाया था। इस बारे में शायद बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि एक समय पर राज कपूर अपने पिता पृथ्वीराज कपूर के स्टूडियों में काफी कम सैलरी पर काम करते थे। क्योंकि पृथ्वीराज कपूर को अपने बेटे की क्षमता पर बहुत ज्यादा यकीन नहीं था। इसी वजह से उन्होंने राज कपूर को स्टूडियो में झाड़ू लगाने के काम पर रखा था। इस काम के लिए राज कपूर को सैलरी के तौर पर सिर्फ 1 रुपए महीने की सैलरी मिलती थी। हांलाकि बाद में केदार शर्मा ने राज कपूर की प्रतिभा और कला को पहचानते हुए उन्हें फिल्म 'नीलकमल' में बतौर हीरो कास्ट किया था।
अफेयर
फिल्म इंडस्ट्री में राज कपूर और एक्ट्रेस नरगिस की मोहब्बत के किस्से आम हुआ करते थे। कहा जाता था कि राज कपूर नरगिस से बेइंतहा मोहब्बत करते थे। लेकिन यह प्रेम कहानी अपने मुकाम तक नहीं पहुंच सकी। नरगिस के अलावा राज कपूर का नाम वैजयंती माला और जीनत अमान के साथ भी जुड़ा।
मौत
हिंदी सिनेमा को तमाम नायाब फिल्में देने वाले राज कपूर अपने आखिरी समय में अस्थमा की बीमारी से ग्रसित थे। वहीं 2 जून 1988 को 63 साल की उम्र में अस्थमा के अटैक से राज कपूर का निधन हो गया। जिसके बाद राज कपूर के बेटों ऋषि कपूर, रणधीर कपूर और राजीव कपूर ने उनकी सिनेमाई विरासत को आगे बढ़ाने का काम किया।
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