Homi J Bhabha Death Anniversary: होमी जे भाभा को कहा जाता है परमाणु का जनक, उनकी मौत आज भी बनी है रहस्य

आज ही के दिन यानी की 24 जनवरी को भारतीय वैज्ञानिक होमी जहांगीर भाभा का निधन हो गया था। उनका विमान हादसे की शिकार हो गया था। जिसमें होमी जहांगीर भाभा समेत 17 लोगों की मौत हो गई थी।
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित महान भारतीय वैज्ञानिक होमी जहांगीर भाभा की आज ही के दिन यानी की 24 जनवरी को निधन हो गया था। जिस दौरान होमी जे भाभा की मृत्यु हुई, उस दौरान वह भारत के परमाणु कार्य्रम की अगुवाई कर रहे थे। उनका विमान हादसे की शिकार हो गया था। जिसमें होमी जहांगीर भाभा समेत 17 लोगों की मौत हो गई थी। उन्होंने दुनिया में उस दौरान चल रही होड़ को पहचाना था और भारत को परमाणु हथियार संपन्न राष्ट्र बनाने की जरूरत को महसूस किया था। तो आइए जानते हैं उनकी डेथ एनिवर्सरी के मौके पर होमी जे भाभा के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
जन्म और शिक्षा
मुंबई के एक अमीर पारसी परिवार में 30 अक्टूबर 1909 को होमी जहांगीर भाभा का जन्म हुआ था। बता दें कि 18 साल की उम्र में उन्होंने कैंब्रिज यूनवर्सिटी में एडमिशन लिया और मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू की। बाद में उनकी रुचि भौतिकी की ओर बढ़ा। ऐसे में मैकेनिकल इंजीनियर बनने के बाद होमी जे भाभा ने शोधकार्य शुरू किया और नाभकीय ऊर्जा को अपना प्रमुख विषय बनाया।
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परमाणु बम बनाना चाहते थे होमी जे भाभा
कॉस्मिक किरणों पर काम करने के लिए भाभा को नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया था। उन्होंने अपने करियर में परमाणु बम पर काम किया था और वह भारत में परमाणु बन बनाना चाहते थे। इस दौरान पं. नेहरु ने भी इस पर काम करना शुरूकर दिया था। दरअसल, लाल बहादुर शास्त्री को भी उन्होंने ही परमाणु बम के लिए मनाया था। लेकिन परमाणु बम के परीक्षण से पहले ही होमी जे भाभा का निधन हो गया था। उनके निधन के करीब 8 साल बाद राजा रमन्ना और होमी सेठना ने मई 1974 में परमाणु बम का निरीक्षण किया था।
देश की तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने होमी जहांगीर भाभा को अहम पद का ऑफर दिया था। इस बात का अंदाजा आप इससे भी लगा सकते हैं कि भाभा को कैबिनेट मंत्री बनाया जा सकता था और वह मुंबई से दिल्ली शिफ्ट होने वाले थे। लेकिन इससे पहले ही उनका विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
मृत्यु
बता दें कि 56 साल की उम्र में होमी जहांगीर भाभा की 24 जनवरी 1966 को विमान क्रैश में निधन हो गया था। जब वह एयर इंडिया की फ्लाइट 101 में सफर कर रहे थे। तो फ्रांस और इटली की सीमा पर आल्पस पर्वत श्रेणी के माउंड ब्लैंक में क्रैश हो गया था। जब इस मामले की जांच हुई तो इसका आधिकारिक कारण बताया गया कि जिनेवा एयरपोर्ट और पायलट के बीच विमान की स्थिति को लेकर भ्रम पैदा हो गया था, जिस कारण विमान दुर्घटना हुई।
बताया जाता है कि जिस विमान हादसे में होमी जे भाभा की मृत्यु हुई थी, वह जानबूझ कर करवाया गया था। दरअसल, भारत के परमाणु कार्यक्रम पर अमेरिका को बहुत संदेह और आपत्ति थी, इसलिए अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने होमी जे भाभा के विमान को क्रैश करवा दिया था। जिससे कि भारत का परमाणु बम कार्यक्रम आगे न बढ़ सके। लेकिन इस बात को कभी सिद्ध नहीं किया जा सका।
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