Bhupen Hazarika Birth Anniversary: भूपेन हजारिका को गाना सीखने के लिए जाना पड़ा था जेल, दिलचस्प था उनका जीवन
असम के सदिया में 08 सितंबर 1926 को भूपेन हजारिका का जन्म हुआ था। वह सात भाइयों और तीन बहनों में सबसे बड़े थे। बेहद कम उम्र से भूपेन ने संगीत से नाता जोड़ लिया था। उस दौरान भूपेन की उम्र महज 10 साल की थी।
हिंदी सिनेमा के के फेमस गायक भूपेन हाजरिका का आज ही के दिन यानी की 08 सितंबर को जन्म हुआ था। वह मशहूर गायक होने के साथ कवि, संगीतकार, गीतकार और फिल्म निर्माता भी थे। भूपेन को राजनीति में भी दिलचस्पी थी। वह साल 1967-72 के दौरान असम विधानसभा के विधायक भी रहे हैं। बता दें कि इंडस्ट्री में वह सुधाकंठ के नाम से फेमस थे। तो आइए जानते हैं उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर भूपेन हजारिका के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
जन्म
असम के सदिया में 08 सितंबर 1926 को भूपेन हजारिका का जन्म हुआ था। वह सात भाइयों और तीन बहनों में सबसे बड़े थे। बेहद कम उम्र से भूपेन ने संगीत से नाता जोड़ लिया था। उस दौरान भूपेन की उम्र महज 10 साल की थी। उन्होंने 10 साल की उम्र में पहली बार गाना रिकॉर्ड किया था। भूपेन ने साल 1942 में आर्ट्स से 12वीं की पढ़ाई पूरी की। फिर साल 1946 में उन्होंने बीएचयू से एमए पूरा किया। फिर वह जनसंचार में डॉक्टरेट की पढ़ाई करने के लिए 5 साल के लिए न्यूयॉर्क के कोलंबिया विश्वविद्यालय आ गए।
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कई भाषाओं में गाए गाने
बता दें कि भूपेन हजारिका ने 12 साल की उम्र में असमिया फिल्म इन्द्रामालोटि के लिए दो गाने गाएं। उन्होंने हिंदी गानों में जान फूंकने का काम किया। इसके अलावा भूपेन ने बांग्ला, असमिया समेत कई भाषाओं के गानों को अपनी आवाज से सजाया था। आपको जानकर हैरानी होगी कि जब भूपेन पीएचडी कर रहे थे, तो उनकी मुलाकात मशहूर अमेरिकी अश्वेत सिंगर पॉल रॉब्सन से हुई। तब वह अमेरिकी अश्वेत सिंगर पॉल रॉब्सन से संगीत के गुण सीखने लगे।
लेकिन इसकी वजह से उन्हें 7 दिनों तक जेल में रहना पड़ा था। दरअसल, पॉल रॉब्सन अश्वेतों के अधिकारों के लिए आवाज उठाने वाले एक्टिविस्ट थे। इसकी चपेट में भूपेन हजारिका भी आ गए। जिस कारण उन्हें जेल यात्रा करनी पड़ी थी।
करियर
पढ़ाई पूरी करने के बाद हजारिका ऑल इंडिया रेडियो गुवाहाटी में गाना शुरू किया। भूपेन हजारिका बहुमुखी प्रतिभा के लिए जाने जाते थे। वह बंगाली गानों का हिंदी में अनुवाद कर देते थे। इसके अलावा हजारिका ने अपने वास्तविक जीवन पर आधारित कई कहानियां भी लिखीं।
जब भूपेन हजारिका 45 साल के थे, उस दौरान वह महज 17 साल की कल्पना लाजमी को दिल ले बैठे थे। दोनों की पहली मुलाकात फिल्म 'आरोप' के सेट पर हुई। भूपेन और कल्पना के दिल इस तरह मिले कि उन्होंने 28 साल के फासले को दरकिनार कर दिया। दोनों 40 साल तक रिलेशनशिप में रहे।
अवॉर्ड
भूपेन हजारिका को संगीत के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार, पद्मश्री, दादा साहब फाल्के पुरस्कार और पद्म भूषण जैसे पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था। वहीं साल 2019 में उनको देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया था।
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