कोरोना महामारी के दौरान दुनिया ने समझा आयुष की ताकत : योगी आदित्यनाथ
योगी आदित्यनाथ लखनऊ में आरोग्य भारती के अखिल भारतीय प्रतिनिधिमंडल के वार्षिक सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आयुष की ताकत को भले ही दुनिया ने कोरोना कालखंड में समझा हो।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि आयुष हमारी दिनचर्या का हिस्सा है और दुनिया ने भी कोरोना महामारी के दौरान आयुष की ताकत को समझा। योगी आदित्यनाथ लखनऊ में आरोग्य भारती के अखिल भारतीय प्रतिनिधिमंडल के वार्षिक सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आयुष की ताकत को भले ही दुनिया ने कोरोना कालखंड में समझा हो, लेकिन 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयुष से जुड़े सभी विभागों को जोड़कर देश को एक नया मंत्रालय देने का काम किया।
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कोरोना महामारी के दौरान आयुष की उपयोगिता के बारे में मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भारतीय परिवार ऐसा नहीं होगा जो अपने दैनिक भोजन में हल्दी का सेवन न करता हो और इसकी ताकत व सामर्थ्य को पूरी दुनिया ने भी कोविड महामारी के दौरान महसूस किया। उन्होंने कहा कि हल्दी हजारों वर्षों से हमारी दैनिक दिनचर्या का अहम हिस्सा रही है; ये चीजें बताती हैं कि ताकत हमारे पास पहले से थी, लेकिन हमने कभी उन्हें महत्वपूर्ण नहीं समझा। मुख्यमंत्री ने कहा कि योग के साथ भी ऐसा ही हुआ। 21 जून को जब मोदी जी के प्रयास से विश्व योग दिवस के रूप में मान्यता प्राप्त हुई तो भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के करीब 175 देश योग से जुड़ने को लालायित दिखाई दिए। योग के प्रति पूरी दुनिया में जो भाव है वो भारत के समृद्ध आरोग्यता के प्रति भाव को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि आरोग्य भारती अखिल भारतीय स्तर पर संपूर्ण आरोग्यता को प्राप्त करने के लिए विगत 20 वर्षों से काम कर रही है और सदी की सबसे बड़ी महामारी के दौरान आरोग्य भारती के स्वयंसेवकों और कार्यकर्ताओं की कार्य पद्धति को हम सबने महसूस किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आरोग्यता के प्रति सरकार नए-नए प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि आधे रोग तो सतर्कता से दूर किए जा सकते हैं, शेष बीमारियों को दूर करने के लिए थोड़े अलग और नए प्रयास करने होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए आवश्यक है कि हम प्रत्येक व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिए कदम बढ़ाएं और सही मायनों में, स्वस्थ समाज से ही स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण होता है।
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि इस अवसर पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया भी ऑनलाइन माध्यम से कार्यक्रम में मौजूद रहे। योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग के मजबूत हो रहे आधारभूत ढांचे का उल्लेख करते हुए कहा कि 25 करोड़ की आबादी वाले उत्तर प्रदेश में 1947 से 2017 तक यानी 70 वर्षों में केवल 12 मेडिकल कॉलेज खुल पाए थे, लेकिन 2017 से 2022 के बीच 35 नए मेडिकल कॉलेज के साथ एक जनपद एक मेडिकल कॉलेज निर्माण की प्रक्रिया से जुड़ चुके हैं। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने आरोग्य भारती की पुस्तकों का भी विमोचन किया।
सम्मेलन को बतौर विशिष्ट अतिथि संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ.मनमोहन वैद्य ने कहा, ‘‘भारत का जो वर्णन विविध संस्कृतियों के देश के रूप में होता है, वह सही नहीं है, सच्चाई यह है कि भारत में एक संस्कृति है जो विविधताओं का उत्सव मनाती है। वैद्य ने कहा कि भारत में आध्यात्मिक लोकतंत्र प्राचीन काल से ही मौजूद है। उन्होंने कहा कि अध्यात्म आधारित जीवन शैली भारत को विशिष्ट बनाती है।
कोविड-19 महामारी के दौर को याद करते हुए वैद्य ने कहा कि ‘‘अन्य देशों के विपरीत, भारत में, समाज के लोग महामारी के प्रति जागरूक होने के बावजूद दूसरों की मदद के लिए सामने आए। इसलिए, यदि हम सभी के बीच भारत की पहचान को जगाते हैं तो जो विभाजनकारी ताकतें मतभेद पैदा करने और समाज को लड़ाने की कोशिश करती हैं, जो सफल नहीं होंगी। उन्होंने कहा ‘‘धर्म भेदभाव नहीं करता है, यह सभी को जोड़ता है। यदि राष्ट्र को स्वस्थ होना है, तो स्व शब्द को जगाना होगा। दूसरे शब्दों में, स्वाधीनता, स्वावलम्बन और स्वदेशी को जगाना होगा। भारत का यह स्व किसी के खिलाफ नहीं है और इसकी खासियत यह है कि यह सभी को साथ लेकर चलता है।
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