उत्तराखंड में दो जगह महिलाओं की रामलीला ने जीता दिल, हर किरदार निभाती हैं महिलाएं

Ramleela
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देश के हर हिस्से में इन दिनों रामलीलाओं का मंचन किया जा रहा है। महिलाओं द्वारा अभिनीत इस रामलीला के जरिए कई मिथकों को तोड़ने में मदद मिली है।

भारत में सिनेमा की शुरुआत के समय एक दौर ऐसा था जब फिल्मों या मंच पर महिलाओं के किरदार पुरुष निभाया करते थे। उस दौर के उलट आज के समय में महिलाएं हर कार्य करने में निपुण है। यही कारण है कि उत्तराखंड के पिथौरागढ़ और हल्दवानी में ऐसी रामलीलाओं का मंचन हो रहा है जहां रामायण का हर करिदार पुरुषों द्वारा नहीं बल्कि महिलाओं द्वारा निभाया जा रहा है। महिलाओं द्वारा अभिनीत इस रामलीला की काफी चर्चा हो रही है। अपनी इस विशेषता के चलते ये रामलीला काफी बहुचर्तित हो गई है। 

रामलीला के आयोजकों का कहना है कि महिला रामलीला का मंचन कोविड के बाद वर्ष 2021 में शुरू हुआ था। महिलाओं द्वारा आयोजित और अभिनीत इस रामलीला को लेकर आयोजकों ने कहा कि नई शुरुआत करने के उद्देश्य इस रामलीला को शुरू किया गया है। इस रामलीला के जरिए दर्शकों को भी नया अनुभव मिला है, जिससे पुरुष प्रधान सोच को तोड़ने में मदद मिली है।

जानकारी के मुताबिक हल्दवानी में हो रही रामलीला में पांचवीं कक्षा से लेकर नौवीं कक्षा तक की बच्चियां रामायण के किरदार जैसे हनुमान, राम, लक्ष्मण, भरत जैसे मुख्य किरदार निभा रही है। नौवीं कक्षा में भावान श्री राम का किरदार निभाने वाली पूर्णिमा ने मीडिया से कहा कि, मेरा भाई रामायण में लक्ष्मण का किरदार निभाता था। उसी से प्रेरित होकर मैंने महिला रामायण के लिए ऑडिशन दिया, जिसके बाद मुझे राम का किरदार निभाने का मौका मिला। इस किरदार को निभाकर मैं काफी रोमांचित हूं। श्रीराम का किरदर निभाने से मुझे काफी नई बातें सीखने को मिली हैं, जो जीवन के लिए भी लाभदायक है।

महीने भर तक किया अभ्यास

वहीं पिथौरागढ़ में होने वाली रामलीला में भी हर किरदार महिलाओं द्वारा निभाया जा रहा है। यहां रावण का किरदार गृहणी नीमा उप्रेती द्वारा निभाया गया है। उन्होंने मीडिया को कहा कि रावण का किरदार निभाने के लिए चयन होना भगवान का ही आशीर्वाद है। बता दें कि महिला पात्रों में रामलीला को लेकर गजब का जोश देखने को मिलता है। इस रामलीला की तैयारी के लिए सभी महिला किरदारों ने पूरे एक महीने तक अभ्यास किया है। अपने किरदारों को बखूबी निभाने के लिए महिलाओं ने काफी मेहनत से तैयारी की है, जो मंचन के दौरान उनके अभिनय से प्रदर्शित होता है।

रामलीला के आयोजकों का कहना है कि अबतक रामलीला में पुरुष ही मंचन करते थे, मगर अब महिलाएं भी इसका मंचन करेंगी। ऐसे में एक मिथक भी टूटेगा की रामलीला में सिर्फ पुरुष पात्र ही किरदार बखूबी निभा सकते है। 

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