आदिवासी नेता बिरसा मुंडा की जयंती पर दिल्ली के सराय काले खां चौक का नाम बदलकर उनके नाम पर रखा गया
विभिन्न राजनीतिक नेताओं ने आदिवासी कार्यकर्ता को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने मुंडा की जिस प्रतिमा का अनावरण किया उसका वजन लगभग 3,000 किलोग्राम है। आज के दिन को ‘जनजातीय गौरव दिन’ के रूप में भी मनाया जाता है।
पूरे भारत में शुक्रवार को आदिवासी नेता बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती मनाई जा रही है। इस मौके पर केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बड़ी घोषणा की है। इस घोषणा के मुताबिक अब दिल्ली के सराय काले खां चौक का नाम बदलकर आदिवासी नेता बिरसा मुंडा के नाम पर रखा गया है।
मनोहर लाल खट्टर ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में कहा, "मैं आज घोषणा कर रहा हूं कि यहां आईएसबीटी बस स्टैंड के बाहर स्थित बड़े चौक का नाम भगवान बिरसा मुंडा के नाम पर रखा जाएगा।" उन्होंने कहा, "इस प्रतिमा और उस चौक का नाम देखकर न केवल दिल्ली के नागरिक बल्कि अंतर्राष्ट्रीय बस अड्डे पर आने वाले लोग भी निश्चित रूप से उनके जीवन से प्रेरित होंगे।"
अमित शाह ने किया अनावरण
विभिन्न राजनीतिक नेताओं ने आदिवासी कार्यकर्ता को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने मुंडा की जिस प्रतिमा का अनावरण किया उसका वजन लगभग 3,000 किलोग्राम है। आज के दिन को ‘जनजातीय गौरव दिन’ के रूप में भी मनाया जाता है। इस प्रतिमा को पश्चिम बंगाल के दो अनुभवी शिल्पकारों ने तैयार किया है, जिन्होंने सुनिश्चित किया है कि इसके स्वरूप में जीवंतता का भाव समाहित हो। इस बीच, केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सराय काले खां चौराहे का नाम बदलकर ‘‘भगवान बिरसा मुंडा चौक’’ कर दिया।
अमित शाह ने शुक्रवार को यहां रिंग रोड स्थित बांसेरा पार्क के प्रवेश द्वार पर महान आदिवासी नेता बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर उनकी प्रतिमा का अनावरण किया और कहा कि 15 नवंबर 2025 तक पूरा वर्ष ‘‘आदिवासी गौरव दिन’’ के रूप में मनाया जाएगा। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2021 में घोषणा की थी कि भारत हमेशा इस दिन को ‘‘आदिवासी गौरव दिन’’ के रूप में मनाएगा क्योंकि भगवान बिरसा मुंडा का जन्म इसी दिन झारखंड में हुआ था।
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