बुली बाई ऐप : महिला वकीलों के फोरम ने सीजेआई को लिखा पत्र

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सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं को बुली बाई ऐप पर नीलामी के लिए सूचीबद्ध किया गया था, जिसमें तस्वीरें बिना अनुमति के डाली गई थीं और उनसे छेड़छाड़ की गई थी, और यह एक साल से भी कम समय में दूसरी बार हुआ।

नयी दिल्ली| महिला वकीलों के एक निकाय ने भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) एन वी रमण को पत्र लिखकर केंद्र और राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने का शुक्रवार को अनुरोध किया कि अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों को सम्मान के साथ जीवन का अधिकार मिले और सुली डील्स और बुली बाई ऐप विवाद मामले की समयबद्ध जांच का आदेश दिया जाए।

सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं को बुली बाई ऐप पर नीलामी के लिए सूचीबद्ध किया गया था, जिसमें तस्वीरें बिना अनुमति के डाली गई थीं और उनसे छेड़छाड़ की गई थी, और यह एक साल से भी कम समय में दूसरी बार हुआ।

एक पत्र में, दिल्ली उच्च न्यायालय महिला वकील फोरम (डीएचसीडब्ल्यूएलएफ) की सदस्यों ने भारत में अल्पसंख्यक समुदायों को सम्मान और सुरक्षा के साथ जीवन के मौलिक अधिकार को सुरक्षित करने में केंद्र और राज्य सरकारों की विफलता पर प्रकाश डाला और कानून प्रवर्तन एजेंसियों की जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए निवारक उपाय करने का अनुरोध किया।

उसमें कहा गया कि ऐप के अस्तित्व से अधिक अपमानजनक कुछ कायर दिमागों की इस तरह की कोशिश है जिन्होंने दो बार, सार्वजनिक रूप से, आम जनता के बीच खुले तौर पर कट्टरता को व्यक्त किया है और पुलिस और न्यायपालिका द्वारा कार्रवाई की कमी से उन्हें प्रोत्साहित किया जाता है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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