एक के बदले 5 एनकाउंटर, निवेश भी खूब आए, कश्मीर पर प्रोपेगेंडा वाली जो फिल्म महबूबा दिखाना चाह रही, वो वास्तविकता से क्यों मेल नहीं खा रही?

Mehbooba
prabhasakshi
अभिनय आकाश । Aug 19 2023 4:07PM

आर्टिकल 370 के खात्मे के बाद ग्रेनेड हमले में 15 प्रतिशत की कमी आई है। आईईडी धमाके से हताहत होने वाली घटनाओं में 77 प्रतिशत की कमी आई है। आगजनी की घटनाओं में 42 प्रतिशत की कमी आई है।

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने देश की मौजूदा स्थिति की तुलना पाकिस्तान और सीरिया से करते हुए कहा कि 'लोग बंदूकें उठा रहे हैं और एक-दूसरे को मार रहे हैं, जो भारत ने अब तक नहीं देखा है। आप देख सकते हैं कि वे हर जगह कितनी नफरत फैला रहे हैं। आम लोग एक-दूसरे को मारने के लिए बंदूक उठाने के लिए तैयार हैं। यह कुछ ऐसा है जो हमने पाकिस्तान में देखा है। यह कुछ ऐसा है जो सीरिया में हो रहा है। वहां वे अल्लाह हो अकबर चिल्लाते हुए लोगों को मार देते हैं। यहां हम जय श्री राम कहकर हत्या करते हैं। अब क्या अंतर है?

इसे भी पढ़ें: Jammu and Kashmir | आतंकवाद से जुड़े मामले में एसआईयू ने पुलवामा में छापेमारी की

एक निजी चैनल को दिए साक्षात्कार में महबूबा मुफ्ती ने कई ऐसे दावें किए आइए सिलसिलेवार ढंग से परत दर परत इसकी हकीकत को आपको बताते हैं। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि कश्मीर को लेकर दुष्प्रचार जारी है, जैसे कि एक फिल्म का निर्देशन किया जा रहा हो। वास्तविकता ये है कि बरसो से कश्मीर में सत्ता सुख भोगने वाले नेताओं को वहां के ताजा हालात हजम नहीं हो रहे हैं। आर्टिकल 370 के खात्मे के बाद कई तरह के बदलाव देखने को मिल रहे हैं। कश्मीर में इस साल रिकॉर्ड तोड़ पर्यटन हो रहा है। फरवरी 2023 में कश्मीर में 1.2 लाख पर्यटक आए। एक निष्क्रिय पड़े होटल उद्दोग को जीवन का नया संचार इससे मिला। एक साल में कश्मीर आने वाले आंगुतकों के आंकड़ों पर नजर डालें तो ये पिछले वर्ष 25 लाख के आंकड़ों को छूता नजर आया। 25 लाख से ज्यादा पर्यटकों के आगमन से ये संख्या पिछले 75 सालों में सबसे ज्यादा रहा। श्रीनगर के ऐतिहासिक लाल चौक पर घंटा घर के नाम से मशहूर क्लॉक टावर स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर तिरंगे से सुस्जित नजर आया। 

इसे भी पढ़ें: सीमा पार लॉन्च पैडों पर बम बंदूक लेकर बैठे हैं पाकिस्तानी आतंकी, मगर भारत में घुसपैठ की हिम्मत नहीं दिखा पा रहे

आर्टिकल 370 के खात्मे के बाद ग्रेनेड हमले में 15 प्रतिशत की कमी आई है। आईईडी धमाके से हताहत होने वाली घटनाओं में 77 प्रतिशत की कमी आई है। आगजनी की घटनाओं में 42 प्रतिशत की कमी आई है। सुरक्षाबलों से हथियारों के छीने जाने की घटना 60 प्रतिशत की कमी आई। पत्थरबाजी जो एक समय पहले तक कश्मीर की पहचान बनती जा रही थी। लेकिन आर्टिकल 370 के खात्मे के बाद इसमें 92 प्रतिशत की कमी आई। जम्मू-कश्मीर के लोगों को मुख्य धारा से जोड़ने और उन तक विकास के रथ को पहुंचाने में सेना की बड़ी भूमिका रहती है। भारतीय सेना अक्सर ऑपरेशन सद्भावना के तहत जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों तक पहुंचते हैं और अलग-अलग तरह से उनकी मदद करते हैं। आतंकवादी घटनाओं में 32 प्रतिशत की कमी आई है। ऐसे बहुत सारे छोटे-बड़े हिंसा, अपराध या इससे जुड़े आंकड़े हैं जिसमें ग्राफ नीचे की ओर ही जा रहा है। 

इसे भी पढ़ें: 'पथराव की घटना अब दिखाई नहीं देती', J&K पर बोले Amit Shah- पाकिस्तान-हुर्रियत ने नहीं, युवाओं से करेंगे चर्चा

महबूबा मुफ्ती अब जय श्री राम और हिन्दुओं की भीड़ द्वारा हमले की बात कह रही हैं। वो भले ही अभी बीजेपी और मोदी सरकार पर तीखे हमले कर रही हैं, जिनके साथ कभी सत्ता का सुख उन्होंने भी लिया और उत्तर प्रदेश की जीत पर उसी बीजेपी की बधाई देती भी नजर आई थीं। ये वही महबूबा मुफ्ती हैं जिन्होंने कभी कहा था कि अगर आर्टिकल 370 को छुआ भी गया तो तिरंगे को कंधा देने वाला कोई नहीं होगा। आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद नजरबंदी से बाहर आते हुए अपने पहले ही प्रेस कॉन्फ्रेंस में महबूबा मुफ्ती ने कहा था कि मैं जम्मू-कश्मीर के अलावा दूसरा कोई झंडा नहीं उठाऊंगी। लेकिन आज वो तिरंगे के सम्मान की बात कह रही हैं। 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़