Prajatantra: कर्नाटक में अमूल का विरोध करने वाली कांग्रेस केरल में क्यों घिरी? जानें पूरी कहानी
केरल ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए (केरल के) मिल्मा के अध्यक्ष और एमडी सहित एक प्रतिनिधिमंडल को कर्नाटक भेजने की योजना बनाई है। केरल सरकार के सचिव ने भी केंद्र को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है।
कर्नाटक के डेयरी ब्रांड नंदिनी द्वारा केरल में कुछ इकाइयां खोलने को लेकर विवाद के बीच, केरल में डेयरी विकास, दुग्ध सहकारिता मंत्री जे चिंचुरानी ने कहा कि नंदिनी ने राज्य में अपनी विस्तार योजना को रोकने का फैसला किया है। विजयन सरकार इसको लेकर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी। यह ब्रांड विशेष रूप से कर्नाटक के सीमावर्ती जिलों जैसे कासरगोड में लोकप्रिय है। केरल ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए (केरल के) मिल्मा के अध्यक्ष और एमडी सहित एक प्रतिनिधिमंडल को कर्नाटक भेजने की योजना बनाई है। केरल सरकार के सचिव ने भी केंद्र को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है।
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क्या था विवाद
इससे पहले, केरल ने कर्नाटक सरकार द्वारा संचालित कर्नाटक मिल्क फेडरेशन द्वारा दूध, दही और अन्य डेयरी उत्पादों की बिक्री पर आपत्ति जताई थी। केरल मिल्क को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (केसीएमएमएफ) ब्रांड मिल्मा नंदिनी के राज्य में प्रवेश करने पर बिक्री प्रभावित होने को लेकर चिंता व्यक्त की थी। गौर करने वाली बात यह भी है कि नंदिनी और मिल्मा दोनों सरकार समर्थित संगठन हैं। अत: दूसरे राज्य में जाने के लिए उन्हें राज्य की अनुमति लेनी होती है। KCMMF ने अप्रैल में इस पर आपत्ति जताते हुए दूसरे राज्यों में दुग्ध विपणन संघों के प्रवेश को अनैतिक करार दिया था।
बन रहा राजनीतिक मुद्दा
बड़ा सवाल यह भी है कि आखिर यह राजनीतिक मुद्दा क्यों बन गया है? इसकी गूंज सियासी गलियारों में क्यों होने लगी है? केरल इस मामले को लेकर सीधे तौर पर केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की अपील कर रहा है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान गुजरात के मिल्क ब्रांड अमूल द्वारा राज्य में आउटलेट खोले जाने पर नंदिनी ने काफी आपत्ति जताई थी। इसको कांग्रेस ने बड़ा मुद्दा बना लिया था। कांग्रेस नेता राहुल गांधी नंदिनी के आउटलेट पर भी पहुंचे थे। चुनाव में इसका कांग्रेस को फायदा भी मिला। कांग्रेस को कर्नाटक में जबरदस्त जीत मिली। उस समय कांग्रेस ने कर्नाटक के तत्कालीन भाजपा सरकार कि राज्य में अमूल के ताजा दूध और दही बेचने की अनुमति देने के लिए आलोचना की थी।
अब उठ रहे सवाल
अब सवाल इसलिए उठ रहा है कि जब कर्नाटक चुनाव के दौरान कांग्रेस आरोप लगा रही थी कि दूसरे राज्यों के दूध उत्पादक वहां क्यों आ रहे है, वैसे में नंदिनी केरल में अपने पैर क्यों फैला रही है। केरल का साफ तौर पर कहना है कि मिल्मा की बिक्री पर इसका असर पड़ेगा। अमूल बना नंदिनी मुद्दे पर मिल्मा के चेयरमैन के मिल्मा ने साफ तौर पर कहा कि यह प्रथा अनैतिक है। कर्नाटक में अपने प्रमुख उत्पादों को बढ़ावा देने के अमूल के कदम को कर्नाटक में कड़े विरोध का सामना करना पड़ा था। लेकिन नंदिनी ने केरल के कुछ हिस्से में आउटलेट खोले हैं। ऐसे में नंदिनी के इस कदम को कैसे उचित ठहराया जा सकता है।
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मोहब्बत की दुकान का क्या
सवाल कांग्रेस पर उठने लगे हैं। कांग्रेस लगातार मोहब्बत के दुकान की बात करती है। अपने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी भाजपा पर देश में नफरत फैलाने और एक राज्य से दूसरे राज्य के बीच विवाद पैदा कराने का आरोप लगा रहे थे। इसके लिए कांग्रेस नेता की ओर से भाजपा पर भारत देश के संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाए जा रहा थे। वह लगातार मोहब्बत की दुकान खोलने की बात कर रहे थे। ऐसे में नंदिनी का केरल में प्रवेश करना सवालों के घेरे में है। मोहब्बत की दुकान जुमला ही लग रहा है। खुद राहुल गांधी केरल से सांसद रहे हैं। केरल में फिलहाल वामपंथी गठबंधन की सरकार है। यही कारण है कि केरल सरकार कर्नाटक पर जबरदस्त तरीके से हमलावर है। केरल कर्नाटक पर अनैतिक हस्तक्षेप का आरोप लगा रहा है।
जनता की भावनाओं को जीतने के लिए राजनेता ऐसे मुद्दे उठाते रहते हैं जिससे कि चुनाव में उनका फायदा हो सके। चुनाव बाद ऐसे कई मौके भी आते हैं, जब खुद ही राजनेता उन भावनाओं के खिलाफ जाते हैं। यही तो प्रजातंत्र है।
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