योगी आदित्यनाथ से मुकाबला करते रहने के लिए अखिलेश ने छोड़ी लोकसभा

Yogi Akhilesh

योगी आदित्यनाथ 25 मार्च को दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। गोरखपुर से पांच बार सांसद रहे योगी वर्ष 2017 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री बने थे और इस बार विधानसभा का चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा गया।

उत्तर प्रदेश में जहां योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री पद की दोबारा शपथ लेने से पहले तमाम औपचारिकताएं पूरी करने में लगे हैं वहीं विधानसभा चुनावों में सीटें बढ़ने से उत्साहित अखिलेश यादव भी योगी आदित्यनाथ सरकार को विधानसभा में घेरने की तैयारी में जुट गये हैं। इस बार का विधानसभा चुनाव जहां योगी और अखिलेश के बीच का मुकाबला था, तो अब आगे भी ऐसी ही परिस्थितियां बनती दिख रही हैं कि प्रदेश की राजनीति इन दो दिग्गजों के मुकाबले की साक्षी बनती रहेगी।

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जहां तक योगी आदित्यनाथ की बात है तो आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के कार्यवाहक मुख्यमंत्री योगी ने राज्य विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। उत्तर प्रदेश विधान परिषद के प्रमुख सचिव राजेश सिंह ने यह जानकारी देते हुए बताया कि योगी आदित्यनाथ ने विधान परिषद की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है और इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। जानकारी के अनुसार योगी आदित्यनाथ ने सोमवार शाम को विधान परिषद के अध्यक्ष कुंवर मानवेंद्र सिंह को अपना त्यागपत्र भेजा, जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है। उल्लेखनीय है कि हाल के विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी को प्रचंड जीत दिलाने वाले योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर शहर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था और एक लाख से अधिक मतों से वह विजयी रहे।

योगी आदित्यनाथ 25 मार्च को दूसरी बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। गोरखपुर से पांच बार सांसद रहे योगी वर्ष 2017 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद राज्य के मुख्यमंत्री बने थे और इस बार विधानसभा का चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा गया। वैसे विधान परिषद में योगी आदित्यनाथ का कार्यकाल छह जुलाई 2022 तक था।

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दूसरी ओर उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा को चुनौती देने वाले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। अब वह विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बनेंगे। यानि योगी और अखिलेश की जो भिड़ंत अब तक चुनाव प्रचार के दौरान दिखी थी वह विधानसभा के भीतर भी देखने को मिलेगी। नेता प्रतिपक्ष के रूप में उन्हें जनता की आवाज उठाने का अवसर मिलेगा और यदि वह इस भूमिका को सही तरह से निभाते हैं तो सपा को लाभ हो सकता है।

लोकसभा सचिवालय ने बताया कि अखिलेश यादव ने मंगलवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से उनके कक्ष में मुलाकात कर निचले सदन की सदस्यता से इस्तीफे का पत्र सौंपा। हम आपको बता दें कि अखिलेश यादव आजमगढ़ संसदीय क्षेत्र से लोकसभा सदस्य हैं। जब अखिलेश यादव अपना इस्तीफा सौंपने लोकसभा अध्यक्ष के पास गये तो उनके साथ पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य रामगोपाल यादव भी मौजूद थे। हम आपको याद दिला दें कि अखिलेश यादव हाल में उत्तर प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में करहल विधानसभा सीट से निर्वाचित हुए हैं। अखिलेश यादव ने करहल विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार और केंद्रीय राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल को चुनाव हराया था। 

अखिलेश यादव के अलावा एक और सपा सांसद आजम खान ने भी लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। आजम खान ने जेल में रहते हुए ही रामपुर विधानसभा सीट से चुनाव जीता। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी आकाश सक्सेना को मात दी। आजम खान रामपुर से दसवीं बार विधानसभा का चुनाव जीते हैं। आजम खान ने भी अखिलेश यादव की तरह विधानसभा की सदस्यता को तरजीह दी और रामपुर लोकसभा सीट से त्यागपत्र दे दिया। अब उत्तर प्रदेश में आजमगढ़ और रामपुर संसदीय सीट पर उपचुनाव कराये जायेंगे।

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