किसी का समर्थन नहीं किया, तो मेरा मुद्दा कैसे विफल हो सकता है, Maharashtra Assembly Elections के नतीजों पर बोले जरांगे
जरांगे ने कहा, 'कोई यह कैसे कह सकता है कि विधानसभा चुनाव में जरांगे फैक्टर विफल हो गया, जबकि मैंने न तो चुनाव लड़ा और न ही किसी का समर्थन किया? मैंने मराठा समुदाय को इन राजनीतिक दलों के चंगुल से मुक्त कराया। मराठा समुदाय को अपनी पसंद के अनुसार वोट देने की आजादी मिली। मेरा ध्यान मराठाओं को सशक्त बनाने पर है।'
जालना। मराठा आरक्षण आंदोलन के कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में उनके आंदोलन का कोई असर नहीं होने की चर्चा को रविवार को खारिज कर दिया। महाराष्ट्र में 288-सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में महायुति गठबंधन ने 230 सीट जीतकर सत्ता बरकरार रखी। चुनाव परिणाम शनिवार को घोषित किए गए। महायुति गठबंधन में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना और उपमुख्यमंत्री अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) भी शामिल हैं। महायुति ने मराठवाड़ा क्षेत्र की 46 में से 40 सीट जीतीं, जिनमें जालना की सभी पांच सीट शामिल हैं।
जालना, नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर जरांगे के आंदोलन का केंद्र रहा है। इस वर्ष हुए लोकसभा चुनावों में सत्तारूढ़ गठबंधन के खराब प्रदर्शन का श्रेय काफी हद तक जरांगे के आंदोलन को दिया गया था। जरांगे ने विशेष रूप से उपमुख्यमंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता देवेंद्र फडणवीस के खिलाफ तीखी टिप्पणी की थी।
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जरांगे ने कहा, ‘‘कोई यह कैसे कह सकता है कि विधानसभा चुनाव में जरांगे फैक्टर विफल हो गया, जबकि मैंने न तो चुनाव लड़ा और न ही किसी का समर्थन किया? मैंने मराठा समुदाय को इन राजनीतिक दलों के चंगुल से मुक्त कराया। मराठा समुदाय को अपनी पसंद के अनुसार वोट देने की आजादी मिली। मेरा ध्यान मराठाओं को सशक्त बनाने पर है।’’ उन्होंने चुनाव परिणामों पर संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के लिए 204 मराठा उम्मीदवार निर्वाचित हुए हैं।
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जरांगे 20 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले नियमित रूप से उम्मीदवार उतारने या समुदाय की आरक्षण मांग का विरोध करने वालों को हराने की बात करते रहे थे। विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) सिर्फ 46 सीट ही जीत सका। एमवीए में कांग्रेस, राकांपा (शरदचंद्र पवार) और शिवसेना (उबाठा) शामिल हैं। भाजपा को 132 सीट मिलीं, शिवसेना को 57, जबकि राकांपा को 41 सीट मिलीं। एमवीए में शामिल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के उम्मीदवारों ने 10 और कांग्रेस ने 16 सीट जीतीं, जबकि शिवसेना (उबाठा) ने 20 सीट पर जीत दर्ज की।
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