क्या है शरद पवार का दांव? सहयोगियों की अपील दरकिनार कर पीएम मोदी संग यूं ही नहीं साझा कर रहे मंच
शरद पवार इस कार्यक्रम में पीएम मोदी को सम्मानित कर एक तीर से कई शिकार कर सकते हैं। वो आम जनमानस को ये संदेश देने की कोशिश करेंगे कि उनका दिल बहुत बड़ा है। वो बहुत उदार हैं।
शरद पवार आज पुणे में एक कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी को लोकमान्य तिलक पुरस्कार से सम्मानित करने के दौरान मंच साझा किया। एमवीए गठबंधन समेत विपक्ष राकांपा प्रमुख के समारोह में शामिल होने से नाराज है और वह उन्हें ऐसा नहीं करने के लिए मनाने की कोशिश में लगा थे। कुछ विपक्षी नेताओं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) सुप्रीमो शरद पवार से मुलाकात कर मनाने की कोशिश में लगे थे ताकि उन्हें महाराष्ट्र के पुणे में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के अभिनंदन समारोह में शामिल न होने के लिए मनाया जा सके। पुणे में होने वाले इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तिलक स्मारक ट्रस्ट की ओर लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
पवार की यात्रा पर निराशा
विपक्ष ने शरद पवार के मोदी के साथ मंच साझा करने पर चिंता व्यक्त की है। द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, इंडिया गठबंधन के कई नेताओं ने संसद में एक बैठक में इस मुद्दे को उठाया था, उन्हें चिंता थी कि जब विपक्षी गठबंधन मणिपुर हिंसा को लेकर केंद्र सरकार के साथ आमने-सामने है तो यह खराब दृष्टिकोण होगा। इंडिया समूह प्रधानमंत्री से संसद में मणिपुर मुद्दे को संबोधित करने की मांग कर रहा है, जिसके कारण गतिरोध पैदा हो गया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कांग्रेस ने लोकसभा में केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी पेश किया है। द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, इंडिया के कई सदस्यों ने निर्धारित कार्यक्रम में पवार की संभावित यात्रा पर निराशा व्यक्त की, कुछ ने सुझाव दिया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे या किसी अन्य नेता को एनसीपी प्रमुख को मना करना चाहिए।
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पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली
शरद पवार के राकांपा खेमे, कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और कुछ सामाजिक संगठनों ने मंगलवार को पुणे पहुंचने पर प्रधानमंत्री के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने की योजना बनाई है। एनसीपी के पुणे अध्यक्ष प्रशांत जगताप ने कहा कि विरोध इस बात को लेकर है कि मोदी 3 मई से जातीय संघर्ष से जूझ रहे मणिपुर का दौरा नहीं कर रहे हैं. “जब मणिपुर में अशांति है, तो प्रधान मंत्री इस मुद्दे पर कोई चिंता नहीं दिखा रहे हैं, बल्कि पुरस्कार स्वीकार करने के लिए पुणे आ रहे हैं। हम मांग करते हैं कि पीएम को पहले मणिपुर का दौरा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के पास विदेश यात्रा के लिए समय है लेकिन मणिपुर जाने के लिए समय नहीं है। उनके पास संसद में मणिपुर के बारे में बोलने का भी समय नहीं है। कांग्रेस महाराष्ट्र इकाई के उपाध्यक्ष मोहन जोशी ने कहा कि इसकी निंदा करने के लिए, हमने विरोध करने का फैसला किया है, और वरिष्ठ कार्यकर्ता बाबा आधव आंदोलन का नेतृत्व करेंगे। मोदी को उनके 'सर्वोच्च नेतृत्व' और 'नागरिकों में देशभक्ति की भावना जगाने' के लिए लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। कार्यक्रम के बाद, प्रधान मंत्री पुणे में मेट्रो ट्रेनों को हरी झंडी दिखाएंगे और कई विकास परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे।
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शरद पवार का दांव
शरद पवार इस कार्यक्रम में पीएम मोदी को सम्मानित कर एक तीर से कई शिकार कर सकते हैं। वो आम जनमानस को ये संदेश देने की कोशिश करेंगे कि उनका दिल बहुत बड़ा है। वो बहुत उदार हैं। इसके इतर पीएम मोदी के बरक्स वो महाराष्ट्र की सियासत में बरगद के समान विशाल हैं। पीएम मोदी जिनका डंका दुनियाभर की चौपालों में बजता है। वो भी शरद पवार के हाथों सम्मान पाकर गदगद हैं। इसके अलावा वो महाविकास अघाड़ी को भी ये संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि उनके सामने सभी दरवाजे खुले हैं और वो अपना फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं। इसके साथ ही मंच पर उनके बगल में बैठे भतीजे अजित पवार को भी ये संदेश देने की कोशिश होगी कि अभी उनकी बिसात के सामने वो बहुत छोटे हैं।
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